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OCD Kya Hai: दसों बार हाथ धोकर भी जर्म्स का रहता है भय या फिर मन में लगातार आते रहते हैं गंदे विचार तो ये हैं OCD के लक्षण, जाने कैसी है ये बीमारी और क्या है इसका इलाज

OCD Kya Hai: OCD या Obsessive Compulsive Disorder एक ऐसी मानसिक बीमारी है जो पीड़ित का चैन छीन लेती है। इसके लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरह के रहते हैं।

OCD Kya Hai: दसों बार हाथ धोकर भी जर्म्स का रहता है भय या फिर मन में लगातार आते रहते हैं गंदे विचार तो ये हैं OCD के लक्षण, जाने कैसी है ये बीमारी और क्या है इसका इलाज
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By Divya Singh

OCD Kya Hai: OCD या Obsessive Compulsive Disorder एक ऐसी मानसिक बीमारी है जो पीड़ित का चैन छीन लेती है। इसके लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरह के रहते हैं। आमतौर पर लोग ओसीडी शब्द का इस्तेमाल बहुत लाइटली करते हैं कि यार,मुझे तो साफ-सफाई की ओसीडी है या मुझे हर चीज़ व्यवस्थित देखने की ओसीडी है। लेकिन ओसीडी इससे कहीं जटिल स्थिति है और यह व्यक्ति के साथ उसके परिवार वालों का जीवन भी प्रभावित करती है। आइये सरल शब्दों में जानते हैं कि ओसीडी क्या है? कहीं आपको या आपके किसी परिजन को तो ओसीडी नहीं है? और इसे स्वीकार कर इसका इलाज लेना कितना जरूरी है।

क्या है OCD?

OCD यानी Obsessive Compulsive Disorder... एक ऐसी बीमारी जिसमें पीड़ित के मन में बार-बार एक ही तरह का विचार आता है और वह बार-बार एक ही तरह का व्यवहार करता है। यह सब ब्रेन में कुछ केमिकल्स के डिसरेगुलेशन के कारण होता है। कई बार जेनेटिक कारक भी इसके लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं। मनोचिकित्सकों के अनुसार हमारा ब्रेन एक फिल्टर या छन्नी की तरह काम करता है जो व्यर्थ के विचारों को छानकर अलग कर देता है। लेकिन ओसीडी से पीड़ित लोगों में यह व्यर्थ के विचार छनकर अलग नहीं हो पाते। वे छन्नी में ही गोल-गोल घूमते रहते हैं और व्यक्ति उन्हीं विचारों में फंसा रहता है और रिपीटिडली उन्हीं व्यवहारों को दोहराता रहता है। यही ओसीडी है जिससे उस व्यक्ति के जीवन के व्यक्तिगत, पारिवारिक और व्यावसायिक सभी तरह के पक्ष प्रभावित होते हैं।

OCD के कुछ उदाहरण

1. गंदगी की ओसीडी

ऐसे लोगों के मन में गंदगी का भय बैठ जाता है। उन्हें ऐसा लगता है कि उन्होंने कोई गंदी चीज़ छू ली है और उनके हाथ में बहुत से जर्म्स हैं जो उन्हें बीमार कर देंगे। ऐसे में वे एक बार हाथ होते हैं, दो बार हाथ धोते हैं और धोते ही जाते हैं। ऐसे लोग कई बार 10-10, 15-15 मिनट तक हाथ ही होते रहते हैं। तो वहीं कई लोग ऐसे होते हैं जो कई-कई बार पूरा का पूरा नहाते हैं।

2. गंदे विचारों की ओसीडी

इन पेशेंट्स के मन में लगातार गंदे विचार आते हैं, यहां तक कि अपने परिवार की महिलाओं के लिए भी अशोभनीय विचार आ सकते हैं और इसे लेकर वे बेहद शर्मिंदा होते हैं और आत्मग्लानि से भर जाते हैं। डॉक्टर से इस बारे में बात करने में भी उन्हें शर्मिंदगी लगती है। लेकिन दरअसल यह भी एक तरह की ओसीडी है जो इलाज से ठीक हो सकती है।

3. धर्म से जुड़ी ओसीडी

इस तरह के मामलों में लोगों को लगता है कि उनके मन में अपने आराध्य को लेकर बुरे विचार आ गए हैं। उन्होंने उस शक्ति को कुछ बुरा बोल दिया है।वे आत्मग्लानि और डर से भर जाते हैं। इस स्थिति में कुछ पेशेंट्स मंदिर या मस्जिद या गिरजाघर के सामने से गुजरने में ही डरने लगते हैं।

4. अपनों का बुरा देखने की ओसीडी

इस तरह के मामलों में इंसान को जागते हुए ही बार-बार अपनी आंखों के सामने अपने परिजनों के साथ दुर्घटना का दृष्य, यहां तक कि उनका शव तक रखा हुआ महसूस हो सकता है जिससे वे बहुत घबरा जाते हैं।

5. व्यवस्थित रहने की ओसीडी

इन लोगों हर चीज को व्यवस्थित देखने की ओसीडी हो जाती है। ये बार-बार अपना बेड, चादर, तकिया सही करते रहते हैं। टेबल एक-एक चीज को जमाते रहते हैं और कुछ भी इधर से उधर इन्हें बर्दाश्त नहीं होता।

6. एंगर की ओसीडी

ऐसे लोगों को बार-बार यह लग सकता है कि वे अपनी गाड़ी को किसी पेड़ से, या दूसरी गाड़ी से भिड़ा दें।

7. गलती होने की ओसीडी

ऐसे लोगों को किसी भी फॉर्म को भरने या ईमेल करने में गलती का ही डर बना रहता है। वे अपने फार्म को भरने में घंटों लगा देते हैं। एक ईमेल को दसों बार चेक करते हैं। इनका बहुत सारा समय इसमें बर्बाद हो जाता है।

ओसीडी का इलाज

ऊपर बताए गए उदाहरणों के अलावा ओसीडी के कई रूप हो सकते हैं। जरूरी है कि ओसीडी को एक्सेप्ट किया जाए और किसी मनोचिकित्सक से मिला जाए। वे दवाओं से आपके ब्रेन के केमिकल्स को रेगुलेट करने की कोशिश करेंगे। आपके लिए थेरेपी सुझाएंगे जिससे आपको ओसीडी से राहत मिलेगी। मनोचिकित्सकों के अनुसार 43% से लेकर 76% मामलों तक ओसीडी के पेशेंट्स की रिकवरी हो जाती है और वे ओसीडी मुक्त बेहतर जीवन जीने लगते हैं हालांकि इसमें कुछ समय लग सकता है।

Divya Singh

दिव्या सिंह। समाजशास्त्र में एमफिल करने के बाद दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी, भोपाल से पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण की। दैनिक भास्कर एवं जनसत्ता के साथ विभिन्न प्रकाशन संस्थानों में कार्य का अनुभव। देश के कई समाचार पत्रों में स्वतंत्र लेखन। कहानी और कविताएं लिखने का शौक है। विगत डेढ़ साल से NPG न्यूज में कार्यरत।

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