Black Pepper Benefits And Side Effects: काली मिर्च से मिलेगी सर्दी-खांसी से राहत, इसके दानों में छुपा है बवासीर और इंफर्टीलिटी जैसी जटिल समस्याओं का इलाज...
Black Pepper Benefits And Side Effects: काली मिर्च के तीखे स्वाद वाले दाने अपने खास फ्लेवर के कारण बहुत पसंद किए जाते हैं। सब्ज़ी के मसाले से लेकर सलाद की ड्रैसिंग, सूप, पुलाव, सैंडविच और घर-घर में जगह बना चुकीं पिज़्ज़ा -पास्ता जैसी विदेशी रेसिपीज़ में भी इनका फ्लेवर कमाल कर जाता है। स्वाद के इतर सेहत के लिए भी काली मिर्च के कमाल के फायदे हैं। आयुर्वेद के अनुसार यह वात और कफ को संतुलित करता है। सर्दी-जुकाम और खांसी में इनसे बना काढ़ा बहुत राहत देता है। काली मिर्च के बारे में बहुत सी उपयोगी जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी।
लेख में पढ़ें
- काली मिर्च का वानस्पतिक नाम और सामान्य जानकारी
- काली मिर्च की तासीर और सेवन की मात्रा
- काली मिर्च के पोषक तत्व
- काली मिर्च के फायदे
- काली मिर्च के नुकसान
काली मिर्च के बारे में सामान्य जानकारी
काली मिर्च बेल के रूप में उगती है। इसके फल गुच्छों में उगते हैं जो हरे रंग के होते हैं।तोड़कर सुखाने के बाद ये काले रंग के हो जाते हैं। इन काले दानों का मसाले के रूप इस्तेमाल किया जाता है। काली मिर्च का वैज्ञानिक नाम पाइपर नाइग्रम (Piper nigrum) है।
काली मिर्च की तासीर और सेवन की मात्रा
काली मिर्च की तासीर बेहद गर्म होती है। इसके दो दानों का का सेवन रोज़ किया जा सकता है। औषधि के रुप में आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह के आधार पर मात्रा बढ़ाई जा सकती है।
काली मिर्च के पोषक तत्व
काली मिर्च में केल्शियम ,आयरन, फास्फोरस, कॉपर, सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, ज़िंक, कैरोटिन,सेलेनियम, थायमिन, फोलेट और विटामिन ए,सी, ई, बी 6 और के जैसे तत्व पाए जाते हैं। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीओबेसिटी और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं।
सर्दी-जुकाम-खांसी का है घरेलू इलाज
काली मिर्च सर्दी-जुकाम-खांसी का बहुत कारगर घरेलू इलाज है। एक गिलास गर्म दूध में चुटकी भर काली मिर्च और हल्दी मिलाकर पीने से सर्दी का असर कम होता है।आप ग्रीन टी में एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर पी सकते हैं इससे गले की खराश जल्दी ठीक होगी। फेफड़ों मे जमे कफ को ढीला करने में काली मिर्च बहुत असरकारी है।
वजन घटाने में सहायक
जो लोग वजन घटाने के लिए प्रयासरत हैं उन्हें अक्सर सलाद पर काली मिर्च छिड़ककर खाने की सलाह दी जाती है। इसकी खास वजह यह है कि काली मिर्च में पाइपरिन नामक तत्व पाया जाता है। साथ ही एंटीओबेसिटी गुण होते हैं जो वजन को नियंत्रित करते हैं। काली मिर्च खाने की लालसा को नियंत्रित करने में आपकी मदद कर सकती है जिससे आप के शरीर में अनचाहा फेट जम नहीं पाता।
ओरल हेल्थ के लिए लाभकारी
काली मिर्च में बैक्टीरिया को मारने की क्षमता होती है। इसका सेवन ओरल हेल्थ के लिए बहुत अच्छा है। यह दांतों को सड़न से बचाती है। मसूड़ों की सूजन दूर करती है।
इम्यूनिटी बढ़ाती है कालीमिर्च
काली मिर्च शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।यह विटामिन ए,सी और के का अच्छा स्रोत है, जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। बेहतर इम्यूनिटी वाले लोगों में बीमारियों से लड़ने की ज्यादा क्षमता होती है। इस लिहाज से सर्दी के मौसम में काली मिर्च के सेवन का खासा महत्व है क्योंकि इस दौरान सर्दी-जुकाम के वायरस तेज़ी से फैलते हैं।
पाचन क्षमता होती है बेहतर
ये तो सभी जानते हैं कि शरीर भोजन को पचाने के लिए पहले उसे तोड़ता है और तब उसमें मौजूद पोषक तत्वों का इस्तेमाल करता है। काली मिर्च शरीर में भोजन को तोड़ने की क्षमता बढ़ाती है। ऐसा इसमें मौजूद पाइपरिन नामक तत्व के कारण होता है। ऐसे भोजन को पचाना आसान होता है और अपच, कब्ज गैस आदि पाचन से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
घाव और सूजन जल्दी ठीक होंगें
गांवों में आज भी काली मिर्च का इस्तेमाल घाव को जल्दी भरने और शरीर के किसी हिस्से में आई सूजन को दूर करने के लिए किया जाता है। काली मिर्च को थोड़े से पानी के साथ पीस कर इसका लेप करने से इन दोनों समस्याओं में राहत मिलती है।
