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Infertility in Women : पुअर ओवेरियन रिजर्व बन सकता है बांझपन का कारण, आईवीएफ को भी बना देता है मुश्किल, रहें सतर्क...

Infertility in Women

Infertility in Women : पुअर ओवेरियन रिजर्व बन सकता है बांझपन का कारण, आईवीएफ को भी बना देता है मुश्किल, रहें सतर्क...
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By Gopal Rao

Infertility in Women : रायपुर। इनफर्टिलिटी या बांझपन इस समय पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ती हुई समस्या है। देश में भी हालात ऐसे ही हैं। आईवीएफ के बढ़ते हुए मामले भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं कि अब सहज रूप से संतान सुख पाना बहुत से कपल के लिए कठिन होता जा रहा है। डाॅक्टरों के अनुसार अगर महिलाओं में इनफर्टिलिटी की बढ़ती समस्या के बारे में बात की जाए तो 'पुअर ओवेरियन रिजर्व' भी इसका एक बहुत बड़ा कारण है। कई बार तो इसके चलते हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि आईवीएफ के माध्यम से भी बच्चा पैदा करने में सफलता मिलेगी की नहीं, इसका संदेह रहता है। महिलाओं में इनफर्टिलिटी के लिए ज़िम्मेदार इस वजह के बारे में थोड़ा और जानते हैं।

क्या है पुअर ओवेरियन रिजर्व

सरल शब्दों में यह एक महिला के शरीर में जन्मजात रुप से प्राप्त अंडों की संख्या है। ये बड़ी संख्या में होते हैं और आगे चलकर गर्भधारण में मदद करते हैं। आपको बता दें कि साल दर साल माहवारी यानी पीरियड्स के साथ-साथ इनकी संख्या यानी रिजर्व घटता जाता है और गुणवत्ता भी कम होने लगती है। जिसके लिए खराब जीवनशैली आदि अनेक कारण जिम्मेदार हैं। इससे क्रमशः ओवरी की क्षमता कम होती जाती है और अंडाणु बनने में दिक्कत आती है। जिसके चलते सहज रूप से गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है। कुछ कारणों से यह समस्या और विकट हो जाती है जो मुख्य रूप से ये हैं -

देर से विवाह और गर्भधारण -

जैसे कि हमने बताया कि उम्र के साथ ओवेरियन रिजर्व की संख्या घटती जाती है। आजकल लड़कियां शादी के बंधन में जल्दी बंधना नहीं चाहतीं। इसका कारण भी साफ है कि पढ़ाई और फिर करियर बनाने की राह में जल्दी शादी और गर्भधारण उन्हें रोड़ा लगता है। शादी और बच्चे के बाद ज़िम्मेदारी इतनी बढ़ जाती है कि कई बार लड़कियों के सपने चूर-चूर हो जाते हैं। अब वे ऐसा नहीं चाहतीं। इसलिए शादी के बाद भी अच्छी तरह करियर में सैटल होने के बाद ही वे बच्चा प्लान करती हैं। इस प्रयास में उम्र बढ़ती जाती है और ओवेरियन रिजर्व घटता जाता है।

ओवरी की सर्जरी -

अगर ओवरी में ट्यूमर हो जाए और सर्जरी के माध्यम से उसे निकाला जाए तो इस प्रक्रिया के दौरान भी रिजर्व की कुछ मात्रा नष्ट हो सकती है।

जननांग संक्रमण -

अगर महिला का जननांग संक्रमण गंभीर हो जाए या फिर टीबी, हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस, क्लैमाइडियल संक्रमण भी खराब ओवरी रिजर्व का कारण बनते हैं।

रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी -

कैंसर की चपेट में आने पर इलाज के दौरान रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी से गुज़रना पड़ सकता है। ये भी रिजर्व को कम कर सकते हैं।

ऑटोइम्यून रोग -

ऑटोइम्यून रोग जिसमें अपनी ही कोशिकाओं के विरुद्ध एंटीबॉडी का उत्पादन होता है,भी पुअर ओवेरियन रिजर्व के लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं।

स्मोकिंग, एल्कोहल और वायु प्रदूषण -

अब लड़कियों में भी स्मोकिंग की आदत बढ़ती देखी जा रही है। स्मोकिंग और एल्कोहल का अधिक सेवन भी पुअर ओवेरियन रिजर्व और अंडों की गुणवत्ता में गिरावट का बहुत बड़ा कारण है।

गलत खानपान और एक्टिव लाइफस्टाइल न होना-

गलत खानपान जो शरीर में ज्यादा फैट इकट्ठा करे और ऊपर से शारीरिक निष्क्रियता, ये दोनों कारण आज के दौर में लड़कियों में बढ़ते मोटापे का बहुत बड़ा कारण हैं। खराब जीवनशैली से जुड़े ये कारक भी खराब ओवेरियन रिजर्व का कारण बन सकते हैं।

ऐसा नहीं है कि पुअर ओवेरियन रिजर्व के चलते संतान प्राप्त करना असंभव है लेकिन यह समस्या को बढ़ावा ज़रूर दे सकता है। इसलिए अगर आपके डाॅक्टर आपको इस समस्या के बारे में बताते हैं तो जल्द बेबी प्लान करें, गर्भधारण न कर पाने पर आईवीएफ की मदद ले सकते हैं और यदि यह सब भी तात्कालिक रूप से संभव न हो तो समय रहते 'एग फ्रीज़' कराकर आप बाद में माँ बनने की अपनी संभावनाओं को ज़िन्दा रख सकती हैं और इनफर्टिलिटी को मात दे सकती है।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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