World Health Day 2024: सेहत को सलामत रखने के सस्ते जुगाड़, ताकि सेहत पर हो सभी का अधिकार...
World Health Day 2024: सेहत बनानी है तो जिम जाना ज़रूरी नहीं हैं, गार्डन या काॅलोनी में दौड़ लगा लो और पोटेशियम-फाइबर चाहिए तो ब्रोकोली - एवोकेडो की रट मत पकड़ो, केले को अपनालो। यानि सेहत को बनाकर रखने के लिए पैसा खर्च करने से ज्यादा ज़रूरी है सूझ-बूझ से काम लेना। 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे मनाया जाता है और साल 2024 की थीम है "मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार"।
World Health Day 2024: एक सेहत-हजार नियामत तो सुना ही होगा। लेकिन इसी सेहत को बरकरार रखने के लिए चाहिए होती है शारीरिक और मानसिक मेहनत के साथ सूझ-बूझ की भी ज़रूरत। सेहत बनानी है तो जिम जाना ज़रूरी नहीं हैं, गार्डन या काॅलोनी में दौड़ लगा लो और पोटेशियम-फाइबर चाहिए तो ब्रोकोली - एवोकेडो की रट मत पकड़ो, केले को अपनालो। यानि सेहत को बनाकर रखने के लिए पैसा खर्च करने से ज्यादा ज़रूरी है सूझ-बूझ से काम लेना। 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे मनाया जाता है और साल 2024 की थीम है "मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार"। इस मौके पर हम अपने स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों को पाने के लिए संघर्ष करें लेकिन खुद के शरीर के प्रति अपने कर्तव्य भी याद रखें। थोड़ी सी सूझ-बूझ और सतर्कता से आप न केवल कम कीमत में बेहतर खानपान का बंदोबस्त कर सकते हैं, बल्कि अच्छी आदतें अपनाकर लाइफ स्टाइल डिसीज़ को मात भी दे सकते हैं... कैसे? चलिए जानते हैं।
दिखावे में नहीं दम, कमज़ोर नहीं है जो दाम में है कम
आज कल सोशल मीडिया और दिखावे का दौर है। महंगे शौक पालना और उनका दिखावा करने में कहीं चूक न जाएं, बस इसी की रेस है। अब यूथ को फिट रहना है तो जिम जाना ज़रूरी, और महंगे फल, सब्ज़ियां और प्रोटीन पाउडर ज़रूरी। लेकिन क्या अच्छी सेहत इनके बिना संभव नहीं? अच्छी सेहत सस्ती और सुलभ चीज़ों से भी बनती है। हर घर में ब्रोकोली, पनीर, एवोकेडो और सेब-अंगूर भी रोज़ नहीं आ सकते तो बजाय शिकायत के आप महंगी चीज़ों के सस्ते विकल्प तलाशें। आप खानपान में दलिया, सोया वड़ी, देसी चने और अन्य साबुत अनाज, केले,पालक, शकरकंद, छाछ, मोटे अनाज की रोटी जैसी सस्ती चीज़ें शामिल कर सकते हैं। इनकी फेहरिस्त काफी लंबी है और स्वास्थ्य लाभ अनगिनत। तो अपने परिवार के सामर्थ्य को देखते हुए खानपान में शामिल की जा सकने वाली चीज़ों की लिस्ट बनाएं और उन्हें खाएं।
वाॅक-रनिंग-स्किपिंग हैं पर्याप्त
तेज़ कदमों से तीस से चालीस मिनट रोज़ाना चलना, अपने मोहल्ले की गलियों में दौड़ लेना या रोज़ रस्सी कूदना, या घर में डांस करना, ये ऐसी एक्टिविटी हैं जिनके लिए आपको मंथली पेमेंट करने की ज़रूरत नहीं है। जिम की ज़रूरत मसल दिखाने वाली और टोन्ड बाॅडी के लिए हो सकती है लेकिन सेहतमंद रहने के लिये वाॅकिंग, रनिंग, स्किपिंग, डांसिंग जैसी गतिविधियां भी पर्याप्त हैं।
तन-मन को तंदुरुस्त रखने को चाहिए महज एक योगा मैट और नियमित अभ्यास
योग के लिए कोई अतिरिक्त खर्च नहीं है। महज एक योगा मैट या फिर घर की कोई दरी लें और योगासनों का अभ्यास करें। आजकल तो यू ट्यूब पर ही आपको योगाचार्य से सीखने मिल जाता है कि कोई आसन कैसे लगाना है। फिर ध्यान, ओम का जाप, अनुलोम-विलोम आदि तो आप बहुत ही सरलता से सीख सकते हैं। और इसमें तो कोई दो राय नहीं कि योग तन ही नहीं मन-मस्तिष्क को राहत देता है।
दैनिक जीवन हो व्यवस्थित और एक्टिव, दवाइयों का खर्च घटेगा
देर रात तक जागना,सुबह देर से उठना,निष्क्रिय रहना, घंटों रील्स देखते रहना, जंक फूड खाना जैसी आदतें आपको अंदर ही अंदर कमज़ोर बनाती हैं। आप बीपी, शुगर,मोटापे, जोड़ों में दर्द जैसी लाइफस्टाइल डिसीज़ के शिकार होने लगते हैं और तमाम तरह की दवाइयों पर पैसा खर्चने को मजबूर हो जाते हैं। फिर खुद को बीमार महसूस करने या कमज़ोरी से बड़ा दुख और कोई नहीं। उसके आगे हर सुख फीका है। अपनी दिनचर्या और आदतों को सुधार कर, एक्टिव रहकर आप अपना पूरा जीवन सुंदर बना सकते हैं और जबरन के दवाइयों के खर्च से भी बच सकते हैं।