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Wood Apple Benefits: गर्मी की पाचन संबंधी समस्याओं से ही नहीं बचाएगा, पूरी उम्र शरीर का अंदरूनी सुरक्षा कवच बनेगा बेल का फल, जानिए कम ज्ञात तथ्य...

Wood Apple Benefits: बेल फल का नियमित सेवन पेट की आम समस्याओं से तो आपकी रक्षा करेगा ही, साथ ही साथ यह क्रोन्स डिसीज़, अल्सरेटिव कोलाइटस जैसी गंभीर समस्याओं की तीव्रता भी कम करेगा। बेल के सेवन से आपके पेट में गुड बैक्टीरिया की संख्या बढ़ती है। तो आइए विस्तार से जानते हैं बेल के फायदों के बारे में ऐसी बातें जो आपने आज तक कहीं नहीं पढ़ी होंगी।

Wood Apple Benefits: गर्मी की पाचन संबंधी समस्याओं से ही नहीं बचाएगा, पूरी उम्र शरीर का अंदरूनी सुरक्षा कवच बनेगा बेल का फल, जानिए कम ज्ञात तथ्य...
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Wood Apple Benefits

By Divya Singh

Wood Apple Benefits: गर्मी यानि अपच, जी मिचलाना और पेट से जुड़ी तमाम समस्याओं का मौसम। इस दौरान खाया हुआ आराम से पचता नहीं और तकलीफ़ पैदा करता है। ऐसे में गर्मियों में बेल फल का नियमित सेवन आपके लिए बेहद फायदेमंद होगा फिर चाहे आप इसे सीधे ही खाएं या शर्बत बनाकर पिएं। यह पाचन की समस्याओं के साथ-साथ आपके शरीर के लिए अंदरूनी सुरक्षा कवच की तरह भी काम करेगा। बेल के फायदों के बारे में जानने के लिए हमने बात की जाने-माने गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डाॅ. कुलदीप सोलंकी से। तो आइए विस्तार से जानते हैं बेल के फायदों के बारे में ऐसी बातें जो आपने आज तक कहीं नहीं पढ़ी होंगी।

पेट की जटिल समस्याओं के लिए रामबाण है बेल

डाॅ सोलंकी बताते हैं कि बेल फल का नियमित सेवन पेट की आम समस्याओं से तो आपकी रक्षा करेगा ही, साथ ही साथ यह क्रोन्स डिसीज़, अल्सरेटिव कोलाइटस जैसी गंभीर समस्याओं की तीव्रता भी कम करेगा। बेल के सेवन से आपके पेट में गुड बैक्टीरिया की संख्या बढ़ती है। आपको बताएं कि गट में गुड बैक्टीरिया की कमी न सिर्फ बिगड़े हुए पाचन, इन्फ्लेमेशन और पेट की जटिल समस्याओं के रूप में परेशानी का कारण बनती है बल्कि यह ताकत में कमी, मूड स्विंग से लेकर नींद की कमी जैसी समस्याओं की भी वजह बनती है। इसलिए गुड बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाने का प्रयास ज़रूरी है। बेल इस काम में आप की बेहद मदद करेगा। यह गुड बैक्टीरिया की संख्या बढ़ायेगा जो शाॅर्ट चेन फैटी एसिड बनाते हैं। शाॅर्ट चेन फैटी एसिड हमारी सेल वाॅल को रिपेयर करने में काम आता है। साथ ही यह ऐसे हार्मोन्स बनाने में मदद करता है जो भूख को रेगुलेट करता है और शरीर में इंफ्लेमेशन के मार्कर को कम करता है। जिसका फायदा पूरे शरीर को मिलता है।

