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Wax on Apples : "रोज एक लाल-लाल सेब खाओ, डॉक्टर के पास जाओ", सेब में केमिकल वाले रंग और मोम की ऐसे करें जाँच

Wax on Apples : फलों को चमकाने के लिए उस पर केमिल्कल वाले कलर और वैक्स की कोटिंग की जाती है। हैरानी की बात यह है कि असली-नकली में पहचान करना मुश्किल हो सकता है। लेकिन ऐसे फल सेहत पर भारी पड़ सकते हैं।

Wax on Apples : रोज एक लाल-लाल सेब खाओ, डॉक्टर के पास जाओ, सेब में केमिकल वाले रंग और मोम की ऐसे करें जाँच
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By Meenu

Wax on Apples : 'एकदम लाल लाल एपल, रोज एक एपल खाओ, डॉक्टर के पास जाओ'। अरे ये क्या कह दिया... नहीं-नहीं गलत नहीं कहा एकदम सच बात है ये. आज कल मार्किट में बाकि फलों के साथ लाल-लाल जो सेब आ रहे हैं तो सेहत के लिए फायदेमंद कम नुकसानदेय जाता है.

खाने-पीने की चीजों में मिलावट करना, उनके रंग बदलना, उनकी बनावट से छेड़छाड़ करना और उनमें खतरनाक केमिकल्स मिलाना बहुत आम बात हो गई है। ताजा मामला सेब के रंग बदलने और उसमें केमिकल्स वाले खतरनाक केमिकल्स रंग चढ़ाने का है।

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कोई व्यक्ति सेब पर हुबहू वैसा ही रंग चढ़ा रहा है, जैसा मीठे, रसीले और लाल रंग के सेब का होता है। जाहिर है पेड़ से टूटे सेब को कुछ खास बनाने के लिए ऐसा किया जा रहा होगा। भला ऐसा सेब खाने से कौन बीमार नहीं होगा?

https://x.com/Tiwari__Saab/status/1808504682572087647

सेब पर वीजावैक्स, कर्नाउबा वैक्स और शेलैक वैक्स तीन तरह की परत

फलों को चमकाने के लिए उस पर केमिल्कल वाले कलर और वैक्स की कोटिंग की जाती है। हैरानी की बात यह है कि असली-नकली में पहचान करना मुश्किल हो सकता है। लेकिन ऐसे फल सेहत पर भारी पड़ सकते हैं। सेब को ज्यादा चमकदार और लाल दिखाने के लिए उस पर मोम की परत चढ़ाई जाती है। सेब पर वीजावैक्स, कर्नाउबा वैक्स और शेलैक वैक्स तीन तरह की परत चढ़ाई जाती है।



वैक्स और नकली रंग वाले सेब खाने के नुकसान

एमडी डॉ आशीष दुबे के अनुसार मोम की परत में मॉर्फलिन नामक रसायन का इस्तेमाल लीवर या किडनी की खराबी पैदा कर सकता है। इतना ही नहीं, इससे मतली, उल्टी और पेट दर्द हो सकता है। आप खुद से फल और सब्जियों से मोम की परत को हटा सकते हैं। इसके लिए इन्हें थोड़े से गुनगुने पानी और हल्के ब्रश से धो सकते हैं। कभी-कभी फलों पर मोम लगाने से पहले उन्हें कीटनाशक लगाए जाते हैं। अगर मोम लगाने की प्रक्रिया सही से ना की जाए तो फलों पर कीटनाशक के अवशेष रह सकते हैं जिन्हें खाना नुकसानदायक होता है। बहुत ज्यादा मात्रा में मोम खाने से पेट खराब, दस्त, या मितली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।


सेब में केमिकल वाले रंग और मोम की ऐसे करें पहचान



पेड़ से टूटे सेब के रंग कई तरह के हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ लाल सेबों में हल्का पीलापन या धारियां हो सकती हैं। वहीं कृत्रिम रंग वाले सेब अक्सर एकदम से एक जैसे या बहुत ज्यादा चमकीले दिखते हैं। यह पता लगाने का एक आसान तरीका है कि आपके सेब में मोम है या नहीं, उन्हें एक कटोरे या सिंक में रखें और उन पर उबलता हुआ गर्म पानी डालें। अगर आपको छिलके पर एक सफ़ेद, मोमी परत दिखाई देने लगे तो समझ जाइए कि आपके हाथों पर मोम है।


वैक्स लगे सेब की ऐसे करें जांच

पेड़ से टूटे सेब थोड़े कम चमकते हैं और देखने में हल्के फीके लग सकते हैं लेकिन वैक्स की कोटिंग के सेब ज्यादा चमकदार या छूने में चिपचिपे लग सकते हैं। बाजार से सेब लाने के बाद उन्हें धोकर देखें कि रंग छूटता है या नहीं। प्राकृतिक रंग नहीं छूटेंगे।


रगड़कर या छीलकर देखें

सूखे कपड़े से सेब को हल्के से रगड़ें। अगर कृत्रिम मोम है तो हल्का सा अवशेष कपड़े पर लग सकता है। प्राकृतिक मोम ऐसा कुछ नहीं छोड़ेगा। थोड़ा सा छीलकर देखें कि अंदर का रंग कैसा है। कृत्रिम रंग छिलके के नीचे तक जा सकता है।


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