Health News: छठवीं कक्षा के बच्चे की हार्ट अटैक से मौत, जानें कम उम्र में क्यों हो रहे हार्ट अटैक...
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Health News : नई दिल्ली। हार्ट अटैक का खतरा अब बड़ों के साथ बच्चों को भी चपेट में ले रहा है। बिगड़ते जीवन शैली के चलते लोगों में हार्ट अटैक की बीमारी पांव पसार रही है। कोरोना जैसे वैश्विक महामारी के चलते यह बीमारियां और भी बढ़ी है। अब हार्ट अटैक जैसी बीमारियां कम उम्र के लोगों के साथ बच्चों में भी बड़ी है अब हर पांच में से एक हार्ट अटैक कॉमेडी 40 साल से कम उम्र का है और बच्चों को भी हार्ट अटैक के दौरे पड़ रहे हैं। ताजा मामला देवभूमि द्वारका बच्चे ने हार्ट अटैक के चलते दम तोड़ दिया है।
गुजरात राज्य की देवभूमि द्वारका और राजकोट शहर से चौंकाने वाली खबर सामने आई है। देवभूमि द्वारका में 12 साल के बच्चे तो वही राजकोट में 20 साल के लड़के ने दिल का दौरा पड़ने के चलते अपनी जान गंवा दी है। 12 साल का बच्चा छठी क्लास में पढ़ता था। उसके सीने में दर्द होने के चलते उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। डॉक्टरों ने परीक्षण उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार हार्ट अटैक से बच्चे की जान गई है। अब बड़ों के साथ ही बच्चों को हार्ट अटैक आने से देश में चिंता की लहर फैल गई है।
कुछ समय पहले माना जाता था कि हार्ट अटैक व हृदय रोग जैसी बीमारियां अधिक उम्र के लोगों को ही चपेट में लेता है और माना जाता था कि बुजुर्ग हो जाने के बाद हार्ट अटैक की समस्या सामने आती है। पर पिछले कुछ वर्षों से 40 साल से कम उम्र के जवान लोगों में भी हार्ट की बीमारी सामने आने लगी है। धीरे धीरे यह बिमारी 40 साल से कम उम्र के बाद बीस से तीस साल के युवाओं में भी देखी जाने लगी। अब बच्चों में भी यह बीमारी देखी जाने लगी है। बिगड़ी जीवनशैली और फॉस्ट फूड इसका मुख्य कारण मानी जा रही है। हार्ट अटैक का मुख्य कारण हाई ब्लड प्रेशर भी है। डॉक्टरों के अनुसार हाई ब्लड प्रेशर भी हार्ट अटैक को बढ़ाने वाले प्रमुख कारकों में से एक है। इससे कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं में बढ़ोतरी होती है। अधिक मोटापा और अधिक वजन भी हाई ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का कारण बनती है। हाई ब्लड प्रेशर से धमनियों पर दबाव बढ़ता है जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक को आकर्षित करती है।
डॉक्टरों के अनुसार हृदय रोगों से बचाव के लिए मोटापे व बीपी से बचने के अलावा अपने जीवन शैली को भी नियंत्रित रखनी चाहिए। और खान पान में फॉस्ट फूड की मात्रा नियंत्रित कर हरी सब्जियों, फाइबर की मात्रा बढ़ानी चाहिए। इसके साथ ही योग,एक्सरसाइज,वॉकिंग भी नियमित रूप से करनी चाहिए।