म्यूकस बनाने में मदद कर बनता है सुरक्षा कवच

म्यूकस हमारे शरीर के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम के साथ- साथ नाक, आंखों से लेकर योनि तक को बाहरी बैक्टीरिया को शरीर में प्रवेश करने से रोकने में मदद करता है। इसलिए इसे 'फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस' कहते हैं यानि बाहरी बैक्टीरिया के आक्रमण से बचाव के लिए सुरक्षा दीवार। यहां महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि बेल के फल का पल्प यानि गूदा म्यूकस बनाने की प्रक्रिया में मदद करता है और इस तरह शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसका असर आपकी जिंदगी की लंबाई ही नहीं, उसकी क्वालिटी भी बढ़ायेगा।

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करे बेल

बेल बैड कोलेस्ट्राॅल घटाने में मददगार है। यह ट्राइग्लिसराइड्स, सीरम और ऊतक लिपिड प्रोफाइल को नियंत्रित करता है और शरीर के भीतर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन या खराब कोलेस्ट्रॉल) के संचय को कम करता है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि बैड कोलेस्ट्राॅल दिल के लिए घातक है यह आर्टरीज़ को ब्लाॅक करता है और हार्ट के लिए उसके काम करना कठिन बनाता है। बेल शरीर में इस बैड कोलेस्ट्राॅल को कम करता है।

लिवर को क्षति से बचाए

बेल में एंटी-फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल प्रापर्टीज़ पाई जाती हैं।साथ ही इसमें बीटा-कैरोटीन भी पाया जाता है जो इससे यह एक तरफ बाॅडी को डिटाॅक्सिफाय करने में मदद करता है वहीं लिवर को किसी भी तरह के इंफेक्शन और क्षति से बचाने में मदद करता हैं। यूं कह सकते हैं कि बेल लिवर टाॅनिक की तरह काम करता है।

कैंसर के विकास को रोके

बेल का फल एंटी ट्यूमर एक्टिविटीज़ का प्रदर्शन करता है। कैंसर भी कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि ही है जो आगे चलकर ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। बेल के फल में फाइटोकेमिकल यौगिक के रूप में कैरोटेनाइड, फेलोलिक्स, टैनिन, एल्कलॉइड, टर्पेनॉइड, स्टेरॉयड सैपोनिन, कार्डियक ग्लाइकोसाइड्स एवं लिग्निन आदि तत्व होते हैं। शोध के अनुसार ये तत्व प्रत्यक्ष तौर पर कैंसर को बढऩे से रोकते हैं। खासकर ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम की दिशा में इसके नतीजे उत्साह बढ़ाने वाले हैं।

शुगर कंट्रोल में मददगार

शोध के अनुसार बेल के अर्क में एंटीडायबिटिक गुण भी पाए गए हैं। इसके पल्प में एथनोलिक एक्सट्रैक्ट होता है जो ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। यह रक्त में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है लेकिन यह याद रखें कि यह एक मीठा फल है इसलिए डायबिटीज के पेशेंट्स इसका सेवन सीमित मात्रा में करें और यदि शर्बत का सेवन करें तो शक्कर का इस्तेमाल न करें।

वजन कम करने में मददगार

बेल उन लोगों के लिए भी बेहद उपयोगी है जो वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं। यह फाइबर से भरपूर है। मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है और शरीर को तेजी से वजन कम करने में मदद करता है।

स्किन के लिए फायदेमंद

एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल गुणों से भरपूर बेल स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह त्वचा का संक्रमण से बचाव करता है। चकत्तों को ठीक करता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण चेहरे की सूजन दूर होती है और स्किन की विसंगतियां दूर होती हैं।

Divya Singh

दिव्या सिंह। समाजशास्त्र में एमफिल करने के बाद दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी, भोपाल से पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण की। दैनिक भास्कर एवं जनसत्ता के साथ विभिन्न प्रकाशन संस्थानों में कार्य का अनुभव। देश के कई समाचार पत्रों में स्वतंत्र लेखन। कहानी और कविताएं लिखने का शौक है। विगत डेढ़ साल से NPG न्यूज में कार्यरत।

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