Begin typing your search above and press return to search.

Moong dal khichdi benefits : गर्मियों में रोज़ खाइए मूंग दाल की खिचड़ी, इस हल्के और सुपाच्य भोजन के हैं अनेक फायदे...

Moong dal khichdi benefits : गर्मियों में रोज़ खाइए मूंग दाल की खिचड़ी, इस हल्के और सुपाच्य भोजन के हैं अनेक फायदे...
X
By Gopal Rao

Moong dal khichdi benefits : अब गर्मी अपने तेवर दिखाने पर आमादा हो गई है। ऐसे गर्म दिनों के लिए मूंग की खिचड़ी हल्का और पौष्टिक भोजन है। जिसे खाकर काफी देर तक पेट भरा हुआ महसूस होता है। पचाना भी आसान है। इसलिए अपच या उल्टी-दस्त का भी टेंशन नहीं रहता। साथ ही इसमें ढेर सारे पौष्टिक तत्व होते हैं इसलिए उनका भी भरपूर फायदा शरीर को मिलता है। बनाने में आसान खिचड़ी के खास फायदे हम यहां आपको बता रहे हैं।

खिचड़ी में हैं ढेर सारे पोषक तत्व

मूंग की दाल प्रोटीन, विटामिन्स, फाइबर और मिनरल्स से भरपूर होती है। खिचड़ी के रूप में चावल, दाल और घी का संयोजन कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम प्रदान करता है। आप इसमें सब्ज़ियां ऐड कर इसे और पौष्टिक बना सकते हैं।

मूंग दाल की खिचड़ी के फायदे

पचने में आसान मूंग दाल की खिचड़ी की सबसे बड़ी खासियत इसका सुपाच्य होना है। गर्मी के दिनों में तैलीय और भारी खाना पचाना वैसे भी बहुत कठिन होता है। मूंग दाल की खिचड़ी बहुत आसानी से पच जाती है। इसलिए डायरिया के पेशेंट को भी मूंग की खिचड़ी खिलाने की सलाह दी जाती है।

वजन घटाने का है लक्ष्य तो खाएं ये खिचड़ी

अगर आपने वजन कम करने का निर्णय लिया या है तो भी आपके लिए मूंग दाल की खिचड़ी बहुत फायदेमंद है। फाइबर से भरपूर मूंग दाल खिचड़ी को खाकर कई घंटों तक पेट भरा हुआ महसूस होता है।साथ ही कमज़ोरी भी नहीं लगती। कम कैलोरी वाले इस भोजन से आप जल्दी अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं।

महिलाओं को मिलेगी पीसीओएस से राहत

पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं की संख्या में आजकल तेजी से इज़ाफा हो रहा है। आयुर्वेद के अनुसार पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को मूंग दाल और जौ (चावल के स्थान पर जौ एड करें) की खिचड़ी खानी चाहिए।

एक्टिविटी हो कम तो लें मूंग दाल खिचड़ी

अगर आपकी एक्टिविटी कम है तो आपके लिए एक टाइम के खाने में मूंग दाल खिचड़ी खाना बेहतर है। हल्की, सुपाच्य और कम कैलोरी वाली खिचड़ी के सेवन से एक्स्ट्रा फैट इकट्ठा नहीं होता।

माइग्रेन के रोगियों के लिए फायदेमंद

माइग्रेन के पेशेंट ही जानते हैं कि यह दर्द कितना जानलेवा लगता है। आयुर्वेद के अनुसार माइग्रेन रोग में पुराने घी और चावल के साथ बनी मूंग दाल की खिचड़ी पर ऊपर से घी डालकर खाना बहुत फायदेमंद है।

अच्छी नींद लाने का उपाय

आयुर्वेद के चिकित्सकों के अनुसार सोने से कुछ घंटे पहले मूंग दाल की खिचड़ी खाने से गहरी और बिना टूटी नींद आती है।

गर्भवती स्त्री और शिशु के लिए फायदेमंद

मूंग दाल में पर्याप्त फोलिक एसिड या फोलेट होता है जो गर्भवती स्त्री को एनीमिया का शिकार होने से बचाता है। गर्भावस्था के दौरान फोलेट की कमी से गर्भस्थ शिशु का अच्छी तरह विकास नहीं होता। इसलिए मूंग की खिचड़ी को गर्भवती स्त्री के भोजन में शामिल करने की सलाह दी जाती है। साथ ही सुपाच्य होने के कारण गर्भवती को पाचन संबंधी शिकायत भी नहीं होती।

दिल की सेहत अच्छी रखे

मूंग की दाल विटामिन सी और फोलेट से भरपूर होती है। इनकी मदद से शरीर में अधिक शुद्ध खून का निर्माण होता है। रक्त का प्रवाह भी ठीक रहता है। साथ ही मूंग की दाल अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मदद कर सकती है। इससे दिल संबंधी बीमारियों के खतरा कम होता है । इसलिए अगर आपको चावल के साथ मूंग दाल का स्वाद अधिक नहीं रुचता तो आप मूंग दाल खिचड़ी का सेवन कर सकते हैं। खिचड़ी का स्वाद एकदम अलग होता है। साथ ही आप इसके वैरिएशंस भी ट्राई कर सकते हैं।

डायबिटीज़ को कंट्रोल कर सकती है खिचड़ी

दिन या रात के भोजन में अगर डायबिटीज़ के पेशेंट मूंग दाल की खिचड़ी को शामिल करें तो उन्हें काफी फायदा हो सकता है। मूंग दाल में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है जो शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती है। साथ ही इसमें मौजूद विटामिन ‘सी’ इंसुलिन के निर्माण में मदद करता है। इसलिए डायबिटीज से बचने के लिए मूंग दाल की खिचड़ी को अपनी डाइट में शामिल करना अच्छा है।

शरीर के विशैले तत्वों को बाहर करे, इम्यूनिटी बढ़ा

मूंग दाल खिचड़ी शरीर को डिटॉक्सी‍फाई करने के लिए जानी जाती है। साथ ही इसके सेवन से शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

थायराॅइड के पेशेंट के लिए फायदेमंद

मूंग दाल शरीर में आयोडीन की कमी दूर करती है। इसलिए थायराॅइड के पेशेंट के लिए मूंग दाल की खिचड़ी खाना फायदेमंद माना गया है।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

Read MoreRead Less

Next Story