Begin typing your search above and press return to search.

H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के बढ़ रहे मामले, बचने के लिए इन घरेलू नुस्खों को डाइट में करें शामिल

H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के बढ़ रहे मामले, बचने के लिए इन घरेलू नुस्खों को डाइट में करें शामिल
X

helth

By NPG News

डेस्क। भारत में कोरोना के बाद अब इन्फ्लूएंजा वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। पुडुचेरी में इन्फ्लूएंजा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए आठवीं कक्षा तक के सभी स्कूलों में छुट्टी की गई हैं। वहीं सरकार ने इस फ्लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। पीड़ित व्यक्ति से चार और लोगों में संक्रमण फैल सकता है। यह फ्लू एक संक्रामक श्वसन वायरस है जो कि नाक, गले, ऊपरी श्वसन पथ और फेफड़ों को प्रभावित करता है।

इन्फ्लूएंजा वायरस आमतौर पर सूअरों में पाया जाता है। जब इसका फैलाव इंसानी शरीर में होता है तो इसे वेरिएंट वायरस कहा जाता है। ए एच3एन2 (A - H3N2), इन्फ्लूएंजा वायरस का ही एक वेरिएंट है, जिसे H3N2v के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा ही है स्वाइन फ्लू महामारी का वेरिएंट जिसे एच1एन1 (H1N1) वायरस के नाम से जाना जाता है, जो पहली बार 2009 में सामने आया था।

इस वायरस से बचने के लिए कुछ बचाव और रोकथाम बताये गए है जो इस प्रकार है...

मुलेठी का उपयोग

आयुर्वेद में कई तरह की जड़ीबूटियां हैं, जिससे पुरानी से पुरानी बीमारी को दूर किया जा सकता है। उसी में एक नाम मुलेठी का है, जिसके सेवन से खांसी, कफ, खराश को भगाया जा सकता है। यदि कोई इसका सेवन करता है, तो एक सप्ताह के भीतर सांस के रास्ते में जमे कफ को पतला कर बाहर कर देने की क्षमता है इसमें। इसका सेवन करने के लिए चाय के पैन में एक स्पून मुलेठी का पाउडर लें और एक ग्लास गर्म पानी में मिलाएं। फिर इसको पिएं, ऐसा दिन में दो बार करें। खांसी के साथ कफ को बाहर करेगी।

दालचीनी

दालचीनी में कई सारे औषधीय गुण पाए जाते हैं। यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करती है। इसके अलावा यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है और शरीर को खतरनाक मॉलिक्यूल्स और फ्री रेडिकल्स से बचाने में भी काफी मदद करती हैं। यह शरीर में किसी वायरस की ग्रोथ को रोकने का भी काम करती है।

मुंह और नाक ढंके

छींकते या खांसते समय मुंह व नाक को रुमाल की मदद से ढककर रखें। इससे आपके करीबी लोग बीमार होने से बच सकते हैं। फ्लू मुख्यतः: खांसने, छींकने और मुंह से निकलने वाले वायरस से होता है। व्यक्ति कीटाणु से दूषित किसी चीज को छूता है और उसके बाद उन्हीं हाथों को साफ किए बिना आंख, मुंह और नाक को छूता है तो रोगाणु फैलते हैं। इसलिए फ्लू से बचाव के लिए बार-बार हाथ धोएं, ताकि कीटाणु से बचा जा सके। बाहर हैं और साबुन व पानी उपलब्ध नहीं हैं तो हाथ सैनिटाइजर से साफ करें।

लौंग

लौंग में कई ऐसे कंपाउंड पाए जाते हैं जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने का काम करते है, जैसे यूजेनॉल। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें एंटीवायरल, एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं जिससे यह बैक्टीरिया या वायरस को बढ़ने से रोकता है।

मेथी दाना

मेथी के बीज में सैपोनिन, फ्लेवोनोइड्स और अल्कलॉइड्स जैसे यौगिक होते हैं, जिनमें इम्यूनिटी-बढ़ाने वाले गुण होते हैं। माना जाता है कि ये यौगिक सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाते हैं, जो इंफेक्शन और बीमारियों से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मेथी के बीज का इस्तेमाल आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में इम्यूनिटी को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है क्योंकि ये विटामिन ए और सी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, साथ ही इसमें आयरन, जिंक और सेलेनियम जैसे मिनरल्स भी होते हैं।

हल्दी का उपयोग

हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन पदार्थ में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। हल्दी खांसी और बुखार का बढ़िया इलाज है। इसकी पावर बढ़ाने के लिए आप इसे काली मिर्च के साथ ले सकते हैं। आप 1 चम्मच हल्दी और 1/8 चम्मच काली मिर्च को संतरे के रस, चाय या सूप में मिलाकर ले सकते हैं। यह ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और ऊपरी श्वसन रोगों से निपटने के लिए शक्तिशाली इलाज है।

विटामिन सी

विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करती हैं और आपको सर्दी और खांसी पैदा करने वाले वायरस से बचाती हैं। आंवला, संतरा, नींबू जैसी चीजों का खूब सेवन करें।

नमक पानी के गरारे

नमक के पानी से गरारे करने से ऊपरी श्वसन संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है। यह बुखार और खांसी को कम करने में मदद करता है, साथ ही गले के संक्रमण को भी कम करता है। नमक के पानी से गरारे करने से बलगम कम होता है और ढीला होता है, जो बैक्टीरिया और एलर्जी का बड़ा कारण है।

अदरक

अदरक का उपयोग खांसी और गले में खराश होने पर किया जाता है इसमें कई औषधीय गुण हैं जो कई तरह के इंफेक्शन से बचा सकते हैं। अदरक सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाकर इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने में मदद करता है, ताकि इंफेक्शन और बीमारियों से लड़ा जा सके। अदरक में एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं, जो कई वायरस और बैक्टीरिया के विकास और प्रसार को रोकने में मदद कर सकते हैं।

शहद तुलसी

शहद, अदरक और तुलसी को पावरफुल जड़ी बूटी माना जाता है। सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों को कम करने के लिए सादा पानी पीने के बजाय पानी में शहद, अदरक और तुलसी को उबालकर पिएं। इससे साइनस को खोलने, गले का संक्रमण खत्म करने और खांसी रोकने में मदद मिल सकती है।

Next Story