आंखों के लिए फायदेमंद
काली मिर्च का सेवन आंखों के लिए भी फायदेमंद है। काली मिर्च में विटामिन A, C और E जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करते हैं और उन्हें स्वस्थ रखते हैं। काली मिर्च को सौंफ, बादाम और मिश्री के साथ पीस कर दूध के साथ लेना आंखों की रौशनी बेहतर करने के लिए काफी फायदेमंद है। आंखों के अनेक रोगों से मुक्ति के लिए आयुर्वेद काली मिर्च के आधे ग्राम चूर्ण को एक चम्मच देशी घी में मिलाकर खाने की सलाह देता है।
पुरुषों के लिए उपयोगी
जिंक और मैग्नीशियम से भरपूर काली मिर्च पुरुषों की सेक्स क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद है। यह न केवल सेक्स हार्मोन 'टेस्टोस्टेरोन' के स्तर को बढ़ाती है बल्कि स्पर्म काउंट, उनकी गति और क्वालिटी को भी इंप्रूव करती है।
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकती है
काली मिर्च में पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती है जो हार्ट रेट और हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करती है। काली मिर्च के नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। और इस तरह दिल की बीमारियों से रोकथाम में मदद मिलती है।
पाइल्स से राहत
अपच, कब्ज़ और निष्क्रिय जीवनशैली पाइल्स जैसी समस्या का कारण बन सकते हैं। यह एक दर्दनाक स्थिति होती है जिसमें मल त्यागने में काफी कठिनाई होती है। काली मिर्च, जीरा और चीनी को पीसकर बना चूर्ण दिन में दो से तीन बार सेवन करने से बवासीर से राहत मिलती है।
जोड़ों के दर्द से राहत
शरीर के जोड़ों में इंफ्लेमेशन बढ़ जाए तो अर्थराइटिस जैसी बीमारी और सामान्य कामकाज में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। काली मिर्च जोड़ों की सूजन को दूर कर दर्द से राहत देती है।
कैंसर से बचाव
काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन फ्री रेडिकल्स से शरीर को बचाता है। इसके शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट कैंसर को पनपने और कोशिकाओं के अनियंत्रित विकास को रोकते है।
डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में मददगार
काली मिर्च में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक एजेंट होते हैं, जो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम कर सकते हैं। इस तरह इसका इस्तेमाल डायबिटीज़ के खिलाफ कारगर है।
स्किन के लिए फायदेमंद
काली मिर्च हाइपर पिगमेंटेशन और विटिलिगो (सफेद धब्बों) के खिलाफ भी काम करती है। साथ ही इसमें एंटी-एजिंग गुण भी होते है। यह झुर्रियों के बढ़ने की रफ्तार को कम कर सकती है।
मस्तिष्क को शांत रखती है काली मिर्च
काली मिर्च मस्तिष्क के लिए भी बहुत काम की है। इसमें मौजूद पिपेरिन मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह पार्किंसंस या अल्जाइमर के असर को कम करता है। काली मिर्च के सेवन से मस्तिष्क में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर तरीके से होता है। यह तनाव को कम कर दिमाग को शांत रखती है।
शरीर को डिटॉक्स करती है काली मिर्च
काली मिर्च शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में काम करती है। यह पसीने और मूत्र के साथ हानिकारक तत्व को शरीर से बाहर कर शरीर को डिटाॅक्स करती है।
काली मिर्च के नुकसान
काली मिर्च का अधिक सेवन शरीर पर दुष्प्रभाव दिखा सकता है। निम्न परिस्थितियों में काली मिर्च का सेवन डाॅक्टर के परामर्श पर ही करें।
1. एसिडिटी और खूनी बवासीर की स्थिति में इसका प्रयोग न करें।
2. काली मिर्च कुछ दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया कर सकती है।
3. गर्भवती महिलाओं को इसका उपयोग परामर्श के बाद ही करना चाहिए।
4. काली मिर्च के अधिक सेवन से शरीर की गर्मी बढ़ सकती है, जिससे मुंहासे जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
5. अधिक काली मिर्च के सेवन के दुष्प्रभाव एसिड रिफ्लक्स, कब्ज, पोटेशियम की कमी और मतली के रूप में सामने आ सकते हैं।
6. अगर आप रक्त के थक्के को प्रभावित करने वाली दवाएं ले रहे हैं तो काली मिर्च का सेवन न करें।
7. अधिक मात्रा में काली मिर्च का सेवन पुरुषों में मूत्र पथ और प्रोस्टेट संबंधी दिक्कतें पैदा कर सकता है।