Smoking Side Effects ज्यादा शराब और सिगरेट पीने से आपको परहेज करना चाहिए। ज्यादा शराब पीने और धूम्रपान करने से आप समय से पहले बूढ़े नजर आ सकते हैं। हाल ही में हुए एक अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि ज्यादा शराब और सिगरेट पीने वालों में वृद्धावस्था के संकेत जल्द नजर आ सकते हैं और वे अपनी उम्र से ज्यादा बड़े दिख सकते हैं।
जीवन में स्मोकिंग और ड्रिंकिंग दो बुरी आदतें हैं, जिन्हें तुरंत छोड़ देना चाहिए। सिगरेट, बीड़ी, शराब की आदत आपके फेफड़े, दिल, लिवर को खराब कर देती हैं। इसके अलावा, यह यौन स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है, जिसका असर पुरुषों की जिंदगी पर सबसे पहले दिखता है। जानते हैं कैसे सिगरेट मनुष्य के लिए जानलेवा है...
सिगरेट होता है जानलेवा
सिगरेट का धुआं मिलकर नाक की बाहरी परत को डैमेज कर देता है। सिगरेट की हीट से मुंह, चेहरे और नाक की स्किन पर असर पड़ता है। होंठ काले होते हैं और झुर्रियां पड़ने लगती हैं। जब सिगरेट का धुआं मुंह में जाता है तो वह दांतों के एनामल पर जमा होकर उन्हें पीला करने लगता है। सिगरेट का धुआं और हीट मुंह के अंदर की नाजुक स्किन को भी डैमेज करते हैं। दांतों के बीच की कैविटी में टार जमने लगता है। सिगरेट के धुएं में मौजूद टार आपके टेस्ट बड्स और सैलाइवा के ग्लैंड्स को ब्लॉक कर देता है। मुंह में लार कम बनती है। मुंह सूखने लगता है।
टार और केमिकल्स मुंह और नाक को जोड़ने वाली नली में जमने लगते हैं। इससे ब्रीदिंग प्रॉब्लम हो सकती है। स्मोकिंग से मुंह के गुड बैक्टीरिया मर जाते हैं और मुंह से बदबू आने लगती है। सिगरेट का धुआं और हीट मसूड़ों को भी काला बना देता है। मसूड़ों का कैंसर तक हो सकता है।नाक की नली में सिगरेट के धुएं में मौजूद टार और केमिकल जमने से सूंघने की क्षमता कमजोर होने लगती है।
सिगरेट से घातक बीमारी
सिगरेट का धुआं गले में मौजूद पतली झिल्ली को नुकसान पहुंचाता है। इससे ड्रायनेस, और इरिटेशन हो सकता है। सिगरेट के धुएं में मौजूद फार्मेल्डीहाइड और एक्रोलीन नामक केमिकल थ्रॉट इन्फेक्शन और कैंसर का कारण बनते हैं। सिगरेट के धुएं में मौजूद केमिकल्स वोकल कार्ड को नुकसान पहुंचाते हैं इससे आवाज पर असर पड़ता है। गले का कैंसर भी हो सकता है।
सिगरेट के धुएं से विंड पाइप में मौजूद ऑर्गन डैमेज होते हैं। इससे खांसी और लेरिंजाइटिस नामक प्रॉब्लम हो सकती है।
सिगरेट के धुएं में मौजूद केमिकल्स फूड पाइप की मसल्स को डैमेज कर देते हैं। इससे पेट का एसिड गले तक पहुंचकर जलन पैदा करता है।
सिगरेट का धुआं रेस्पिरेटरी सिस्टम में जमा होने लगता है। इससे ब्रॉंकाइटिस, अस्थमा जैसी प्रॉब्लम हो सकती है।
सिगरेट के धुएं में मौजूद टार फेफड़ों में जमा होकर ब्लॉकेज पैदा करता है। इससे थकान, ब्रीदलैसनेस, सीटी जैसी आवाज आने लगती है।
सिगरेट के धुएं में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड गैस ब्लड में ऑक्सीजन लेवल कम कर देती है। इससे शरीर के सभी अंगों को नुकसान होता है।
सिगरेट का धुआं जब आप इन्हेल करने के बाद वापस छोड़ते हैं तो यही प्रोसेस फिर से होती है और नुकसान डबल हो जाता है।
सिगरेट से कैंसर का खतरा
टार - ये फेफड़ों में मौजूद इन्फेक्शन और बैक्टीरिया को रोकने वाले बालों पर जम जाता है। इसमें मौजूद केमिकल कैंसर का कारण बनते हैं।
कार्बन मोनोऑक्साइड : ये खून में मौजूद ऑक्सीजन को कम करती है। इससे जल्दी थकान और कमजोरी आने लगती है। फेफड़ों की बीमारी हो सकती है।
ऑक्सीडेंट गैसें- ये गैसें ऑक्सीजन के साथ रिएक्ट करती हैं और खून को ज्यादा गाढ़ा बना देती हैं, इससे स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
बेंजीन- ये बॉडी के सेल्स को डैमेज करता है। कई तरह के कैंसर का कारण भी बन सकता है।