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Rumal Vs tissue : रुमाल या टिश्यू...आप क्या उपयोग करते हैं...जानिए क्या ज्यादा बेहतर

रुमाल और टिश्यू लंबे समय से हमारी जरूरत का हिस्सा रहे हैं. सूट-बूट पहनकर कहीं बाहर जाना हो या फिर सर्दी-जुकाम में मुंह पोंछना हो, रुमाल और टिश्यू को हमेशा अपने साथ रखा जाता रहा है. लेकिन इसके साथ ही इन दोनों को स्टैंडर्ड के साथ भी जोड़कर देखा जाता है.

Rumal Vs tissue : रुमाल या टिश्यू...आप क्या उपयोग करते हैं...जानिए क्या ज्यादा बेहतर
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By Meenu

Rumal Vs Tissue : आजकल बिजी लाइफस्टाइल में कई लोग अपने साथ टिश्यू पेपर रखना पसंद करते हैं. नाक साफ करने से लेकर किसी चीज को पोंछने तक, ट‍िशू बहुत उपयोगी होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि त्वचा के लिए रूमाल या टिश्यू में से कौन सा बेहतर विकल्प है?

लेकिन क्या आपने कभी गौर किया कि अक्सर इस्तेमाल में लाए जाने रुमाल या टिश्यू में से आपके और पर्यावरण के लिए ज्यादा बेहतर कौन साबित हो सकता है.

यहां हम आपकी इसी कंफ्यूजन को दूर करने वाले हैं कि आखिर रुमाल और टिश्यू दोनों में से किसका इस्तेमाल करना ठीक रहेगा.

रुमाल या टिश्यू में से किसका इस्तेमाल करें


रुमाल और टिश्यू दोनों ही हमारी बुनियादी जरूरतों का हिस्सा बन चुके हैं. कागज के टिश्यू का निर्माण दूसरी शताब्दी के दौरान चीन में हुआ माना जाता है. जिस टिश्यू को हम आज जानते हैं उसे मेकअप हटाने और नाक को पोंछने के लिए बनाया गया था. 100 साल से भी पहले, कपड़े के रूमाल को मौत का छोटा झंडा माना जाता था क्योंकि इसमें कीटाणु होते थे और यह जिस जेब में रखा जाता था, उसे दूषित कर देता था. लेकिन खांसी या छींक से वायरस दूसरे इंसान तक न पहुंचे, इसलिए लोगों ने रुमाल का इस्तेमाल जारी रखा.




क्या कहता है शोध

हालांकि, शोध कहते हैं कि दोबारा इस्तेमाल हो सकने वाले सूती रूमाल से अपनी नाक साफ करना या किसी अन्य वस्तु को छूने के कारण वायरस फैलने का खतरा रहता है. यहां तक ​​​​कि अगर आप अपने सूती रूमाल को तुरंत धोने के लिए रख देते हैं, तो भी आप वॉशिंग मशीन को चलाने के लिए अपने संक्रमित हाथों का उपयोग करेंगे.लेकिन हवा के जरिए फैलने वाले बैक्टीरिया टिश्यू पर इतने लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाते हैं. बशर्ते आप टिश्यू का उपयोग करने के बाद उन्हें फेंक दें. कई अध्ययनों से पता चला है कि रुमाल श्वसन एरोसोल को प्रभावी ढंग से फिल्टर नहीं करते हैं यानी रुमाल के जरिए प्रदूषक और कीटाणु आसानी से शरीर के अंदर दाखिल हो सकते हैं.

टिश्यू हैं बेहतर विकल्प !


अमेरिकी कंपनी इकोसिस्टम एनालिटिक्स ने दोबारा इस्तेमाल हो सकने वाले सूती रूमालों की तुलना डिस्पोजेबल पेपर टिश्यू से की है. अगर आप सूती रूमाल का उपयोग करने के इच्छुक हैं, तो आप जैविक कपास का विकल्प चुन सकते हैं. हालांकि जैविक कपास की पैदावार कम होती है. वैज्ञानिकों की मानें तो यदि आप टिश्यू का उपयोग करके बेहतर महसूस करना चाहते हैं, तो रिसाइकिल चीजों का इस्तेमाल करके बनाए गए टिश्यू ही इस्तेमाल करें. टिश्यू डिस्पोजेबल होने के चलते वायरस को फैलने से रोकते हैं.


रूमाल के फायदे

सूती रूमाल त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाता और इसे मुलायम रखता है.

रूमाल को बार-बार धोकर इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे यह ट‍िशू पेपर की तुलना में अधिक पर्यावरण के अनुकूल होता है.

एक बार रूमाल खरीदने के बाद आपको बार-बार इसे खरीदने की जरूरत नहीं होती है.

रूमाल को आप अपनी पसंद के कपड़ों से मिलाकर इस्तेमाल कर सकते हैं.


टिश्यू पेपर के फायदे

ट‍िशू पेपर को ले जाना आसान होता है और इसे कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

ट‍िशू पेपर रूमाल की तुलना में सस्ता होता है.

त्वचा के लिए कौन सा बेहतर है?


अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो रूमाल आपके लिए बेहतर विकल्प है. रूमाल में मौजूद रसायन आपकी त्वचा को परेशान कर सकते हैं.

अगर आपकी त्वचा सामान्य है, तो आप रूमाल या ट‍िशू में से किसी का भी उपयोग कर सकते हैं.

पर्यावरण के प्रति जागरूक फैलाने के लिए रूमाल का इस्तेमाल बेहतर विकल्प है.

इन बातों का रखें ख्याल

अगर आप रूमाल का उपयोग करते हैं, तो इसे नियमित रूप से धोएं और साफ रखें.

अगर आप ट‍िशू पेपर का उपयोग करते हैं, तो कोशिश करें कि कम से कम ट‍िशू का उपयोग करें.

आप घर पर रूमाल का इस्तेमाल और बाहर जाते समय ट‍िशू पेपर का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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