Fried Foods Side Effects: बारिश में क्रंची फ्राइड स्नेक्स की तलब देती बीमारियों को दावत, जानिये मोटापा बढ़ाने के साथ और कितने हैं नुकसान...
Fried Foods Side Effects: ये जो पकौड़े, समोसे, मिर्ची भजिये आपके पेट में जा रहे हैं, उनसे स्वाद तो बेशक मिलेगा, पर बीमारियों को भी एंट्री पास मिल जाएगा।

Fried Foods Side Effect
Fried Foods Side Effects: बारिश की आहट और करारे पकौड़े खाने की कुलबुलाहट, आपके घर का भी यही सीन है? लेकिन ये जो पकौड़े, समोसे, मिर्ची भजिये आपके पेट में जा रहे हैं, उनसे स्वाद तो बेशक मिलेगा, पर बीमारियों को भी एंट्री पास मिल जाएगा। वे धीरे से पैर पसारेंगी और शरीर पर कब्ज़ा जमाएंगी... और नतीजा? मोटापा, डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर से लेकर कैंसर तक कुछ भी हो सकता है। तो इस मानसून न तेल की खपत बढ़ाइए, न रेस्टोरेंट के चक्कर, क्योंकि शरीर स्वस्थ तो जीवन मस्त।
मोटापा
फ्राइड फूड्स सीधे आपका मोटापा बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। बढ़िया रंगत देने और कुरकुरा बनाने के लिए इन्हें तेल में खूब देर तक तला जाता है। और रेस्टोरेंट्स में तो एक ही तेल का बार-बार इस्तेमाल भी किया जाता है जिससे इसके नुकसान कई गुना बढ़ जाते हैं। हाई कैलोरी और हाई फैट वाली इन चीज़ों को पचाने के लिए पाचन तंत्र को खासी मशक्कत करनी पड़ती है। ये चीज़ें मेटाबॉलिज्म को भी स्लो करती हैं और बिना जली कैलोरी फैट में तब्दील होती जाती है। जिससे फैट बढ़ता जाता है जिसे घटाना बहुत कठिन होता है।
हार्ट डिसीज़
फ्राइड फूड हार्ट की बीमारियों का जोखिम बढ़ाते हैं। दरअसल फ्राइड फूड खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है जिससे रक्त वाहिकाओं में फैट इकट्ठा होने लगता है। इसी से ब्लॉकेज होते हैं और हार्ट के लिए न केवल काम करना मुश्किल होता है बल्कि ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है और हार्ट अटैक के चांसेस भी बढ़ते हैं। इसलिए इन फ्राइड फूड से दूरी बहुत जरूरी है ताकि आपका हार्ट सुरक्षित रहे।
पोषक तत्वों का कम लाभ
फ्राइड फूड को पचाना बहुत कठिन होता है। इनके अधिक सेवन से शरीर के लिए पोषक तत्वों को तोड़ना और अवशोषित करना मुश्किल हो जाता है,और शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। भले ही आप अच्छा भोजन जैसे ड्राई फ्रूट्स और फल सलाद भी डाइट में शामिल किए हुए हों लेकिन साथ में फ्राइड फूड से किनारा ना करना आपकी अच्छी डाइट के भी फायदे घटा देता है।
डायबिटीज़
फ्राइड फूड खाने से ट्रांसफैट बढ़ता है, जिससे आप डायबिटीज जैसी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। इन्हें पचाना मुश्किल होता है। फाइबर तो इनमें नाम का भी नहीं रहता। स्वाद के अलावा ये सिर्फ नुकसान का निवाला हैं। इनसे इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है और शुगर स्पाइक्स होते हैं। फ्राइड फूड डायबिटीज पेशेंट के लिए ज़हर के समान कहे जाते हैं।
हार्ट बर्न, एसिड रिफ्लक्स
तली हुई चीज़ें खाने से सीने में जलन की तकलीफ होती है और एसिड रिफ्लक्स भी होता है क्योंकि इन चीजों का पचाना बेहद ही कठिन होता है। इनसे शरीर में गया अनहेल्दी फैट आंत की अंदरूनी परत पर जमा हो जाता है जो आसानी से क्लियर नहीं होता। ये गैस, ब्लोटिंग, हार्ट बर्न, एसिड रिफ्लक्स आदि का कारण बनता है।
आलस
फ्राइड फूड खाने से शरीर में भारीपन का एहसास होता है और आलस-थकान हावी होती है। ऐसा खाना खाने के बाद एक्टिविटी या वर्क आउट की इच्छा ही नहीं होती। आप सिर्फ बिस्तर पर पड़े रहना चाहते हो जिससे शरीर पर बुरा असर पड़ता है।
वेट बढ़ना
हाई कैलोरी और हाई फैट लेना मतलब वजन को बढ़ने के लिए निमंत्रण देना। फाइबर रहित ट्रांसफैट वाला ये खाना आपके शरीर के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है और सीधे तौर पर वेट बढ़ने का कारण बनता है।
स्किन होती है खराब
फ्राइड फूड का ज्यादा सेवन करने से स्किन पर भी बुरा असर पड़ता है। ये शरीर में फ्री रेडिकल्स बनाते हैं जो अर्ली एजिंग का कारण बनते हैं। इनमें ट्रांस फैट होता है जिससे सीबम का उत्पादन भी बढ़ता है। इससे मुहांसे, त्वचा में सूजन, एलर्जी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
कैंसर का खतरा
डीप फ्राइड फूड आइटम्स में 'एक्रिलामाइड' नाम का हानिकारक पदार्थ होता है, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
लिवर और किडनी डिसीज़ का खतरा
फ्राइड फूड खाने की लालसा लिवर और किडनी पर भी भारी पड़ती है।
