Benefits of Ashwagandha For Female Fertility: बढ़ रहे कंसीव न कर पाने के मामले, महिलाओं की मदद करेगी अश्वगंधा, जानिए कैसे...
Benefits of Ashwagandha For Female Fertility: बढ़ रहे कंसीव न कर पाने के मामले, महिलाओं की मदद करेगी अश्वगंधा, जानिए कैसे...

Benefits of Ashwagandha For Female Fertility
Benefits of Ashwagandha For Female Fertility: आप भी अपने आसपास ऐसे कपल देख रहे होंगे जो बेबी न हो पाने के कारण परेशान हैं। एक स्टडी के मुताबिक भारत में 15% कपल बच्चे का सुख नहीं हासिल नहीं कर पा रहे हैं और आईवीएफ ट्रीटमेंट लेना न केवल कठिन है बल्कि महंगा भी है। गर्भधारण न कर पाने के पीछे स्पर्म और एग्स दोनों की निरंतर खराब होती स्थिति जिम्मेदार है। बिगड़ती जीवन शैली, खानपान, तनाव आदि अनेक कारणों से हार्मोंस का बैलेंस बिगड़ रहा है,स्पर्म और एग्स की क्वालिटी खराब हो रही है और महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत आ रही है। ऐसे में अश्वगंधा नाम की हर्बल औषधि उनकी काफी मदद कर सकती है। तो चलिए जानते हैं कैसे...।
हार्मोन्स इंबैलेंस को ठीक करे
महिलाओं के पीरियड्स ठीक तरह आएं इसके लिए ज़रूरी है कि हार्मोनल बैलेंस ठीक हो। इस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रान का बिगड़ा हुआ संतुलन यानी कि मासिक में गड़बड़। अश्वगंधा एक ज़बरदस्त नेचुरल एडेप्टोजन है जो महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल इंबैलेंस को ठीक करता है।
तनाव घटाए
घर-बाहर की ज़िम्मेदारियों को निभाते हुए महिलाएं कई बार अतिरिक्त दबाव में आ जाती हैं। इसका असर तनाव के रूप में सामने आता है। आप तनाव बढ़ा हुआ महसूस कर रही हैं तो इसका अर्थ है कि शरीर में कार्टिसोल हार्मोन बढ़ गया है। स्टडीज़ से पता चला है कि अश्वगंधा के नियमित सेवन से कार्टिसोल हार्मोन का लेवल 30% तक कम हो सकता है। साथ ही चूंकि ये हर्बल औषधि है इसलिए इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है इसलिए आप निस्संकोच हर दिन अश्वगंधा सप्लीमेंट्स ले सकती हैं।
कामोत्तेजना बढ़ाए
अगर महिला में लिबिडो की कमी है यानी उनमें सेक्स ड्राइव की कमी है तब भी अश्वगंधा का इस्तेमाल किया जा सकता है। क्योंकि कम कामोत्तेजना भी बेबी न होने की वजह बनता है। इसके पीछे कई कारण ज़िम्मेदार हो सकते हैं जैसे थकान, हार्मोनल परिवर्तन,मानसिक तनाव या गठिया से लेकर डायबिटीज़ जैसी बीमारियां या फिर सेक्स के दौरान पीड़ा का अनुभव,जिससे महिला इससे बच रही हो। अश्वगंधा महिलाओं में सेक्स ड्राइव को बेहतर करती है।
पीसीओएस को ठीक करे
महिलाओं में गर्भधारण की दिक्कत की एक बड़ी वजह है पाॅलीसिस्टिक ओवेरियन डिसीज़। अश्वगंधा इससे राहत देती है। इंसुलिन का रेजिस्टेंस ठीक करती है। हार्मोन को संतुलित करती है। पीरियड्स को ठीक करती है और अंदरूनी सूजन को कम करती है जिससे पीसीओएस में आराम मिलता है।
अश्वगंधा सुधारे यूटेराइन हेल्थ
अश्वगंधा महिलाओं में यूटेराइन हेल्थ को सुधारती है। यह यूट्रस में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करती है। यूट्रस के टोन को बेहतर करती है और अंदर ऐसा माहौल बनाती है जिससे अंदर बेबी का इंप्लांटेशन आसान होता है और गर्भधारण संभव हो पाता है।
एजिंग से बचाए
अश्वगंधा एजिंग से बचाती है। यहां एजिंग का मतलब सिर्फ चेहरे पर आने वाली झुर्रियों से नहीं है। एजिंग का मतलब है आपके चौतरफा माहौल और प्रदूषण आदि के चलते पूरे शरीर का बूढ़ा होना। आपकी गर्भधारण करने की क्षमता का कमजोर होना। आपके एग्स की क्वालिटी का कमजोर होना। आप में तनाव का स्तर बढ़ना। आपका थकना आदि सब कुछ जो आपको समय से पहले बूढ़ा कर रहा है और गर्भधारण से रोक रहा है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर अश्वगंधा इन सभी समस्याओं से आपका बचाव करती है और आपको समय से पहले बूढ़ा और कमजोर होने से बचाती है। जिससे एग्स की क्वालिटी अच्छी रहती है और आप कंसीव कर पाती हैं।
ओवेरियन हेल्थ सुधारे
अश्वगंधा महिलाओं की ओवेरियन हेल्थ को ठीक करती है। यह उनके एग की क्वालिटी को इंप्रूव करती है।
महिलाएं अश्वगंधा कैसे लें
महिलाएं अश्वगंधा को कैप्सूल के रूप में ले सकती हैं या फिर इसके चूर्ण का सेवन दूध या गुनगुने पानी के साथ कर सकती हैं। या फिर इसका लिक्विड भी ले सकती हैं। एक्सपर्ट के अनुसार गर्भधारण के अनुकूल माहौल बनाने के लिए ऐसे में अश्वगंधा प्रतिदिन 300 मिलीग्राम से लेकर 1 ग्राम तक लेनी चाहिए। कम से कम 6 महीने तक इसका नियमित सेवन करें। तब आपको इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई दे सकते हैं।