Parwal benefits for health : परवल में है स्वाद के साथ गुणों का खजाना
परवल में विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी2 और विटामिन सी की अच्छी मात्रा पाई जाती है. परवल की सब्जी डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है.
गर्मी के मौसम में परवल मार्केट में आसानी से मिल जाएगी. कुछ जगहों पर परवल को पटोल भी कहा जाता है. इसकी भुजिया या ग्रेवी वाली सब्जी बनाई जाती है.
परवल में विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी2 और विटामिन सी की अच्छी मात्रा पाई जाती है. परवल की सब्जी डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है.
परवल का फल, बीज और पत्तियां शरीर के लिए बेहद लाभकारी है, अगर इसके सेवन की बात करें तो 5 ml परवल के पत्ते का रस, 10 से 30 ml काढ़ा या 1 से 3 ग्राम इसके बीज के चूर्ण या इसके फल की सब्जी बनाकर सेवन किया जा सकता हैं.
हर अंग संजीवनी बूटी
आयुर्वेद के अनुसार इस सब्जी का हर अंग संजीवनी बूटी के समान माना गया है. काढ़ा, चूर्ण या सब्जी के रूप में उपयोगी यह परवल अनेक रोगों को जड़ से खत्म करने में कामयाब सिद्ध होता है. इसे भोजपुरी में परोरा के नाम से जानते हैं. ब्लड शुगर, फोड़े-फुंसी, पेट से संबंधित रोग जैसी तमाम समस्याओं के इलाज में में यह बेहद कारगर है. चरक संहिता से लेकर सुश्रुत संहिता ने भी परवल का खूब वर्णन किया है.आयुर्वेद के अनुसार, परवल किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है. चरक संहिता के आसव योनि में परवल के पत्तों का वात पित्त नाशक के रूप में वर्णन आया है, यही नहीं सुश्रुत संहिता ने तो इसके हर अंग को ही औषधि बताया गया है.
अनेक बीमारियां के इलाज में कारगर
यह अनेक बीमारियां के इलाज में कारगर है. परवल का प्रयोग नेत्र रोग, मुखरोग, डायबिटीज, उल्टी दस्त, पीलिया, कब्ज, फोड़े फुंसी का दर्द, कुष्ठ रोग, दर्द और जलन,, रक्तपित्त, वजन, पाचन तंत्र, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर, शराब की आदत से निजात , खून साफ करना और पेट की चर्बी जैसी तमाम बीमारियों में किया जाता है.
वैसे में इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं है, लेकिन फिर भी अगर किसी बीमारी से ग्रसित है तो बिना आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श लिए हुए इसका सेवन न करें.