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Cervical Cancer : सर्वाइकल या बच्चेदानी के मुंह का कैंसर है महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर, लेकिन आपकी सतर्कता बचा सकती है जान...

Cervical Cancer : सर्वाइकल या बच्चेदानी के मुंह का कैंसर है महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर, लेकिन आपकी सतर्कता बचा सकती है जान...
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By Divya Singh

Cervical Cancer : रायपुर। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को होने वाला स्तन कैंसर के बाद दूसरा सबसे आम कैंसर है। जिसके मामले तेजी से बढ़ते देखे जा रहे हैं। यह गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि है। सामान्य शब्दों में इसे बच्चेदानी के मुंह का कैंसर कहा जाता है। बहुत राहत की बात है कि इस कैंसर को पनपने से रोकने के लिए वैक्सीन उपलब्ध है जिसे 9 साल की बालिका से लेकर 45 साल तक की महिला तक को दिया जा सकता है और इस गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। एक और अच्छी बात यह है कि अगर आप इसके लक्षणों को पहचान कर डाॅक्टर से कंसल्ट कर लें तो इसे प्री कैंसर स्टेज में भी पकड़ा और रोका जा सकता है। उसके लिए ज़रूरी है कि आप शरीर में आ रहे बदलावों को समझें और सतर्क रहें। यह लेख इस काम में आपकी मदद करेगा।

० क्या होता है सर्वाइकल कैंसर?

चिकित्सा शास्त्र की भाषा में बात करें तो गर्भाशय ग्रीवा महिलाओं में प्रजनन प्रणाली का हिस्सा है। यह गर्भ के निचले हिस्से में स्थित होती है और गर्भ से योनि तक खुलती है। इसी हिस्से में कैंसर की कोशिकाएं पनप जाती हैं और अनियंत्रित तरीके से बढ़ती हैं। इसी वजह से इसे बच्चेदानी के मुंह का कैंसर कह कर महिलाओं को समझाया जाता है। आमतौर पर सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) संक्रमण के कारण होता है।

० ये हैं सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

1. तेज गंध के साथ योनि से स्राव,

2. माहवारी का अनियमित होना,

3. संभोग के समय बेचैनी महसूस होना और खून आना,

4. कमर या पैर में अधिक दर्द होना,

5. पीठ के निचले हिस्से में दर्द,

6. पेशाब में रूकावट,

7. पेशाब करते वक्त दर्द महसूस होना,

8. मीनोपोज़ के बाद भी रक्त स्राव होना।

अगर आपको ये या इनमें से कुछ लक्षण नजर आ रहे हैं तो डाॅक्टर से संपर्क करने में देरी न करें।

० ये कारण बढ़ा सकते हैं सर्वाइकल कैंसर का जोखिम

एचपीवी वायरस तो सर्वाइकल का कारण है ही, इसके अलावा जो अन्य कारण आपके लिए सर्वाइकल कैंसर का जोखिम बढ़ा सकते हैं वे ये हैं-

1. प्राइवेट पार्ट की सफाई के प्रति लापरवाही

2. कई पुरूषों से यौन संबंध

3. एचआईवी

4. स्मोकिंग

5. मोटापा

6. सर्वाइकल कैंसर का पारिवारिक इतिहास

7. गर्भनिरोधक गोलियों का लंबे समय तक सेवन

8. 17 वर्ष से कम उम्र में गर्भधारण करना

9. अधिक बच्चे होना आदि

० सर्वाइकल कैंसर का इलाज संभव है

सबसे अधिक राहत की बात यही है कि सर्वाइकल कैंसर का इलाज संभव है। पहले तो जैसा हमने लेख में पहले बताया कि इसे होने से रोकने के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। दूसरी बात, इस कैंसर में एक प्रीकैंसर स्टेज भी होती है जो कैंसर से पहले की स्टेज होती है। अगर आप लक्षणों के आधार पर चैक अप करा लें तो डाॅक्टर इसे बढ़ने से पहले ही समझ लेते हैं। और इलाज कर देते हैं। आपको बता दें कि इस प्रीकैंसर स्टेज से कैंसर तक बढ़ने में सालों लग जाते हैं। इसलिए आपकी समझदारी आपको बचा सकती है। संदेह होने पर पैप स्मीयर स्क्रीनिंग करके डाॅक्टर आपकी स्थिति का सही आकलन कर लेते हैं और कैंसर बढ़ने नहीं पाता।

और वहीं अगर कैंसर कोशिकाएं फैलने लगी हैं तब भी सर्जरी करके डाॅक्टर प्रभावित हिस्से को बाहर निकाल देते हैं। आगे की स्टेज में भी दवाओं, रेडियोथैरेपी, कीमोथेरेपी आदि से डाॅक्टर इलाज कर इसे खत्म कर सकते हैं। एडवांस स्टेज में भी लक्षणों पर काबू पाकर मरीज को राहत दी जा सकती है और उम्र बढ़ाई जा सकती है।

Divya Singh

दिव्या सिंह। समाजशास्त्र में एमफिल करने के बाद दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी, भोपाल से पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण की। दैनिक भास्कर एवं जनसत्ता के साथ विभिन्न प्रकाशन संस्थानों में कार्य का अनुभव। देश के कई समाचार पत्रों में स्वतंत्र लेखन। कहानी और कविताएं लिखने का शौक है। विगत डेढ़ साल से NPG न्यूज में कार्यरत।

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