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Maida Khane Ke Nuksan: फाइबर कम होने से ही नहीं, इन कारणों से भी है मैदा नुकसानदायक, जानिए हाथ रोकना क्यों है ज़रूरी...

Maida Khane Ke Nuksan: फाइबर कम होने से ही नहीं, इन कारणों से भी है मैदा नुकसानदायक, जानिए हाथ रोकना क्यों है ज़रूरी...

Maida Khane Ke Nuksan: फाइबर कम होने से ही नहीं, इन कारणों से भी है मैदा नुकसानदायक, जानिए हाथ रोकना क्यों है ज़रूरी...
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Maida Khane Ke Nuksan

By Divya Singh

Maida Khane Ke Nuksan: मैदे से बनी चीज़ें खाने में निश्चित ही बहुत अच्छी लगती हैं फिर चाहे ब्रैड, केक, बिस्किट की बात हो या मठरी, शक्करपारे या कुछ और। इनका स्वाद आपका मन ललचाने और थोड़ा और खाने को उकसाने के लिए काफी है। लेकिन इनके साथ जो मैदा आपके पेट में पहुंचता है वह बड़ा नुकसानदायक होता है। आमतौर पर हम समझते हैं कि क्योंकि मैदा गेंहूं के आटे को एकदम बारीक पीस कर तैयार किया जाता है इसलिये इसके सारे फाइबर खत्म हो जाते हैं और इसलिये यह पाचन के लिए खराब है। यह बिल्कुल सच है लेकिन मैदे के नुकसान और भी हैं। जिनके बारे में अवेयरनेस कम हैं। आइए जानते हैं वे क्या हैं...

कब्ज़ का कारण बनता है मैदा

मैदे में फाइबर की कमी इसे कब्ज़ के पेशेंट्स के लिए हानिकारक बनाती है। कब्ज़ के पेशेंट को ऐसी डाइट की ज़रूरत होती है जिसमें भरपूर फाइबर हो। दरअसल फाइबर आपके मल के वजन और आकार को बढ़ाता है। साथ ही इसे नरम बनाता है जिससे मल त्याग आसान बनता है।

मैदे से बढ़ता है मोटापा और कोलेस्ट्रॉल

मैदे से बनी चीज़ें खाने से मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। इन चीज़ों का सेवन करने पर आपका शरीर वसा को जलाना बंद कर देता है। इससे फैट जमा होना शुरू हो जाता है और आप मोटापे की ओर तेजी से बढ़ने लगते हैं।

ब्लड शुगर बढ़ती है

मैदे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी अधिक होता है इसलिए मैदा खाने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है। मैदा का अधिक सेवन करने से खून में ग्लूकोज तेजी से शामिल होने लगता है, जो डायबिटीज की समस्या को अधिक बढ़ा सकता है।

खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है

खराब कोलेस्ट्रॉल हृदय रोगों के लिए जिम्मेदार होता है। मैदे से बनी चीज़ें खाने से मोटापा बढ़ता है, मेटाबॉलिज्म स्लो होता है। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लीसराइड का स्तर भी बढ़ने लगता है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्राॅल आर्टरीज़ को ब्लाॅक करने लगता है जो अंततः ब्लड प्रेशर और दूसरी हार्ट डिसीज़ का कारण बन सकता है।

आंत की सफाई में दिक्कत

मैदे में फाइबर नहीं बचता है। फाइबर के बिना शरीर आंत की गंदगी को साफ नही कर पाता बल्कि मैदा आंत में चिपक कर रह जाता है। इससे आंतों की सफाई करने में दिक्कत होती है। यह आंतों की परत में सूजन का कारण भी बनता है।

हड्डियों का घनत्व होता है कम

मैदा एसिडिक नेचर यानि अम्लीय प्रकृति का होता है। साथ ही इसमें प्रोटीन की मात्रा ना के बराबर होती है। इन दोनों कारणों से अधिक मात्रा में और लंबे समय तक मैदै से बनी चीज़ों का सेवन करते रहने से हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।

शरीर में होगी मिनरल्स और विटामिन्स की कमी

मैदा यानि रिफाइंड फ्लोर और इस रिफाइंड करने की प्रक्रिया में मैदे से सारा फाइबर, चोकर और न्यूट्रिशन खत्म हो जाता है। और जब हम मैदे से बनी चीज़ें खाते हैं तो उन्हें पचाने के लिऐ शरीर पहले से मौजूद पोषक तत्वों का इस्तेमाल करता है। जिससे शरीर में कई ज़रूरी विटामिन और मिनरल्स कम हो जाते हैं।

फूड एलर्जी का करण बनता है

आपको भी मैदे से बनी रोटी या नान काफी लचीली सी महसूस होती होंगी। ऐसा इसमें ग्लूटेन की अधिक मात्रा के कारण होता है। और ग्लूटेन कई लोगों के लिए एलर्जी का कारण बनता है।

पाचन संबंधी समस्याएं

मैदै से बनी चीज़ों के अधिक सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज, अपच और एसिडिटी आदि हो सकती हैं।

Divya Singh

दिव्या सिंह। समाजशास्त्र में एमफिल करने के बाद दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी, भोपाल से पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण की। दैनिक भास्कर एवं जनसत्ता के साथ विभिन्न प्रकाशन संस्थानों में कार्य का अनुभव। देश के कई समाचार पत्रों में स्वतंत्र लेखन। कहानी और कविताएं लिखने का शौक है। विगत डेढ़ साल से NPG न्यूज में कार्यरत।

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