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World Diabetes Day/national children's day today (14 November): बच्चों को ऐसे जीना सिखाएं, डायबिटीज़ पास फटक न पाए, अपनाएं ये छोटे-छोटे उपाय

World Diabetes Day/national childrens day today (14 November): बच्चों को ऐसे जीना सिखाएं, डायबिटीज़ पास फटक न पाए, अपनाएं ये छोटे-छोटे उपाय
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By NPG News

NPG DESK

बच्चे घर का चार्जिंग प्वाइंट होते हैं। थके-परेशान मम्मी-पापा भी हंसते-खेलते, शैतानियां करते बच्चे को देखकर खिल उठते हैं और जी लेते हैं ऐसे पलों को, जो जीवन भर की पूंजी बन जाते हैं। और यही मासूम बच्चे अगर खुद ही परेशान हों तो? फिर भला मम्मी-पापा के जीवन में कोई खुशी बच सकती है क्या? आज "बाल दिवस" है यानि बच्चों का दिन। साथ ही आज "वर्ल्ड डायबिटीज़ डे" भी है। आजकल बच्चों में डायबिटीज़ के बढ़ते केसों की खबरें आम हैं। नन्हे-नन्हे बच्चे डायबिटीज़ की चपेट में आ रहे हैं। और डायबिटीज़ में कितना अनुशासित जीवन चाहिए ये तो सामान्यतः बड़ों को पता ही है। तो क्यों न बच्चों को ऐसी जीवनशैली की आदत डालें कि वे स्वस्थ और डायबिटीज़ से मुक्त रहें। खुशी से खेलें, खाएं, मुस्कुराएं और अपने साथ सबके जीवन में खुशियों की बारिश करते जाएं। ऐसे जीवन के लिए क्या करना होगा...?कुछ खास नहीं। बस छोटे-छोटे ये बदलाव-

* फिज़िकल एक्टिविटी है ज़रूरी

मोबाइल आज का सबसे बड़ा सिरदर्द है। बच्चों को मोबाइल गेम की ऐसी लत लगी है कि बस वे मोबाइल पकड़ सोफे से चिपके रहना चाहते हैं। ये आदत बदलनी होगी।

आप बच्‍चों के साथ पैदल चलें, घर में ही बॉल से खेलें और उन्‍हें जो गेम पसंद है वो खेलें। बैठकर खेलने वाले गेम्‍स कम ही खेलें। बच्‍चों को रोजाना कम से कम 60 मिनट फिजिकल एक्टिविटी जरूर करनी चाहिए। इससे बच्चा फिज़िकली फिट तो होगा ही, आपकी और बच्चे की बाॅन्डिंग भी बेहतर होगी यानि फायदा ही फायदा।

* मीठी चीजें थोड़ी कम

ज्यादातर बच्‍चों को मीठी चीजें बहुत पसंद होती हैं लेकिन आपको इस पर नजर रखनी होगी। ध्‍यान रखें कि बच्‍चे मीठी चीजें ज्‍यादा न खाएं। एकदम से भी उनपर मीठा कम करने के लिए पीछे मत पड़ें,धीरे-धीरे उनकी आदतें बदलें। उन्‍हें कैंडी, जूस और अन्‍य प्रोसेस्‍ड फूड खिलाने से बचें।इसके बजाय बच्‍चों को फल, साबुत अनाज और ड्राई फ्रूट्स आदि खाना सिखाएं। बिना शक्कर की स्मूदी भी उनका शौक पूरा करने के लिए बहुत बढ़िया है। शहद या गुड़ डालकर ड्राय फ्रूट्स के लड्डू बनाएं। बच्चे शौक से खाएंगे।

*कमर का घेरा ज्यादा बढ़ने न पाए

अगर आपका बच्‍चा ओवरवेट है तो वजन घटाकर उसे डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। बच्चों का बढ़ता हुआ कमर का घेरा एक एलर्ट है कि सावधान हो जाइए। डॉक्‍टर को बताएं, सलाह लें और बच्चों को बताएं कि सेहतमंद रहने के लिए वजन कम करना कितना जरूरी है। इससे आप न सिर्फ फिट रहते हैं बल्कि आप कई बीमारियों से भी बच सकते हैं।

*बदलें जीवनशैली

कम उम्र में डायबिटीज आनुवांशिक, हार्मोंस में असंतुलन और बिगड़ी हुई जीवनशैली के कारण हो सकती है। खेल-कूद में भाग न लेना, जंकफूड खाने से बच्चों के हार्मोंस में बदलाव होता है जिससे इंसुलिन का स्तर असंतुलित होने से डायबिटीज का खतरा बढ़ता है।

दिन के तीनों टाइम सही समय पर खाना खाने से ब्‍लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। खाना खाते समय टीवी बंद रखें। उस वक्त बच्‍चे के सामने ध्‍यान भटकाने वाली कोई भी चीज नहीं होनी चाहिए। बच्चा पूरा मन लगाकर खाना खाएगा तो संतुष्ट भी होगा, और टीवी - मोबाइल के चक्कर में भूख से ज्यादा खाएगा भी नहीं।

* खानपान हो सही, बढाएं प्रोटीन की मात्रा

कार्ब्स, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स आदि का संतुलित मात्रा बच्चों की अच्छी हेल्थ और अच्छी ग्रोथ के लिए जरूरी है। प्रोटीन की उचित मात्रा डाइट में होने से उनके शरीर और दिमाग का विकास तेजी से होता है। बच्चों की अच्छी ग्रोथ के लिए प्रोटीन की ज्यादा जरूरत होती है इसलिए सोया, पनीर , दूध, दाल, मूंगफली जैसी चीजें उनकी डाइट में शामिल करें। बच्चों को कच्चे फल जो ज्यादा पके और मीठे न हों वे देंं।

अपने बच्‍चे को ऐसी बीमारी से बचाने के लिए पेरेंट्स बहुत कुछ कर सकते हैं। सबसे पहले आपको हेल्‍दी आदतों को अपनाना होगा क्‍योंकि बच्‍चे आपको देखकर ही सीखते हैं। डायबिटीज सामान्यतया एक जानलेवा बीमारी नहीं है लेकिन यह दीर्घावधिक है जो अन्य समस्याओं का कारण बन सकती है। ऐसे में अभिभावकों के लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि वे बच्चों को सही जीवनशैली का महत्व बताएं। वे इसे अपनाएंगे तो डायबिटीज़ की पकड़ में आने का खतरा खुद ब खुद कम हो जाएगा।

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