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Urinary Tract Infections: (UTI) : गर्मियों में बढ़ जाते हैं यूटीआई के मामले, महिलाएं होती हैं बेहद परेशान, संकोच छोड़ तुरंत लें डाॅक्टर की सलाह

Urinary Tract Infections: (UTI) : गर्मियों में बढ़ जाते हैं यूटीआई के मामले, महिलाएं होती हैं बेहद परेशान, संकोच छोड़ तुरंत लें डाॅक्टर की सलाह
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By Divya Singh

Urinary Tract Infections-(UTI) : यूटीआई या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन ऐसी तकलीफ़ है जिसका सामना आमतौर पर हर औरत को कभी न कभी करना पड़ता है। गर्मियों में तो इसके मामले और बढ़ जाते हैं। गर्मियों में पसीना अधिक आने से बैक्टीरिया आसानी से पनपते हैं। साथ ही कम पानी पीने की गलती करने पर यूटीआई की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि यूरिन कम होती है और बैक्टीरिया नहीं निकल पाते। हालांकि पुरुषों को भी यह समस्या होती है लेकिन औरतों में यह अधिक आम और जटिल होती है। इस तकलीफ़देह स्थिति में बार-बार वाॅशरूम जाने की ज़रूरत महसूस होती है जबकि यूरिन कम होती है। पेशाब में बेहद जलन होती है। कई बार तेज़ ठंड लगने के साथ बुखार भी आ जाता है। बार-बार यह तकलीफ़ होने और प्राॅपर इलाज के अभाव में यह किडनी को भी डैमेज कर सकती है। इसलिए समय पर ट्रीटमेंट लेना ज़रूरी है। क्यों हो जाता है यूटीआई और क्या हैं इसके लक्षण, जानते हैं।

क्यों होता है यूटीआई

आमतौर पर यूटीआई तब होता है जब मूत्राशय और उसकी नली में ई-कोलाई बैक्टीरिया के कारण इंफेक्शन हो जाता है। बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट (Urinary Tract) के माध्यम से शरीर में घुसते हैं और ब्लैडर और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं। वैसे तो यूटीआई किसी भी सीज़न में हो सकता है लेकिन सर्वे के अनुसार गर्मी के मौसम में इसके पेशेंट्स बढ़ जाते हैं।

महिलाओं में यह समस्या ज्यादा कॉमन इसलिए है क्योंकि महिलाओं का Urethra (ब्लैडर को ट्रैक्ट से जोड़ने वाला ट्यूब) पुरुषों से छोटा होता है। इससे बैक्टीरिया को अंदर तक पहुंचने में आसानी होती है।

यूटीआई होने के कारण

यूटीआई का मुख्य कारण ई कोलाई बैक्टीरिया है। संक्रमण के लिए जिम्मेदार बहुत सी वजहें हो सकती हैं जैसे-

1. गंदा टॉयलेट इस्तेमाल करना

2. प्राइवेट पार्ट्स की साफ-सफाई की तरफ से लापरवाही बरतना

3. इंटरकोर्स के दौरान कीटाणुओं का प्रवेश

4. टाइट अंडर गारमेंट्स पहनना। पसीने से कीटाणु जल्दी पनपते हैं।

5. यूरिन को जबरन रोकना

6. गर्भनिरोधक का अधिक उपयोग

7. लूज़मोशन के कारण भी कई बार संक्रमण होता है।

8. डायबिटीज़ और पथरी के पेशेंट इससे जल्दी ग्रस्त होते हैं।

9. इम्यूनिटी कमज़ोर होने पर

10. स्वीमिंग पूल में नहाने के बाद ठीक से शाॅवर न लेना, ढंग से बाॅडी को न पोंछना या गंदे स्वीमिंग पूल में तैरना।

11. पीर‍ियड्स के द‍िनों में यूटीआई होने की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।

० यूटीआई को इन लक्षणों से पहचाने

यूरिन के दौरान बहुत तेज जलन होना इसका प्राथमिक लक्षण है, जो बताता है कि आपको इंफेक्शन हो रहा है। अन्य प्रमुख लक्षण ये हैं-

  • - पेट के निचले हिस्से और कमर में दर्द होना
  • -बुखार आना
  • -ठंड लगना और कंपकंपी महसूस होना
  • -यूरिन में खून या पस आना
  • - यूरीन का कलर बदलना और तेज दुर्गंध आना आदि

० यूटीआई से बचाव के उपाय

जैसे ही आप लक्षणों को पकड़ लें, तुरंत पानी पीना बढ़ा दें। ज्यादा पानी पीने से यूरीन तेज़ी से पास होती है जिससे मूत्र मार्ग में मौजूद संक्रमण को बाहर निकालने में मदद मिलती है। ध्यान रखें कि आप यूरिन को रोकने की कोशिश न करें। यूरिन के बाद और इंटरकोर्स के बाद भी प्राइवेट पार्ट को अच्छी तरह से साथ करने की आदत इस संक्रमण से बचाती है। काॅटन के अंडर वियर पहनें।

आप ज्यादा पानी पीकर इस संक्रमण से अपेक्षाकृत जल्दी मुक्ति पा सकते हैं। खानपान में दही, संतरा, नींबू, ब्रोकोली, पालक जैसी चीज़ें बढ़ा दें। हल्का इंफेक्शन ज्यादा पानी पीने और ब्लैडर को साफ रखने से जल्दी ठीक हो जाता है। गंभीर संक्रमण की स्थिति में डाॅक्टर टेस्ट कराने के बाद एंटीबायोटिक्स देंगे। जिससे आपको राहत मिलेगी। लेकिन यूटीआई बार-बार न हो इसके लिए पर्सनल हाइजीन पर ध्यान देना ही सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।

Divya Singh

दिव्या सिंह। समाजशास्त्र में एमफिल करने के बाद दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी, भोपाल से पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण की। दैनिक भास्कर एवं जनसत्ता के साथ विभिन्न प्रकाशन संस्थानों में कार्य का अनुभव। देश के कई समाचार पत्रों में स्वतंत्र लेखन। कहानी और कविताएं लिखने का शौक है। विगत डेढ़ साल से NPG न्यूज में कार्यरत।

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