Mental Pressure on Students During Board Exam: परीक्षा का खौफ न पड़े जान पर भारी, पहचाने डिप्रेशन के संकेत, ज़रूरत हो तो लें मदद, रखें खुद पर विश्वास...
Mental Pressure on Students During Board Exam: इन दिनों स्टुडेंट्स तनाव में रहते ही हैं। कुछ स्टुडेंट्स इस तनाव को झेल जाते हैं, वहीं कुछ घबरा जाते हैं या डिप्रेशन में चले जाते हैं। कुछेक आत्महत्या जैसा घातक कदम भी उठा लेते हैं।
Mental Pressure on Students During Board Exam: बोर्ड एक्ज़ाम आ गए हैं। इन दिनों स्टुडेंट्स तनाव में रहते ही हैं। कुछ स्टुडेंट्स इस तनाव को झेल जाते हैं, वहीं कुछ घबरा जाते हैं या डिप्रेशन में चले जाते हैं। कुछेक आत्महत्या जैसा घातक कदम भी उठा लेते हैं। खासकर ये पीरियड उन छात्रों के लिए थोड़ा ज्यादा कठिन होता है जो परिवार से दूर होस्टल में रह कर पढ़ाई कर रहे हैं। मौजूदा कोचिंग की महत्ता वाले दौर में ऐसे स्टुडेंट्स की संख्या कम नहीं है जो कांपिटेटिव एक्ज़ाम की भी तैयारी कर रहे हैं और दसवीं-बारहवीं के एक्ज़ाम भी दे रहे हैं। ऐसे में अगर आप ज़रूरत से ज़्यादा तनाव ले रहे हैं, घबरा रहे हैं, डिप्रेशन की ज़द में आ रहे हैं तो कुछ लक्षणों को पहचानिए। और अगर बच्चे घर पर पालक के साथ हैं तो पालक डिप्रेशन के लक्षणों पर नज़र रखें। ताकि कोई अनहोनी न हो।
० इन लक्षणों से पहचानें कि टेंशन नहीं, डिप्रेशन की ज़द में आ गए हैं
अच्छा नहीं लगना, घबराहट-बेचैनी, हद से ज्यादा निराशा जैसी बातों को महज ' टेंशन' मान कर मत छोड़िए। आप डिप्रेशन में हो सकते हैं। अगर आप को नज़र आ रहा है कि -
1. आप दिन-रात हाइपर टेंशन में हैं। आपका किसी भी और बात में मन नहीं लग रहा।
2. आप चाह कर भी पढ़ाई में मन नहीं लगा पा रहे। मन उचाट है। एकाग्रता असंभव लग रही है। आपका मन आपको सब कुछ छोड़ देने के लिए उकसा रहा है।
3. एंग्जाइटी इतनी ज्यादा है कि आप घबराहट और बेचैनी महसूस कर रहे हैं। बार-बार रूम में टहलना शुरू कर दे रहे हैं, दिमाग काम नहीं कर रहा, होंठ सूख रहे हैं।
4. दिनों-दिन नींद आंखों से गायब होती जा रही है। रातें जागते बीत रही हैं। बोझिल होकर आखिर में एकाध घंटे की नींद आ पा रही है और फिर आपको मजबूरन हिम्मत करके पढ़ाई करनी पड़ रही है।
5. खाने का या तो बिल्कुल मन नहीं कर रहा या बिल्कुल सोचे समझे बिना, बस जो मिले, खाए ही जा रहे हैं।
6. खुद पर, भावनाओं पर नियंत्रण खो रहा है। बात-बात पर आंसू आ रहे हैं या बहुत तेज गुस्सा आ रहा है।
7. ऐसा लग रहा है कि कोई भी आसपास न रहे, आपको अकेले छोड़ दिया जाए, कोई आपसे बात करने न बैठे, साउंड से तकलीफ हो रही है, और चीखकर लोगों को भगा देने की इच्छा हो रही है।
8. बढ़ते तनाव से आप हार रहे हैं और नशा करने का विचार मन में आ रहा है।
9. आत्महत्या का विचार आना, उसके लिए तरीके सर्च करने लगना, ऐसा कर गुजरना ही सही लगना कि आपका दुनिया से चले जाना ही सबके हित में है।
ऐसे और इन जैसे अन्य लक्षण साफ बताते हैं कि आप डिप्रेशन में हैं, मानसिक रूप से बीमार हो रहे हैं। और ऐसा समझ आते ही आपको बिना संकोच तुरंत काउंसलर के पास जाना चाहिए, चिकित्सक से दवाएं लें और सच मानिए कि थोड़े से प्रयास और धैर्य से ये सभी स्थितियां बदल जाएंगी।
० आप खुद भी खुद की मदद करें
काउंसलिंग और दवाओं के अलावा जिस चीज की आपको ज़रूरत है वह है आपका खुद का संकल्प कि आप जल्द ही स्थितियों पर काबू पा लेंगे। ये कोशिशें करें-
1. घंटों पढ़ते रहना ज़रूरी नहीं है। जब तक दिमाग साथ दे रहा है, उतनी ही देर पढ़ें, फिर थोड़ा ब्रेक ले लें। जब फ्रेशनेस महसूस हो, बोझ कम हो,तब दोबारा पढ़ें।
2. दरवाजा बंद करके घंटों अकेले रहना छोड़ दें। अगर परेशानी ज्यादा है, परिजनों से दूर हैं तो दोस्तों के साथ कुछ देर समय बिताएं।
3. हेल्दी खाना खाएं। कभी-कभी मन को खुश करने वाली चीज़ें भी खाएं। मन बदलना चाहिए।
4. टहलने या जाॅगिंग करने निकलें। जितना एक्टिव रहेंगे, उतना फायदा होगा। ज्यादा तनाव है तो गाने सुनते हुए टहलें। मोटिवेशनल स्पीकर को भी सुन सकते हैं। इन सब से मन बदलेगा।
5. पर्याप्त नींद लें। अच्छी नींद अच्छे मानसिक स्वास्थ्य की कुंजी है। अच्छी नींद से मन-मस्तिष्क रिलैक्स होगा। दोबारा पढ़ाई में मन लगेगा।
6. सकारात्मक सोच रखने की कोशिश करें। धैर्य और संकल्प को अपनी ताकत बनाएं।
7. नशे की ओर बढ़ते हाथों को रोकें। नशा सिर्फ बर्बादी की ओर जाने का रास्ता है।
8. योग करें। सुबह दैनिक कर्म के बाद सिर्फ 5 मिनट ॐ का उच्चारण भी आपके लिए काफी असरकारक हो सकता है।
9. ये हमेशा याद रखें कि हर इंसान के अंदर संभावनाएं हैं। अगर एक एक्ज़ाम अच्छा नहीं गया। रिज़ल्ट मन मुताबिक नहीं आया तो कोई बात नहीं। सारी संभावनाएं कभी खत्म नहीं होतीं। अपनी स्कूली पढ़ाई जितने अच्छे से हो सके,पूरी करें। आजकल ढेरों फील्ड और ऑप्शन्स हैं। आप को भी अपने लिए बेहतर करियर ज़रूर मिल जाएगा।