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RO Water Side Effects : क्या आपको भी लगता है कि सिर्फ RO का पानी ही शुद्ध है?

RO Water Side Effects : यदि आप भी वाटर प्यूरीफायर का पानी पीते हैं, तो आपको अपने स्वास्थ्य और प्यूरीफायर के फिल्टर की जांच कराना जरुरी है

RO Water Side Effects : क्या आपको भी लगता है कि सिर्फ RO का पानी ही शुद्ध है?
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By Meenu

RO Water Side Effects : लोग सोचते हैं कि, प्यूरीफायर का पानी शुद्ध होता है और इससे सेहत को कोई नुकसान नहीं है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. ऐसे कई मामले अस्पतालों में पहुंच रहे हैं, जिसमें डॉक्टर मरीजों को बीमारी का कारण प्यूरीफायर को बता रहे हैं.

यदि आप भी वाटर प्यूरीफायर का पानी पीते हैं, तो आपको अपने स्वास्थ्य और प्यूरीफायर के फिल्टर की जांच कराना जरुरी है.

यदि आप इसमें लापरवाही कर रहे हैं, तो समझ लीजिए कि आप आपने सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

पानी की जांच कराना भी जरुरी

बता दें कि, इस समय अस्पतालों में रोजाना दूषित पानी से बीमार कई लोग पहुंचते हैं. दरअसल, शुद्ध पानी के लिए वाटर प्यूरीफायर तो लोग खरीद लेते हैं, लेकिन जांच नहीं कराते कि उससे पानी साफ आ रहा है या नहीं. विशेषज्ञों का कहना है कि नए प्यूरिफायर के उपयोग से पहले भी पानी की जांच कराना जरूरी है.




इस तरह से चेक करें कि फिल्टर ठीक है या नहीं

''घर में यूज होने वाला प्यूरिफायर या उसमें लगा फिल्टर असली है या नहीं, इसका पता पानी के टीडीएस मीटर से लगा सकते हैं. पानी फिल्टर होने के बाद टीडीएस 0 से 50 के बीच रखा जाता है. कई लोग इसे 10 से 15 तक करा लेते हैं. ऐसे में यदि पानी का पीएच कम नहीं हो रहा है, तब समझिए फिल्टर काम नहीं कर रहा है. टीडीएस चेक करने वाला मीटर या केमिकल 200 रुपए में आ जाता है.''

कितना होना चाहिए टीडीएस

60 से 120 टीडीएस मात्रा वाले पानी को अच्छा माना जाता है. अगर पानी में टीडीएस की इससे अधिक मात्रा है, तो विशेषज्ञों की सलाह से ही आरओ खरीदे और लगवाएं. बता दें कि फिल्टर को पता नहीं होता कि कौन सा बैक्टीरिया शरीर को फायदा पहुंचाने वाला है या नुकसान पहुंचाने वाला है.

प्यूरीफायर के पानी में हो सकती हैं ये परेशानियां

विशेषज्ञ के अनुसार प्यूरीफायर का पानी फिल्टर नहीं है, तब उससे कई सारी बीमारियां भी हो सकती हैं. इसके अनुसार पानी में कैल्शियम ज्यादा जा रहा है, तब लिवर या किडनी में स्टोन बन सकता है. हार्ड पानी पीने से डाइजेशन खराब होना, पेट में दर्द, कब्ज और बाल झड़ने की समस्या शुरू हो सकती है. वहीं प्यूरीफायर में यूवी (अल्ट्रावायलेट प्यूरिफिकेशन) का इस्तेमाल बैक्टीरिया मारने के लिए किया जाता है. ऐसे में बैक्टीरिया नहीं मर रहे, तब जाइंडिस जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है.

ये रखें सावधानियां

हमेशा अच्छी कंपनी का प्यूरीफायर खरीदें.

नए प्यूरीफायर के पानी की जांच कराएं.

समय-समय पर इसकी सर्विसिंग कराते रहें.

फिल्ट को तय समयसीमा में बदलते रहें.

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