Winter Stroke And Heart Attack: ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के बढ़ते मामले बढ़ा रहे चिंता, जाने कारण और बचाव के उपाय...
Winter Stroke And Heart Attack: ठंड बढ़ने के साथ-साथ ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के बढ़ते मामले डरा रहे हैं। हर साल सर्दियों के दौरान इस तरह की खबरें आती हैं। डॉक्टर के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापे और सांस की बीमारियों से ग्रस्त लोग इसकी चपेट में ज्यादा आते हैं। ठंड से खुद का बचाव, नियमित व्यायाम और पोषक आहार जैसी कुछ आदतें जान का जोखिम बनने वाली इन समस्याओं से बचाने में हमारी मदद कर सकती हैं। यह आम प्रश्न है कि सर्दियों के दौरान ही इस तरह के मामले ज्यादा क्यों बढ़ते हैं? आइए इस बात का जवाब जानते हैं और इससे बचाव के तरीकों पर भी बात करते हैं।
क्यों आता है ब्रेन स्ट्रोक?
हमारे दिल से दिमाग तक ब्लड की लगातार पूर्ति होती रहती है। और इसी से दिमाग की कोशिकाएं जिंदा रहती हैं। अगर दिमाग तक ब्लड की सप्लाई प्रभावित हो जाए या रुक जाए तो दिमाग की कोशिकाएं धीरे-धीरे मरने लगती हैं इससे ब्रेन स्ट्रोक आता है। धुंधला दिखना, तेज सिरदर्द, बैलेंस बनाने में दिक्कत होना, चक्कर आना, चेहरे, हाथ या पैर में कमजोरी महसूस होना या सुन्न पड़ना जैसे लक्षणों पर तुरंत अस्पताल जाएं।
क्यों आता है हार्ट अटैक?
सर्दियों में अलसुबह हार्ट अटैक के बहुत मामले सामने आते हैं।सर्दियों में ही ऐसा अधिक होने का कारण यह है कि इस मौसम में शरीर की धमनियां और नसें सिकुड़ जाती हैं।इसलिए शरीर के अन्य हिस्सों में खून को पहुंचाने के लिए दिल पर अधिक दबाव पड़ता है। यानी उसे अधिक बल लगाना पड़ता है। इसलिए बीपी बढ़ जाता है। जो हार्ट अटैक,हार्ट फेल तक का कारण बन सकता है। साथ ही इस मौसम में रक्त गाढ़ा और चिपचिपा हो सकता है और थक्के बनने की संभावना होती है, इससे भी हार्ट अटैक आ सकता है। सीने में तेज दर्द, मतली, चक्कर आना, सांस की तकलीफ, जबड़े, पीठ, गर्दन या कंधों का सुन्न होना या झुनझुनी, अत्यधिक थकान महसूस होना, ठंडा पसीना, सीने में बेचैनी और जलन के अहसास जैसे लक्षण देख सावधान हो जाएं। पहले से हाई बीपी और दिल की दूसरी बीमारियों वाले लोग विशेष सावधानी बरतें।
बचाव के उपाय
ठंड के संपर्क में आने से बचें अगर ठंड बहुत तेज है तो अपना बचाव स्वयं करें। गर्म कपड़े पहनें। एक के ऊपर एक लेयर में कपड़े पहनें। सुबह बहुत जल्दी मॉर्निंग वॉक पर जाने से बचें। गर्म पानी पीते रहें। शरीर को गर्म रखने का हर संभव प्रयास करें।
नियमित व्यायाम
सर्दी के मौसम में आलस बढ़ता है। लोग अपनी रूटीन की एक्सरसाइज छोड़कर आराम तलब जीवन बिताने लगते हैं। यह आरामतलबी हमारे लिए घातक हो सकती है। शरीर को एक्टिव रखें। घर के अंदर की जा सकने वाली एक्सरसाइज करें। ठंड में बाहर दौड़ने से परहेज करें लेकिन एक्टिवनेस में कमी ना आने पाए। जब हम एक्टिव रहते हैं तो हाई बीपी, डायबिटीज जैसी समस्याएं भी कंट्रोल में रहती हैं और वजन भी बढ़ने नहीं पाता।
नियमित बीपी - शुगर जांचते रहें
वैसे भी डॉक्टरों की सलाह होती है कि 40 साल की उम्र के बाद नियमित रूप से अपना बीपी जांचना चाहिए क्योंकि बीपी के लक्षण कई बार आसानी से पकड़ में नहीं आते। और शुगर के मरीजों को तो पता भी नहीं चल पाता कि उन्हें हार्ट अटैक आया है। इसलिए यदि आप सतर्क रहेंगे, अपना बीपी जांचते रहेंगे, तो आप उसे हिसाब से अपनी केयर भी करेंगे। यानी सतर्कता ही समझदारी है।
लें पोषक आहार
इस मौसम में हमें ऐसी चीज़ें खानी चाहिए जो पोटेशियम, मैग्नीशियम,फाइबर आदि से भरपूर हों। दरअसल पोटेशियम सोडियम के प्रभावों का प्रतिकार करने में मदद करता है, वहीं मैग्नीशियम रक्त वाहिकाओं को आराम देने में मदद करता है। जिससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है।इस तरह ये बीपी को नियंत्रित रखने में मददगार होते हैं। इस मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियां, लहसुन, गाजर, चुकंदर, बादाम-अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स डाइट में ज़रूर शामिल करें। और तली हुई,हाई फैट वाली चीज़ें खाने से परहेज करना चाहिए।