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Hemoglobin Jyada Hone Ke Nuksan: हीमोग्लोबिन कम होना ही नहीं, ज्यादा होना भी खतरनाक, stroke तक का खतरा, पहचाने लक्षण, कारण और बढ़े हुए हीमोग्लोबिन को कम करने के उपाय

Hemoglobin Jyada Hone Ke Nuksan: हीमोग्लोबिन कम होना ही नहीं, ज्यादा होना भी खतरनाक, stroke तक का खतरा, पहचाने लक्षण, कारण और बढ़े हुए हीमोग्लोबिन को कम करने के उपाय

Hemoglobin Jyada Hone Ke Nuksan: हीमोग्लोबिन कम होना ही नहीं, ज्यादा होना भी खतरनाक, stroke तक का खतरा, पहचाने लक्षण, कारण और बढ़े हुए हीमोग्लोबिन को कम करने के उपाय
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By Divya Singh

Hemoglobin Jyada Hone Ke Nuksan: हीमोग्लोबिन कम होना एक बहुत बड़ी समस्या है और बहुत से लोगों को हीमोग्लोबिन लेवल कम होने के कारण स्वास्थ्य से जुड़ी अनेक परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि हीमोग्लोबिन ज़रूरत से ज्यादा हो जाए तो वो भी एक बहुत बड़ी समस्या है और जानलेवा भी हो सकती है क्योंकि इससे स्ट्रोक आने के चांसेज़ बढ़ जाते हैं। इसलिए हीमोग्लोबिन कहीं ज्यादा तो नहीं हो गया है, इसे जानना ज़रूरी है। आइये जानते हैं हीमोग्लोबिन ज्यादा होने के लक्षण और कारण। साथ ही यह भी जानिये कि इसे सामान्य स्तर पर लाने के लिये क्या खाएं और क्या छोड़ें।

० हीमोग्लोबिन क्या है

हीमोग्लोबिन हमारे खून में मौजूद एक प्रोटीन है जो ऑक्सीजन को शरीर के अलग-अलग हिस्सों तक पहुँचाता है।महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर 12 से 15.50 प्रति डेसीलीटर और पुरुषों में 13 से 17.50 ग्राम प्रति डेसीलीटर सही माना जाता है। सामान्य रूप से हीमोग्लोबिन का स्तर संतुलित रहना जरूरी होता है।इस स्तर से जब हीमोग्लोबिन ज्यादा हो जाता है तो खून गाढ़ा हो जाता है जिससे अनेक परेशानियां हो सकती हैं। वस्तुतः इसका बहुत कम या बहुत ज्यादा होना अनेक समस्याओं का कारण बन सकता है और जटिल होती परिस्थितियों में जानलेवा भी हो सकता है। क्योंकि लंबे समय तक हीमोग्लोबिन का उच्च स्तर शरीर में रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ा सकता है, जिससे स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

० हीमोग्लोबिन ज्यादा होने के कारण

स्मोकिंग, डिहाइड्रेशन,हार्ट डिसीज़, सांस से संबंधित बीमारियां, कुछ दवाइयों का असर, कुछ ब्लड डिसऑर्डर (पॉलीसाइथीमिया वेरा) के कारण भी आपको हाई हीमोग्लोबिन हो सकता है।

० हीमोग्लोबिन ज्यादा होने के लक्षण

हीमोग्लोबिन ज्यादा होने पर ये लक्षण नज़र आ सकते हैं-

1. सिरदर्द

2. थकान

3. चक्कर आना

4. सांस लेने में तकलीफ

5. सीने में दर्द

6. धुंधली दृष्टि

7. चोट लगने पर अधिक खून बहना

8. शरीर के अंगों में सूजन

9. अचानक वजन कम होना

10. शरीर में असामान्य खुजली होना

11. त्वचा की पीली रंगत आदि

12. अत्यधिक पसीना आना

० हीमोग्लोबिन ज्यादा होने के नुकसान

1. हीमोग्लोबिन ज्यादा होने के कारण खून गाढ़ा हो जाता है जिससे खून का प्रवाह धीमा हो जाता है और आपके हार्ट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है।हार्ट को जब ब्लड पंप करने में कठिनाई होती है तो हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।

2. खून गाढ़ा होने से थक्का बन सकता है जिससे स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।

3. खून गाढ़ा होने से इसका सर्कुलेशन कठिन हो जाता है। ऑक्सीजन की आपूर्ति अनियमित होने के कारण सिरदर्द, थकान, सांस फूलना और चक्कर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

4. खून में ऑक्सीजन का असंतुलन होने से त्वचा पर लाल या नीला पड़ने के निशान पड़ जाते हैं।

5. ज़्यादा हीमोग्लोबिन होने पर रक्त अधिक गाढ़ा हो जाता है, जिससे मस्तिष्क में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाती। इससे धुंधली दृष्टि ,हाथों और पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन जैसे दुष्प्रभाव झेलने पड़ते हैं।

6. इसका दुष्प्रभाव आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम पर भी पड़ता है और आपको सांस फूलने जैसी समस्याएं होती हैं।

7. हीमोग्लोबिन ज्यादा होने से रक्त वाहिकाओं के जाम होने का खतरा बढ़ता है।

8. हीमोग्लोबिन बढ़ने से हमारी नाक और आंतों में ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है।

० हीमोग्लोबिन बढ़ने पर क्या करें

1. हाइड्रेटेड रहें। डीहाइड्रेशन से खून गाढ़ा हो जाता है।दिन में कम से कम ढाई से तीन लीटर पानी ज़रूर पिएं।

2. अपनी डाइट में फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज बढ़ाएं।फाइबर बढ़ाने से हीमोग्लोबिन का स्तर तेजी से सामान्य होगा और आपको कोलेस्ट्रॉल कम करने में भी मदद मिलेगी।

3. ग्रीन टी ज़रूर लें। कुछ मात्रा में खट्टे फल रोज़ लें।

4. हल्की या मध्यम एक्सरसाइज़ ज़रूर करें। इससे खून का प्रवाह बेहतर होगा।

5. स्मोकिंग छोड़ें।

6. डॉक्टर से मिलें। उनके बताए ब्लड टेस्ट करवाएं। आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर ब्लड थिनर दे सकते हैं।

7. रक्त दान करने से भी आपको फायदा होगा।

० क्या न करें

आयरन रिच फूड न लें। स्मोकिंग और ड्रिंकिंग न करें। ये खून को और गाढ़ा करते हैं। बिना डाॅक्टर के बताए मल्टीविटामिन न लें। ज्यादा तैलीय या मसालेदार भोजन से परहेज़ करें।

Divya Singh

दिव्या सिंह। समाजशास्त्र में एमफिल करने के बाद दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी, भोपाल से पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण की। दैनिक भास्कर एवं जनसत्ता के साथ विभिन्न प्रकाशन संस्थानों में कार्य का अनुभव। देश के कई समाचार पत्रों में स्वतंत्र लेखन। कहानी और कविताएं लिखने का शौक है। विगत डेढ़ साल से NPG न्यूज में कार्यरत।

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