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How To Reverse Fatty Liver Naturally: फैटी लिवर को रिवर्स करने में मदद करेगी लाकाडोंग हल्दी, जानिए कैसे करें सेवन

How To Reverse Fatty Liver Naturally: फैटी लिवर को रिवर्स करने में मदद करेगी लाकाडोंग हल्दी, जानिए कैसे करें सेवन

How To Reverse Fatty Liver Naturally: फैटी लिवर को रिवर्स करने में मदद करेगी लाकाडोंग हल्दी, जानिए कैसे करें सेवन
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By Divya Singh

How To Reverse Fatty Liver Naturally: फैटी लिवर एक चुपके से हो जाने वाली बीमारी है जिसके लिए यह कतई जरूरी नहीं है कि आप ड्रिंक करते हों। नॉन अल्कोहोलिक फैटी लिवर बहुत आम है और तेजी से बढ़ रहा है। इससे कोई लक्षण नजर नहीं आते इसलिए पता भी नहीं चलता कि आप फैटी लिवर के शिकार हो चुके हैं। लेकिन आगे जाकर समस्याएं बढ़ जाती हैं इसलिए समय से इसे रिवर्स करना ज़रूरी है और यह संभव भी है आपके किचन में मौजूद एक सिंपल हर्ब के साथ। आइये जानते हैं कौन सी है ये हर्ब ।

लिवर फैटी क्यों हो जाता है

शराब पीने वाले लोगों में फैटी लिवर की समस्या आम है लेकिन आजकल नॉन अल्कोहोलिक फैटी लिवर भी बहुत काॅमन हो गया है यानी ऐसे लोगों में फैटी लिवर होने लगा है जो कभी भी शराब नहीं पीते। लेकिन उनके लिवर सेल्स में फैट इकट्ठा हो जाता है। मोटापा, ज्यादा चिकनाई वाला भोजन करने की आदत, डायबिटीज़,हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर आदि इसके जोखिम कारक हैं। आमतौर पर फैटी लिवर के लक्षण आसानी से ऊपर से समझ नहीं आते और यह चुपके से बढ़ता चला जाता है और यदि इसका समय से इलाज न किया जाए तो लिवर सिरोसिस,लिवर फेल्योर, लिवर कैंसर, और मृत्यु भी हो सकती है।

फैटी लिवर के लक्षण

फैटी लिवर होने पर लोग डाइजेशन में प्रॉब्लम महसूस करते हैं। उन्हें ब्लोटिंग होती है। स्किन में इचिंग होती है। एनर्जी लेवल कम हो जाता है। थकान बनी रहती है, एब्डोमेन के सेंटर पार्ट के में फैट तेजी से बढ़ता है। भूख में कमी आती है। जल्दी पेट भर जाता है और खाने के बाद दर्द भी महसूस होता है। जी घबराता है और पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में हल्का दर्द होता है।

हल्दी करेगी फैटी लिवर को रिवर्स

हल्दी एक ऐसी आसानी से उपलब्ध हर्बल औषधि है जो आपके फेटी लिवर को रिवर्स करने में मदद करती है। दरअसल हल्दी में करक्यूमिन नाम का फाइटोकैमिकल होता है जो इंफ्लेमेशन को कम करता है।

लाकाडोंग हल्दी क्यों है खास

आमतौर पर हमारे घरों में जिस हल्दी का रसोई में इस्तेमाल होता है उसमें करक्यूमिन 2 से 5 प्रतिशत ही होता है जबकि लाकाडोंग हल्दी में करक्यूमिन काफी ज्यादा होता है। तकरीबन 7-12 प्रतिशत तक। हल्दी की इस खास किस्म की पैदावार भारत के नॉर्थ ईस्ट स्टेट मेघालय में होती है। इस लाकाडोंग हल्दी की तीन ग्राम मात्रा एक गिलास पानी या दूध के साथ लें। साथ ही उसमें एक चुटकी कालीमिर्च पाउडर ज़रूर डालें। काली मिर्च डालने से हल्दी में मौजूद करक्यूमिन का अब्जॉर्प्शन शरीर में बेहतर तरीके से हो पाता है। इस तरीके से सेवन से आपको फैटी लिवर के साथ शरीर के विभिन्न अंगों में हो रहे इन्फ्लेमेशन से भी राहत मिलेगी।

Divya Singh

दिव्या सिंह। समाजशास्त्र में एमफिल करने के बाद दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी, भोपाल से पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण की। दैनिक भास्कर एवं जनसत्ता के साथ विभिन्न प्रकाशन संस्थानों में कार्य का अनुभव। देश के कई समाचार पत्रों में स्वतंत्र लेखन। कहानी और कविताएं लिखने का शौक है। विगत डेढ़ साल से NPG न्यूज में कार्यरत।

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