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Triphala Benefits in Hindi: सिर्फ कब्ज़ ही नहीं, इन समस्याओं से निज़ात पाने के लिए भी वरदान है त्रिफला, नियमित इस्तेमाल के फायदे हैं अनेक

Triphala Benefits: sirf kabz hi nahi, in samsyaon se nizat pane ke liye bhi vardan hai trifala, niymit istemal ke fayde hain anek

Triphala Benefits in Hindi
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By NPG News

Triphala Benefits in Hindi:: आमतौर पर त्रिफला का सेवन लोग कब्ज़ से निज़ात पाने के लिए करते हैं। लेकिन कब्ज़ से राहत देने के अलावा भी त्रिफला के अन्य बहुत से फायदे हैं। आइए इसके लाभ और अन्य उपयोगों के बारे में जानते हैं। त्रिफला तीन फलों से मिलकर बनता है। इसमें आंवला, बहेड़ा और हरड़ नामक तीन फल शामिल होते हैं। आयुर्वेद त्रिफला को शारीरिक स्वास्थ्य को ठीक रखने और बीमारियों को कम करने के लिए बेहद उपयोगी मानता है।

1. कब्ज़ में राहत

लम्बे समय तक कब्ज रहने से शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं। त्रिफला आंतों को साफ करता है। यह आंतों की मांसपेशियों को मजबूत भी करता है। यदि रोज इसे पानी के साथ लिया जाये तो पेट फूलना, कब्ज और पेट दर्द को कम किया जा सकता है।

2. चर्म रोग

त्रिफला चर्म रोग की समस्याओं को खत्म कर उन्हें पूरी तरह से ठीक कर देता है।इसके नियमित उपयोग से दाद, फोड़े-फुन्सी, खाज, खुजली से मुक्ति मिलती है।

3. आंखों के लिए

त्रिफला कमजोर दृष्टि में सुधार कर दृष्टि को तेज बनाता है। ग्लूकोमा और मोतियाबिंद की बिमारियों के लक्षणों को कम करने में त्रिफला फायदेमंद है।

4. गठिया के लक्षण कम करे

त्रिफला में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इन गुणों के कारण गठिया से संबंधित लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।

5. दांतों के लिए

त्रिफला के एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और रोगाणुरोधी गुण दांतों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छे हैं। त्रिफला मसूड़ों की सूजन को ठीक करता है, दांतों में प्लाक बिल्डअप को धीमा करने में भी त्रिफला बहुत प्रभावी है।

6. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं

त्रिफला रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। अगर आपको कमजोरी रहती है और आप जल्दी बीमारियों की चपेट में आते हैं तो इसका सेवन करे इससे शरीर को बिमारियों से लड़ने की शक्ति मिलेगी।

7. ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ नियंत्रण

ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ से संबंधित समस्या वाले लोगों को इसका सेवन जरूर करना चाहिए। रात में गर्म पानी के साथ त्रिफला लेने से ये समस्याएं नियंत्रित रहती हैं।

8. मूत्र मार्ग के संक्रमण को रोकने में

मूत्र मार्ग में इंफेक्शन बैक्टीरिया की वजह से हो जाते है।जिससे कंपकंपी, बुखार, तीव्र जलन जैसी समस्याएं होती हैं। ब्लैडर में सूजन भी आ जाती है। इस तरह के बैक्टीरिया को मारने के लिए त्रिफला का सेवन फायदेमंद है।

9. कैंसर रोधी गुण

त्रिफला कई तरह के कैंसर लक्षणों को कम करता है। रिसर्च में पाया गया है कि यह विशेषकर शरीर में प्रोस्टेट कैंसर और कोलन कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ने से रोकता है।

10. गैस्ट्रिक छालों को ठीक करने में

पेट में कई बार बराबर जलन बनी रहती है। जांच में गैस्ट्रिक छालों का पता चलता है। त्रिफला में तीन तरह के एंजाइम होते है। यह एंजाइम गैस्ट्रिक छालें में सुधार करते है।

आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला का सेवन किशोरों के लिए दो से चार ग्राम और वयस्कों के लिए तीन से छह ग्राम प्रतिदिन पर्याप्त है। वयस्कों को भी एक दिन में बारह ग्राम से अधिक त्रिफला का उपयोग नहीं करना चाहिए। बच्चों को त्रिफला देने से बचना चाहिए।

सेवन के अलावा भी त्रिफला के कुछ अन्य उपयोग बहुत प्रभावकारी हैं।

- आप रात को तांबे के लोटे में दो चम्मच त्रिफला घोल कर छोड़ दें और सुबह इस पानी को छानकर यदि इससे आंखें धोएं। नियमित उपयोग से आंखों की रौशनी बढ़ती है।

-आप त्रिफला में पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे चेहरे पर लगाएं इससे त्वचा की समस्याएं दूर होती हैं। त्वचा से रूखापन खत्म हो जाता है और नमी बनी रहती है और कोलेजन का निर्माण भी बढ़ता है।

- आप त्रिफला के तेल या इसके पेस्ट को बालों की जड़ों में भी लगा सकते हैं। इससे बाल मजबूत होते हैं।

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