World Alzheimer's Day 2025: पापा किचन को समझ रहे वाॅशरूम और लेफ्ट की जगह चल पड़ रहे राइट साइड तो इरिटेट न हों, कराएं जांच, कहीं अल्ज़ाइमर तो नहीं...
World Alzheimer's Day 2025: पापा किचन को समझ रहे वाॅशरूम और लेफ्ट की जगह चल पड़ रहे राइट साइड तो इरिटेट न हों, कराएं जांच, कहीं अल्ज़ाइमर तो नहीं...

World Alzheimer's Day 2025: कहते हैं बच्चे और बूढ़े एक समान होते हैं। दोनों को संभालना बेहद मुश्किल। लेकिन बच्चों ने क्योंकि कुछ जाना ही नहीं होता इसलिए उन पर गुस्सा नहीं आता। वहीं जब बुजुर्ग जाने पहचान काम गलत करते हैं तो बच्चों का इरिटेट होना स्वाभाविक है। कभी वे किचन को वाॅशरूम समझ लेते हैं तो कभी कुछ और। ऐसे में जिम्मेदारियों से जूझते मध्य वय के उनके बच्चे इरिटेट हो जाते हैं और चिल्ला पड़ते हैं कि क्या आपको वाॅशरूम भी नहीं मालूम! किचन में पेशाब करेंगे क्या? लेकिन आपको बता दें कि यह एक बड़ी मानसिक बीमारी का लक्षण है जिसे अल्ज़ाइमर के नाम से जाना जाता है। आइये वर्ल्ड अल्जाइमर्स डे (21 सितंबर) पर आपको बताते हैं अल्ज़इमर के लक्षण, जिससे आप अपने परिजनों की इस बीमारी को पकड़ पाएं और उनका इलाज करवा सकें।
अल्ज़ाइमर किस तरह की बीमारी है?
अल्जाइमर एक तरह की मानसिक बीमारी है जो प्रायः 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती हैं, लेकिन 40 से 50 वर्ष की उम्र के लोगों में भी अल्ज़ाइमर के लक्षण देखे जा सकते हैं। इसे आप शाॅर्ट टर्म मैमोरी लाॅस के तौर पर भी समझ सकते हैं।जिसमें पीड़ित हालिया किए गए कामों को भी भूल जाता है।
क्या अल्ज़ाइमर और डिमेंशिया एक हैं?
डिमेंशिया के कई प्रकार हैं। अल्जाइमर उन्हीं में से एक प्रकार है जिसके मामले सबसे अधिक देखे जाते हैं। आप यह समझें कि हर अल्ज़ाइमर एक तरह का डिमेंशिया है। पर हर डिमेंशिया अल्जाइमर नहीं है। अल्जाइमर को मनोभ्रंश के रूप में जाना जाता है।
अल्ज़ाइमर के 10 प्रमुख लक्षण
1. अल्ज़ाइमर का प्रारंभिक लक्षण है हाल-फिलहाल की गई छोटी-छोटी बातों को भूल जाना।
2. अल्ज़ाइमर से पीड़ित व्यक्ति आपसे एक ही सवाल को बार-बार पूछ सकते हैं।
3. उन्हें पैसों का हिसाब करने में दिक्कत आ सकती है और वे बिल बनाने, संख्याओं के सामान्य छोटे-छोटे जोड़-घटाने में गड़बड़ कर सकते हैं।
4. उन्हें किसी छोटे-मोटे काम की योजना बनाने में भी दिक्कत हो सकती है।
5. सामान्य काम के लिए भी उन्हें जरूरत से ज्यादा समय लग सकता है और वे उसमें फोकस भी नहीं कर पाते।
6. उन्हें किसी और डायरेक्शन में जाना होता है और वे किसी और डायरेक्शन में चले जाते हैं। कई बार वे निर्धारित स्थान भी भूल जाते हैं और कहीं और पहुंच जाते हैं। कई बार वे आपसे पूछ सकते हैं कि वे यहां कैसे पहुंचे।
7. अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति को बातचीत समझने और उसमें शामिल होने में परेशानी हो सकती है।
8. वे उदास, भयभीत या चिंतित नजर आते हैं।
9. वे किसी विशेष वस्तु के इस्तेमाल के तरीके को भूल सकते हैं जैसे पैन हाथ में पकड़े होने पर भी उन्हें समझ न आए कि उन्हें इससे लिखना है।
10. स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर वे अपने रिश्तेदारों यहां तक कि अपने बच्चों और अपने लाइफ पार्टनर तक का नाम भूल सकते हैं और उन्हें पहचान भी नहीं पाते।
नोट:- अगर आपके परिजन में भी इस तरह के एक या अधिक लक्षण दिख रहे हों तो तुरंत उन्हें लेकर डाॅक्टर के पास जाएं। वे लक्षणों के आधार पर उनका इलाज करेंगे। योग और मुद्राओं का नियमित अभ्यास करने से भी अल्ज़ाइमर से काफी हद तक राहत मिल सकती है।
