Triphala Churna: जानिए त्रिफला चूर्ण किस समय सेवन करने से बन जाता है 'रेचक' और किस समय सेवन करने से बन जाता है 'पोषक', होते हैं कौन से फायदे...
Triphala Churna: त्रिफला चूर्ण किस समय सेवन करने से बन जाता है 'रेचक' और किस समय सेवन करने से बन जाता है 'पोषक', होते हैं कौन से फायदे...
त्रिफला चूर्ण: त्रिफला चूर्ण एक ऐसी औषधि है जिसका प्रयोग घर-घर में किया जाता है। आम तौर पर पेट में गैस की समस्या हो या पेट में गैस ज्यादा हो, अपच आदि की समस्या होने पर लोग इसे पानी के साथ लेते हैं कि थोड़ा आराम मिलता है। लेकिन आपको बताया गया है कि त्रिफला केशिल्स का बाजार में बोलबाला है। इस लेख में हम आपको वैज्ञानिक बताते हैं कि त्रिफला केश कैसे एक बार खाने वाले से 'रेचक' बन जाता है और दूसरी बार कैसे खाने वाले से 'रेचक' बन जाता है। यानी आप जिस स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति चाहते हैं, उस खाते से इसे लेने का समय निर्धारित करें और त्रिफला का पूर्ण लाभ प्राप्त करें।
पहले जान लें कि त्रिफला क्या है
त्रिफला तीन फलों की सब्जी, बिभीतकी (बहेड़ा) और हरीतकी (हरड़) को मिलाकर
तैयार है. इसे इन तीनों के सूखे पत्तों को पीसकर पाउडर के रूप में तैयार किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला शरीर में वात, पित्त और कफ के तीन दोषों को प्रभावित करता है। कब्ज और गैस की समस्या का मोटापा कम करना, मोटापा कम करना, मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देना, त्रिशूल शर्करा को नियंत्रित करना, हृदय और त्वचा से जुड़ी समस्याएं, मूत्र विकार आदि को भी ठीक करना शामिल है। अब आगे जानिए कि त्रिफला के रेचक और पोषक तत्व क्या हैं।
त्रिफला केक इस समय लेने पर बनता है 'रेचक'
आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला एक 'रेचक औषधि' है। यदि त्रिफला का सेवन रात को सोने से पहले गुणगुणे दूध के साथ किया जाए तो यह रेचक (रेचक - रेचक) का काम करता है। यानि कि इससे आपके शौचालय को खाली करने में मदद मिल सकती है। रियलफला पाचन अग्नि को बेहतर बनाने में मदद करता है जिससे पाचन में सुधार होता है जिससे शरीर में मल के आसान तत्वों को बढ़ावा मिलता है जिससे कब्ज से राहत मिलती है। इन सभी परीक्षणों के लिए आपको त्रिफला रात को सोने से पहले लेना चाहिए।
रात को सोने से पहले एक त्रिफला गुनगुने दूध या फिर गुनगुने पानी के साथ ही लेने से आपको आराम मिलता है साथ ही यह पेट की जलन को भी शांत करता है और सूजन को भी कम करता है। इसमें नवीनतम पुस्तक की समीक्षा की गई है और गैस, एसिडिटी, ब्लोटिंग, पेट में दर्द और अपच आदि जैसी पेट संबंधी विभिन्न समस्याओं को भी दूर किया गया है।
त्रिफला केक इस समय लेने पर बनता है 'पोषक'
वहीं दूसरी तरफ अगर आपका उद्देश्य त्रिफला से पोषण प्राप्त करना है तो आपको इसका सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए। या फिर आधा घंटे बाद भी आप इसे गुणुने पानी के साथ ले सकते हैं। जैसा कि हमने आपको बताया था कि त्रिफला तीन औषधीय गुण- हरड़ और बहेड़ा का मिश्रण है तो क्योंकि ये त्रिफला तीन ही फल कमाल के गुण रखते हैं इसलिए इनके मिश्रण में शक्तिशाली गुण आ जाते हैं। इसमें विटामिन सी, कई एक्टिव कंपाउंड, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेट्री, एंटीफंगल, हाइपोग्लाइसेमिक मिश्रण के साथ कई सारी चीजें पाई जाती हैं। इसलिए इसके कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इसके 'पोषक' पेट के फायदे के लिए आपको त्रिफला का सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए।
संक्षेप में जानें त्रिफला के फायदे
0 ट्राइफला मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है। कैलोरी को तेजी से बर्न किया जाता है और वेट कम करने में मदद मिलती है।
0 ट्राइफला में हाइपोग्लाइसेमिक गुण पाए जाते हैं।
यह टाइप करता है टू वारिस्ट का खतरा कम करता है।
त्रिफला कब्ज़ से राहत मिलती है और पेट की विभिन्न समस्याएं जैसे गैस, एसिडिटी, ब्लोटिंग, पेट दर्द और अपच आदि दूर हो जाती हैं ।
0 त्रिफला मूत्रजनित स्कूटर में भी स्वादिष्ट है। इसके विरोधी विचारधारा प्रापार्टी के विकास को रोका जाता है।
0 विटामिन सी से भरपूर त्रिफला आपकी इम्युनिटी प्राप्त है।
0 त्रिफला मानसिक तनाव को दूर करने में मदद करता है।
0 इसके सेवन से बाल मजबूत होते हैं और उनका रूखापन कम होता है।
0 यह आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए भी जादुई है।
0 त्रिफला के सेवन से एजिंग प्रभाव स्तब्ध हो जाते हैं। यह कोलेज के निर्माण में सहायता करता है और आपको जवानों के रखरखाव में मदद करता है।
0 त्रिफला दांतों को कैविटी से बचाया जा सकता है और मसूदों को सुरक्षित रखा जा सकता है।
0 त्रिफला आदर्श दृष्टि में सुधार कर दृष्टि को तेज बनाता है। यह आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और ग्लूकोमा, मोतियाबिंद जैसी जटिल समस्याओं से भी आपका बचाव करता है।