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Summer Heath Tips: गर्मी में कुछ भी खाने से पहले सोचें, जानिए कैसे बचें फूड पॉइजनिंग के जानलेवा खतरे से

Summer Heath Tips: गर्मी का मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है, और उनमें से एक सबसे आम और परेशान करने वाली समस्या है फूड पॉइजनिंग. गर्मियों में यह बीमारी इस कदर बढ़ जाती है कि अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें लग जाती हैं. आइये जानते हैं गर्मियों में फूड पॉइजनिंग के क्या कारण हो सकते हैं.

गर्मी में कुछ भी खाने से पहले सोचें, जानिए कैसे बचें फूड पॉइजनिंग के जानलेवा खतरे से
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By Anjali Vaishnav

Summer Heath Tips: गर्मी का मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है, और उनमें से एक सबसे आम और परेशान करने वाली समस्या है फूड पॉइजनिंग. गर्मियों में यह बीमारी इस कदर बढ़ जाती है कि अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें लग जाती हैं. आइये जानते हैं गर्मियों में फूड पॉइजनिंग के क्या कारण हो सकते हैं.

उल्टी, दस्त, पेट दर्द और कमजोरी जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं और कई बार यह इतना गंभीर रूप ले लेती है कि मरीज को अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर गर्मियों में ही फूड पॉइजनिंग के मामले क्यों तेजी से बढ़ते हैं?

गर्मी में बढ़ जाते हैं बैक्टीरिया

दरअसल, इसका मुख्य कारण है गर्मी में बढ़ा हुआ तापमान. जैसे-जैसे वातावरण का तापमान बढ़ता है, वैसे-वैसे भोजन और पानी में बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्म कीटाणु तेजी से पनपने लगते हैं. गर्म और नम वातावरण बैक्टीरिया के विकास के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है. जो बैक्टीरिया सामान्य तापमान पर निष्क्रिय रहते हैं, वे गर्मी में सक्रिय हो जाते हैं और कुछ ही घंटों में भोजन को दूषित कर सकते हैं. यही कारण है कि गर्मियों में थोड़ा सा भी देर से खाया गया भोजन या खुले में रखा खाना जल्दी खराब हो जाता है और वह फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है. यहां तक कि कई बार ताजा बना खाना भी अगर ढका न हो या साफ हाथों से न बनाया गया हो तो वह भी संक्रमण फैला सकता है.

क्या है फूड पॉइजनिंग के लक्षण

फूड पॉइजनिंग की शुरुआत आमतौर पर खाने के कुछ घंटों बाद होती है. इसके लक्षणों में मतली, उल्टी, पतले दस्त, पेट में मरोड़ और ऐंठन, हल्का बुखार और शरीर में कमजोरी शामिल होते हैं. कुछ मामलों में सिरदर्द और डिहाइड्रेशन जैसी दिक्कतें भी सामने आती हैं. यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन छोटे बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, उन्हें यह अधिक गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है.

क्या है फूड पॉइजनिंग से बचने के उपाय

इससे बचने के लिए सबसे जरूरी है सावधानी और स्वच्छता. गर्मियों में ताजे और हल्के भोजन खाना चाहिए. बासी या बाहर का खाना खाने से जितना हो सके बचना चाहिए क्योंकि यह सबसे जल्दी बैक्टीरिया की चपेट में आता है. खाने को हमेशा ढककर रखें और बचे हुए भोजन को तुरंत फ्रिज में रख दें. रसोई की साफ-सफाई और हाथों की स्वच्छता का भी ध्यान रखें. खाना बनाते समय और खाने से पहले हाथ जरूर धोने चाहिए. खुले में बिकने वाला स्ट्रीट फूड और प्रोसेस्ड फूड भी इस मौसम में खासतौर पर हानिकारक साबित हो सकता है.

इसके अलावा अधिक खाने से बचना चाहिए क्योंकि गर्मी में पाचन तंत्र पहले से ही सुस्त होता है. भारी भोजन करने से अपच की समस्या हो सकती है, जो फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को और गंभीर बना सकती है. शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए दिन भर में कम से कम ढाई से तीन लीटर पानी पीना चाहिए. अगर किसी खाद्य पदार्थ से बदबू आ रही हो, या वह थोड़ा भी संदेहास्पद लगे तो उसे बिल्कुल न खाएं.

अगर फूड पॉइजनिंग के लक्षण 24 घंटे से अधिक बने रहते हैं, बार-बार उल्टी और दस्त हो रहे हैं, या शरीर बहुत अधिक कमजोर महसूस हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. कई बार लक्षण मामूली लगते हैं लेकिन शरीर के अंदर संक्रमण तेजी से फैल सकता है, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है.

फूड पॉइजनिंग से बचना पूरी तरह हमारे हाथ में है. थोड़ी सी सतर्कता, साफ-सफाई और खानपान की सही आदतें अपनाकर हम खुद को और अपने परिवार को इस बीमारी से सुरक्षित रख सकते हैं. गर्मी का मौसम जितना स्वादिष्ट मौसमी फलों का आनंद देने वाला होता है, उतना ही यह स्वास्थ्य के लिहाज से चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है, अगर हम लापरवाह रहें.

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