Dehydration, Signs And Prevention: डियाइड्रेशन के इन लक्षणों को न करें अनदेखा, वरना आप भी बन सकते हैं अस्पतालों में उमड़ती भीड़ का हिस्सा...
Dehydration, Signs And Prevention: डियाइड्रेशन के इन लक्षणों को न करें अनदेखा, वरना आप भी बन सकते हैं अस्पतालों में उमड़ती भीड़ का हिस्सा...
Dehydration Signs And Prevention: गर्मी अपने प्रचंड रूप में नज़र आ रही है। कहर बरसा रही है। अस्पतालों में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। ग्लूकोज़ चढ़वाने वालों की कतार है क्योंकि डिहाइड्रेशन ने बेहाल कर दिया है। डिहाइड्रेशन या निर्जलीकरण ऐसी समस्या है जिसे आप अपनी सूझ से रोक सकते हैं। चूंकि गर्मी में शरीर से द्रव और नमक अपने आप ही पसीने के साथ कम होने लगते हैं तो आपको लगातार इनकी भरपाई भर करना है। और उल्टी-लूज़ मोशन जैसी स्थितियों में लिक्विड इन्टेक और बढ़ा देना है। थोड़ी सी सतर्कता से आप हाॅस्पिटल के चक्कर से बच सकते हैं। डिहाइड्रेशन के कुछ सामान्य लक्षण हैं। जिन्हें समय से पहचानना ज़रूरी है। आइए इन पर बात करते हैं।
प्यास लगना
ये सबसे पहला लक्षण है। प्यास बताती है कि आपका शरीर पानी मांग रहा है। गर्मी में आपको शरीर के इस अलार्म का इंतज़ार नहीं करना है। थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहना है। एक बाॅटल या जग पानी हर वक्त आपकी पहुंच में रहे ताकि आप उठने का आलस कर प्यासे न बैठे रहें। क्योंकि यही प्यास आपको डिहाइड्रेशन के नजदीक ले जाएगी।
गहरे पीले रंग का मूत्र और उसकी कम मात्रा
अगर आपके मूत्र का रंग गहरा पीला नज़र आ रहा है तो यह भी एक लक्षण है जो बताता है कि शरीर में पानी की कमी होने लगी है। साथ ही अगर इसकी मात्रा भी कम हो रही है तो इसे तत्काल गंभीरता से लें और पानी पीना बढ़ाएं।
थकान का बढ़ना
एक सामान्य मानव शरीर में लगभग 70% पानी होता है। यह शरीर की गतिविधियों के सुचारु संचालन के लिए बेहद ही ज़रूरी है। अब आप पानी कम पी रहे हैं और शरीर को तो अपने काम करने हैं जिसमें उसे परेशानी होती है। नतीजतन आप थकने और कमज़ोरी महसूस करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में पानी पीना तो बढ़ाना है ही साथ ही उसमें नींबू या सौंफ जैसी चीज़ें भी एड कर देना है। आप नारियल पानी पिएं। छाछ पिएं। तरबूज, खरबूज, खीरा जैसी पानी युक्त चीज़ें खाएं। आपकी खोई शक्ति लौटेगी।
मुंह का सूखना
बार-बार मुंह सूख रहा है तो यह भी आपके लिए एक बड़ा संकेत है कि शरीर में पानी की कमी हो गई है। बाॅडी साइंस के अनुसार मुंह सूख रहा है यानि लार कम बन रही है। लार कम मुख्यतः इसलिए बन रही है क्योंकि आप हाइड्रेटेड नहीं हैं। इसलिए तुरंत पानी पीना बढ़ाएं।
चक्कर आना
जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो रक्त प्रवाह भी धीमा पड़ जाता है। इसका असर मस्तिष्क पर भी पड़ता है क्योंकि उस तक भी रक्त की सप्लाई प्राॅपरली नहीं होती है। मस्तिष्क में रक्त और ऑक्सीजन की सप्लाई कम होने से सिरदर्द होता है और चक्कर भी आने लगते हैं। इसलिये ऐसी स्थितियों को महसूस करते ही पानी की मात्रा बढ़ाएं।
मांसपेशियों में ऐंठन
कम पानी पीने से मसल्स में क्रैंप्स हो सकते हैं। ऐसा इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी से होता है। इसलिए पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन पर तत्काल ध्यान दें। ये स्थिति तेज़ गर्मी में कठिन श्रम या हैवी वर्क आउट करने वालों के सामने कभी भी आ सकती है इसलिये पानी का इन्टेक बढ़ाएं। नमक मिला नींबू पानी लें।
पसीना कम आना
गर्मी में ज्यादा पसीना आम बात है। लेकिन अगर स्थिति इससे उलट है और आपको कम पसीना आ रहा है तो भी सचेत हो जाएं और पानी पीना बढ़ाएं।
ब्लड प्रेशर पर असर
कम पानी पीने से हमारे हार्ट की हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है और हाई और लो बीपी वालों की परेशानी बढ़ सकती है। हाइड्रेशन की कमी के चलते ब्लड वेसल्स अच्छे तरीके से ब्लड के फ्लो को बनाकर नहीं रख पाती हैं। इससे हार्ट पर दबाव पड़ने लगता है और ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। पहले से हाई बीपी के पेशेंट हों तो पानी की पूर्ति को लेकर विशेष सतर्क रहें। वहीं अगर आपका बीपी लो रहता है, तो शक्कर-नमक का घोल टाइम टू टाइम लेते रहें। इससे आपके ब्लड में सोडियम और शुगर का स्तर बना रहेगा।