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World Food Safety Day 2024: 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस, जानें इसका इतिहास और महत्व, भारत में ये फूड प्रोडक्ट्स हैं बैन

आज 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं इसके पीछे का उद्देश्य, इतिहास और महत्व। साथ ही हम आपको ये भी बताएंगे कि भारत में कौन-कौन से फूड प्रोडक्ट्स बैन हैं।

World Food Safety Day 2024: 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस, जानें इसका इतिहास और महत्व, भारत में ये फूड प्रोडक्ट्स हैं बैन
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By Pragya Prasad

रायपुर। 7 जून को दुनिया विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) के रूप में मना रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने दुनिया में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, इसके महत्व को समझने और इसके प्रति बढ़ते खतरे के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 7 जून को वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे घोषित किया है।

सामान्यत: बाहर का खाना होता है लो क्वालिटी का

कई बार हम जो बाहर का खाना खाते हैं, वो लो क्वालिटी का होता है। खाना बनाने के लिए निम्न गुणवत्ता वाले सामान का इस्तेमाल होता है, जो हमें बीमार बना देता है। कई बार ये खाना फ्रेश भी नहीं होता, जिससे हम पेट की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। खाने की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली ने 20 दिसंबर 2018 को फूड सेफ्टी डे मनाने का फैसला किया था। इसके लिए तारीख तय की गई 7 जून। उसके बाद पहली बार वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे 7 जून 2019 को मनाया गया था, तब से लेकर इसे हर साल मनाया जा रहा है।


वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे मनाने के पीछे की वजह

  • इस दिन के माध्यम से लोगों को खाने के कारण होने वाली बीमारियों के बारे में बताया जाता है।
  • इस दिन ये याद दिलाया जाता है कि शुद्ध और सुरक्षित भोजन सभी लोगों का अधिकार है।
  • वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे का मकसद लोगों को खाद्य सुरक्षा के बारे में शिक्षित करना और सुरक्षित भोजन तक सभी लोगों की पहुंच को सुनिश्चित करना भी है।

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के दिन जागरूकता रैली निकाली जाती है। कई जगहों पर कार्यशालाएं और सेमीनार आयोजित किए जाते हैं। खाद्य सुरक्षा के बारे में सुरक्षा बढ़ाने के मामले में टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जाता है। वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) साथ मिलकर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।


World Food Safety Day 2024 की थीम

हर साल UN फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन एक थीम निर्धारित करता है, जिसके तहत विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। World Food Safety Day 2024 की थीम है- 'सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य'। WHO के अनुसार, इस साल की थीम खाद्य सुरक्षा के प्रति सचेत रहने के महत्व को भी बताती है।

ये दिन लोगों को यह भी बताता है कि दूषित खाने से पनपने वाली बीमारियां लोगों के लिए खतरा बन रही हैं। हर साल खाने से होने वाली बीमारियों के 600 मिलियन मामले सामने आते हैं, जिनमें से करीब 4 लाख 20 हजार लोगों की मौत भी हो जाती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार खराब खाने की वजह से एक दिन में तकरीबन 16 लाख लोग बीमार होते हैं। वहीं रोजाना 5 साल से कम उम्र के लगभग 340 बच्चे खराब क्वालिटी के खाने की वजह से अपनी जान तक गंवा देते हैं।

भारत में सेहत के लिए नुकसानदेह कई खाद्य पदार्थों पर प्रतिबंध

FSSAI ने देश में लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले कई खाद्य पदार्थों पर प्रतिबंध लगाया है। इनमें से कुछ फूड आइटम्स में कैंसर पैदा करने वाली खतरनाक चीजें भी पाई गई थीं। हालांकि, जागरूकता की कमी के चलते देश की फूड रेगुलेटर अथॉरिटी की ओर से कभी न कभी बैन कुछ उत्पाद अपने सामान में थोड़ा बहुत बदलाव करके दोबारा बिकने लग जाते हैं।

भारत में साल 2008 से ही चाइनीज मिल्क और उससे बने प्रोडक्ट बैन

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 2008 से ही चाइनीज मिल्क और उससे बने प्रोडक्ट बैन हैं। फूड रेगुलेटर अथॉरिटी ने इनके अंदर मेलामाइन नाम का टॉक्सिक केमिकल पाया था। इसके साथ ही फलों का आर्टिफिशियल राइपनिंग एजेंट भी देश में प्रतिबंधित है। फलों की सप्लाई बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल तरीके से पकाए जाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कैल्शियम कार्बाइड और एथलीन गैस को कैंसर की वजह माना जाता है।

चाइनीज लहसुन पर भारत में बैन

FSSAI ने देश में आयात होने वाले चाइनीज लहसुन पर साल 2019 में बैन लगाया था, क्योंकि इसकी जांच में कैंसर पैदा करने वाले खतरनाक कैमिकल से भरे पेस्टीसाइड का हाई लेवल पाया गया था। इसके साथ ही अथॉरिटी ने कैफीन की बहुत ज्यादा मात्रा वाले पॉपुलर एनर्जी ड्रिंक पर भी बैन लगाया था। हालांकि इस कंपनी ने नाम और इंग्रीडिएंट बदलकर कैंसर के साथ ही डायबिटीज की आशंका से भरी उस ड्रिंक को फिर से लॉन्च कर दिया। देश की फूड रेगुलेटर अथॉरिटी ने हार्ट डिजीज़ की वजह बनने वाले सास फ्रेश ऑयल पर भी बैन लगाया था। इसके अलावा देश में जेनेटिकली मोडिफाइड फूड्स, पोटैशियम ब्रोमेट, फोई ग्रास, ब्रोमिनेटेड वेजिटेबल ऑयल और रैबिट मीट पर भी पाबंदी है।

Pragya Prasad

पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का लंबा अनुभव। दूरदर्शन मध्यप्रदेश, ईटीवी न्यूज चैनल, जी 24 घंटे छत्तीसगढ़, आईबीसी 24, न्यूज 24/लल्लूराम डॉट कॉम, ईटीवी भारत, दैनिक भास्कर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने के बाद अब नया सफर NPG के साथ।

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