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Cooking Kaun Se Bartan Me Karain: स्टील, लोहे, पीतल या मिट्टी के बर्तन, अच्छे स्वास्थ्य के लिए कुकिंग कौन से बर्तन में करें, जानें आयुर्वेद की नजर से...

Cooking Kaun Se Bartan Me Karain: स्टील, लोहे, पीतल या मिट्टी के बर्तन, अच्छे स्वास्थ्य के लिए कुकिंग कौन से बर्तन में करें, जानें आयुर्वेद की नजर से...

Cooking Kaun Se Bartan Me Karain: स्टील, लोहे, पीतल या मिट्टी के बर्तन, अच्छे स्वास्थ्य के लिए कुकिंग कौन से बर्तन में करें, जानें आयुर्वेद की नजर से...
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By Divya Singh

Cooking Kaun Se Bartan Me Karain: आजकल आमतौर पर सबके घरों में स्टेनलेस स्टील के बर्तनों का ही इस्तेमाल कुकिंग के लिए ज्यादा किया जाता है। लेकिन अगर आप स्वास्थ्य की दृष्टि से विचार करें तो अन्य किस्म के बर्तन जैसे पीतल, लोहा और मिट्टी के बर्तन भी स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है और आपको इन सभी का बदल- बदल कर इस्तेमाल करना चाहिए जिससे आपको अनगिनत फायदे मिलेंगे। आइये आयुर्वेदिक चिकित्सक डाॅ रुपाली जैन ने जो जानकरी शेयर की है, उसके मुताबिक जानते हैं स्टील,लोहे, पीतल और मिट्टी के बर्तनों के फायदे और सावधानियां।

० स्टील के बर्तन में खाना बनाने के फायदे

स्टील के बर्तन की खासियत है कि इसमें सभी तरह का भोजन बनाया जा सकता है साथ ही स्टोर भी किया जा सकता है और सर्व भी। ये प्रेजेंटेबल होते हैं। इनसे सजा किचन चमचमाता है। ये एसिडिक फूड के साथ रिएक्ट नहीं करते। न ही इनमें जंग लगती है। ये ईज़ीली अवेलेबल होते हैं। साथ ही साफ करने में आसन होते हैं और सालों-साल चलते हैं।

सावधानियां

1. स्टील का बर्तन हमेशा मोटे बेस वाला(थिक बाॅटम वाला) लें। वरना इसमें खाना बनाने पर यह बहुत जल्दी नीचे से लग जाता है, जल जाता है।

2. स्टील का बर्तन बनाने में निकेल और क्रोमियम का इस्तेमाल होता है जिससे कुछ लोगों का परेशानी हो सकती है।

० लोहे के बर्तन में खाना बनाने के फायदे

पोहा, उपमा, रोटी - सब्जी आप आराम से लोहे की कढ़ाई में बना सकते हैं। लोहे के बर्तन ड्यूरेबल होते हैं। ये बर्तन ईवन और हेल्दी कुकिंग के लिए जाने जाते हैं। साथ ही ये शरीर में आयरन और हीमोग्लोबिन लेवल को मेंटेन करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार लोहे के बर्तन में बना खाना आपको लंबे समय तक जवां बनाए रखता है। यह बढ़ते हुए बच्चों, और ऐनिमिक महिलाओं के लिए बहुत काम का है। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है। कफ़ और पित्त दोष को कम करता है। लोहे के बर्तन में नियमित रूप से खाना बनाकर खाने पर शरीर के दर्दों और सूजन से राहत मिलती है। लोहे के बर्तन में बना खाना डायबिटीज पेशेंट्स के लिए भी फायदेमंद है। लोहे के बर्तन में बना खाना मोटापे को कम करने में मदद करता है।

सावधानियां

1. लोहे का बर्तन अच्छी क्वालिटी का होना चाहिए।

2. लोहे के बर्तन में आप जब भी खाना बनाएं तो इसे पकने पर दूसरे बर्तन में खाली कर लें और लोहे के बर्तन को तुरंत मांज कर, पोंछ कर और हल्का सा तेल लगाकर रख दें। इससे उसमें जंग नहीं लगेगी।

3. जहां तक हो सके लोहे की कढ़ाई में खट्टी चीज़ें बनाना अवॉइड करें।

4. लोहे के बर्तन में जब भी आप खाना बनाएं तो उसे पकाने के बाद किसी और बर्तन में खाली कर लें वरना खाने का कलर और टेस्ट थोड़ा बदल सकता है।

० पीतल के बर्तन के फायदे

भारतीय पारंपरिक रसोई में पीतल के बर्तनों का हमेशा से इस्तेमाल किया जाता रहा है। पीतल के बर्तन 90% न्यूट्रिएंट्स को प्रिजर्व करते हैं। जब हम पीतल के बर्तन का इस्तेमाल करते हैं तो कॉपर, जिंक जैसे न्यूट्रिएंट्स भी हमारे खाने में शामिल होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार पीतल के बर्तन में खाना बनाने से एनीमिया के पेशेंट को बहुत फायदा होता है। साथ ही यह शरीर से वॉर्म्स यानी कीड़ों को निकालने में भी मदद करते हैं। स्किन से संबंधित बीमारियों को कम करने के लिए भी पीतल के बर्तन में कुकिंग करना फायदेमंद है।

सावधानियां

पीतल के बर्तन को हमेशा उसके ऊपर कलाई करने के बाद ही इस्तेमाल करें। लगातार इस्तेमाल से सात-आठ महीने के बाद कलाई निकल सकती है इसलिए आपको इस पर दोबारा कलाई करवानी होगी।

० मिट्टी के बर्तन के फायदे

मिट्टी के बर्तन इको फ्रेंडली, नाॅन टॉक्सिक और नेचुरल मैटेरियल से बने हुए होते हैं। मिट्टी के बर्तन या हांडी में आप दाल, चावल, सब्जी और रोटी भी बहुत अच्छे से बना सकते हैं। मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने पर उसमें न्यूट्रिएंट्स बहुत अच्छी तरह प्रिजर्व होते हैं। मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने पर स्वाद कई गुना बढ़ जाता है।

सावधानियां

1. सही तरीके से इस्तेमाल न किया जाए तो मिट्टी के बर्तन जल्दी टूट सकते हैं।

2. तेज़ आंच पर पकाने से या अचानक तापमान बदलने से भी ये टूट सकते हैं।

3. मिट्टी के बर्तन में खाना हमेशा धीमी आंच पर धैर्य के साथ पकाना होता है। जब आपके पास कम समय हो तो मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल सुटेबल नहीं होगा।

Divya Singh

दिव्या सिंह। समाजशास्त्र में एमफिल करने के बाद दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी, भोपाल से पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण की। दैनिक भास्कर एवं जनसत्ता के साथ विभिन्न प्रकाशन संस्थानों में कार्य का अनुभव। देश के कई समाचार पत्रों में स्वतंत्र लेखन। कहानी और कविताएं लिखने का शौक है। विगत डेढ़ साल से NPG न्यूज में कार्यरत।

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