Drug Addiction Hindi: सिगरेट, शराब या ड्रग्स? इंसान को सबसे पहले किस चीज की लत लगती है? जानकर चौंक जाएंगे!
Drug Addiction Hindi: आजकल शराब और सिगरेट बहुत लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी है। कई लोग इसे सिर्फ शौक में लेते हैं, लेकिन कुछ लोग इसके इतने आदी हो जाते हैं कि इन्हें छोड़ पाना मुश्किल हो जाता है।

Drug Addiction Hindi: आजकल शराब और सिगरेट बहुत लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी है। कई लोग इसे सिर्फ शौक में लेते हैं, लेकिन कुछ लोग इसके इतने आदी हो जाते हैं कि इन्हें छोड़ पाना मुश्किल हो जाता है। क्या आप जानते हैं कि सिगरेट, शराब या ड्रग्स में से इंसान को किस चीज की लत सबसे तेजी से लगती है? चलिए विस्तार से जानते हैं।
नशे की लत कैसे शुरू होती है?
सभी जानते हैं कि सिगरेट पीना या शराब पीना सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है। कई लोग तो कभी-कभार इसे मजे के लिए आजमाते हैं लेकिन धीरे-धीरे आदत बनती चली जाती है। किसी भी नशे की लत अचानक नहीं लगती, बल्कि इसे बार-बार करने से शरीर और दिमाग इसकी आदत डाल लेते हैं। जब इंसान को नशा किए बिना चैन नहीं आता, तब इसे लत कहा जाता है।
सबसे जल्दी कौन सी चीज आदत में बदलती है?
विशेषज्ञों के अनुसार सिगरेट और शराब से ज्यादा जल्दी लत ड्रग्स की लगती है। खासकर हेरोइन या कोकीन जैसे ड्रग्स का असर पहली या दूसरी बार में ही दिमाग पर पड़ जाता है। रिसर्च कहती है कि सिर्फ 5 बार सेवन करने पर ही इंसान ड्रग्स का आदी बनने लगता है। इसके मुकाबले कैनबिस यानी गांजा या हशीश की आदत धीरे-धीरे लगती है। इसे अगर लगातार 6 महीने तक लिया जाए तो असर दिखता है और करीब 2 साल बाद पक्की लत बन जाती है।
सिगरेट और शराब की लत कितने वक्त में लगती है?
अगर बात करें सिगरेट या बीड़ी की, तो इसका चस्का भी 6 महीने के अंदर शुरू हो सकता है। 2-3 साल तक लगातार पीने के बाद इंसान पूरी तरह आदतन smoker बन जाता है। शराब की लत थोड़ी देर में लगती है — करीब 1 से 2 साल तक पीने पर इसे छोड़ना मुश्किल हो जाता है और 5 साल में तो यह पक्की लत बन जाती है।
किसकी लत सबसे खतरनाक मानी जाती है?
डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि ड्रग्स और सिगरेट की लत सबसे खतरनाक होती है। इसके पीछे दिमाग में होने वाली केमिकल रिएक्शन जिम्मेदार होती है। जब कोई व्यक्ति सिगरेट पीता है तो जलती तंबाकू से निकोटीन निकलता है। यह निकोटीन खून के जरिए फेफड़ों से होते हुए सीधा दिमाग तक पहुंचता है। दिमाग में निकोटीन खास रिसेप्टर्स को एक्टिव करता है जिससे डोपामाइन नाम का हार्मोन रिलीज होता है। डोपामाइन इंसान को अच्छा महसूस कराता है, इसी वजह से इंसान बार-बार सिगरेट या ड्रग्स लेना चाहता है।
नशे की आदत छोड़ना इतना मुश्किल क्यों है?
जब कोई शख्स नशा छोड़ने की कोशिश करता है तो उसके दिमाग को वो खुशी नहीं मिलती, जो उसे पहले मिल रही थी। इसी वजह से उसका मन बार-बार फिर से वही करने को करता है। नशे की लत को छोड़ने में दिमाग की यह 'खुशी की चाह' सबसे बड़ी रुकावट बनती है।
