Fatty Liver Kya Hai: अब तो बच्चे में भी बढ़ने लगे फैटी लिवर के मामले, जानिए कहां हो रही है मिस्टेक
Fatty Liver Kya Hai: डाॅक्टर्स भी इस स्थिति को लेकर हैरत में हैं और उनका स्पष्ट मानना है कि खानपान का बदलता तरीका इसके लिए जिम्मेदार है। बेक्ड आइटम्स जिनमें मैदे का खुलकर इस्तेमाल होता है, इसके साथ ही फ्राइड फूड, जूस आइसक्रीम, चाॅकलेटस जैसी चीज़ें जिन्हें बच्चे धड़ल्ले से ले रहे हैं।

Fatty Liver Kya Hai
Fatty Liver Kya Hai: फैटी लिवर की समस्या आजकल बड़ों को ही नहीं, बच्चों तक को होने लगी है। डाॅक्टर्स भी इस स्थिति को लेकर हैरत में हैं और उनका स्पष्ट मानना है कि खानपान का बदलता तरीका इसके लिए जिम्मेदार है। बेक्ड आइटम्स जिनमें मैदे का खुलकर इस्तेमाल होता है, इसके साथ ही फ्राइड फूड, जूस आइसक्रीम, चाॅकलेटस जैसी चीज़ें जिन्हें बच्चे धड़ल्ले से ले रहे हैं, वे ही फैटी लिवर का मुख्य कारण बन रही हैं। आइए जानते हैं हमसे कहां मिस्टेक हो रही है।
बच्चों में क्यों बढ़ रहे फैटी लिवर के मामले
बच्चे आज कल जिस तरह की डाइट ले रहे हैं उससे उनके शरीर में शक्कर और स्टार्च ज्यादा जा रहे हैं। शक्कर को पचाने के लिए इंसुलिन भी ज्यादा बनता है और अगर बच्चे कम एक्टिव हैं तो और यह बढ़ा हुआ इंसुलिन शक्कर को फैट में बदलने लगता है और यह फैट बॉडी के साथ लिवर में इकट्ठा होने लगता है जिससे फैटी लिवर की समस्या हो रही है।
मैदे का बढ़ता इन्टेक
बच्चों के खानपान में मैदा बहुत ज्यादा शामिल होने लगा है। भाजी पाव में पाव, बर्गर में बन, पिज़्ज़ा में बेस, सब कुछ तो मैदे से बना है। इसके अलावा नान, भटूरे, समोसे, कचौड़ी, ब्रैड सभी को बनाने में मैदे का इस्तेमाल होता है। और आपके बच्चे किसी न किसी रूप में हर दिन मैदा खा रहे हैं। यह रिफाइंड फ्लार फैटी लिवर का कारण बनता है।
जूस ज्यादा पीना
आजकल बच्चे हेल्दी ड्रिंक का नाम देकर खूब जूस पीने लगे हैं। घरवाले भी मान लेते हैं कि बच्चा जूस पी रहा है तो कोई दिक्कत नहीं। लेकिन आपको बताएं कि जूस पीने में दिक्कत है। दरअसल फल में जो फाइबर होता है वह जूस में नहीं होता। इससे फ्रुक्टोज के रूप में सीधे और बड़ी मात्रा में शुगर लिवर तक पहुंच जाती है। फ्रुक्टोज का मेटाबॉलिज्म लिवर में ही होता है। बड़ी मात्रा में पहुंची ये नेचुरल शुगर फैट में तब्दील होने लगती है और फैटी लिवर के समस्या होती है।
आइसक्रीम, चॉकलेट मिल्क
आइसक्रीम और चॉकलेट मिल्क जैसी बच्चों की पसंदीदा चीजों में भी जम के फ्रुक्टोज़ होता है जो कि फैटी लिवर का कारण बनता है।
फ्राइड फूड
बच्चों की डाइट में तली हुई चीजें बहुत ज्यादा शामिल होती जा रही हैं। बच्चे अपनी पॉकेट मनी दोस्तों के साथ चाट, समोसे, आलू टिक्की जैसी चीज़ें खाने में उड़ा रहे हैं। इनमें ट्रांस फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो बॉडी और लिवर में फैट पैदा करती है।
मिठाइयां
हमारे यहां सभी को मिठाइयां खाना बहुत पसंद है। घर में तो हलवा, खीर, लड्डू बनते ही रहते हैं, बाहर से भी गुलाबजामुन, रसगुल्ले, जलेबी जैसी चाशनी से तर मिठाइयां खूब लाई जाती हैं। इनके साथ बड़ी मात्रा में शक्कर बाॅडी में जाती है और बाॅडी फैट बढ़ाने के साथ फैटी लिवर का कारण भी बनती है।
मेयोनीज़-बटर जैसी चीज़ें
बच्चों की पसंदीदा चीज़ों को और लुभावना बनाने के लिए आजकल मेयोनीज़ और बटर जैसी चीजों का भर- भर के इस्तेमाल होता है।
ये चीज़ें डायरेक्ट फैटी लिवर के लिए जिम्मेदार भले ना हों लेकिन मोटापा बढ़ाती है। मेयोनीज में हाई फैट और कैलोरी होती है, जो वजन बढ़ने और मोटापा जैसी समस्याओं के लिए ज़िम्मेदार होती है, और ये दोनों फैटी लिवर का कारण बनते हैं।
नाॅनवेज का ज्यादा सेवन
रोजाना नॉनवेज का सेवन करना भी फैटी लिवर का कारण हो सकता है। दरअसल इन चीजों में पहले ही फैट ज्यादा मात्रा में होता है। फिर उन्हें ज़ायकेदार बनाने में भी फैट का खूब इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। फिर चाहे वह बटर चिकन हो, फ्राइड फिश हो या मटन और चिकन से बनी दूसरी चीज़ें। इसलिए नॉनवेज का सेवन भी सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
