Benefits of Kheera : खीरा हर मौसम में सलाद का राजा है। इसके बिना सलाद खाने का मजा नहीं है। शरीर को हाइड्रट रखने के साथ ही त्वचा की खूबसूरती तक कई अनमोल गुणों का खजाना है । गर्मी में तो इसकी डिमांड बढ़ जाती है। खीरा न सिर्फ़ स्वाद में बल्कि पोषक तत्त्वों के हिसाब से भी बेहतर विकल्प है। खीरे में प्रोटीन, फ़ैट, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, फ़ाइबर, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन, सोडियम, विटामिन बी, विटामिन सी, फ़ोलेट, बीटा कैरोटीन, विटामिन के, विटामिन ए, और एंटी-ऑक्सीडेंट तत्त्व ज़्यादा मात्रा में पाए जाते हैं। खीरा खाने से सेहत से जुड़ी कई बीमारियों में आराम मिलता है। जानते हैं कि खीरे खाने से जुड़े फ़ायदों के बारे में:
शरीर को रखता है हाइड्रेट- खीरे में पानी की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। खीरे की सबसे बड़ी खासियत है, कि इसमें यह 80 प्रतिशत पानी होता है। खीरा प्यास बुझाता है और शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है। खीरा खाने के बाद शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल जाता है। खीरे के सेवन से शरीर हाइड्रेट रहता है। खीरे में मौजूद इलेक्ट्रोलाइट्स की वजह से शरीर में पानी की कमी पूरी होती रहती है।
डायबिटीज़ को रखता है कंट्रोल में- खीरे में एंटी-ऑक्सीडेंट तत्त्व होते हैं जो शरीर में इंसुलिन को कंट्रोल करके शुगर लेवल को बढ़ने से रोकता है। वहीं दूसरी ओर, खीरा खाने से ब्लड ग्लूकोज भी बढ़ता है। खीरे के सेवन से डायबिटीज़ को कंट्रोल में रखा जा सकता है।
दिल को रखता दुरुस्त- खीरे में पोटैशियम, मैग्नीशिम और सोडियम पाया जाता है। और इस वजह से खीरा खाने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर तरीके से होता है। इससे आपको हार्ट अटैक और दिल की बीमारियां होने का खतरा भी कम हो जाता है।
इंफ़्लेमेशन को रखता है कंट्रोल में- खीरे में एंटी-इंफ़्लेमेटरी तत्त्व की मात्र भी ज़्यादा होती है, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से भी बचा जा सकता है।
हड्डियों को रखता है मज़बूत- खीरे में 'विटामिन के' पाया जाता है, जो कि शरीर में ब्लड क्लॉटिंग होने से रोकता है। खीरे में कैल्शियम भी पाया जाता है और इसलिए खीरा खाने से हड्डियां मज़बूत बनती हैं।
कैंसर को नहीं पनपने देता- एंटीऑक्सीडेंट्स कई बीमारियों के खतरे को कम करते हैं। फ्री रेडिकल्स की वजह से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस होता है जिससे दिल के रोगी और कैंसर का संबंध भी पाया गया है। वहीं, एंटीऑक्सीडेंट्स ऑक्सिडेशन रोकने का काम करते हैं और यह खीरे में काफी अधिक पाया जाता है। एक स्टडी के दौरान करीब 30 दिनों तक लोगों को खीरे का सप्लीमेंट दिया गया और आखिर में पाया गया कि खीरे की वजह से एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी बढ़ गई। खीरे में फ्लेवोनॉयड्स के तत्व होते हैं जो नुकसानदायक फ्री रेडिकल्स को ब्लॉक करते हैं।
शुगर लेवल कम रखत है- खीरा ब्लड शुगर लेवल घटाने में मदद कर सकता है और डायबिटीज से जुड़ी परेशानियों को कम कर सकता है। एक स्टडी में कई अन्य प्लांट फूड को भी शामिल किया गया था। इस दौरान देखा गया कि खीरा ब्लड शुगर कंट्रोल करने में अन्य प्लांट फूड से बेहतर रहा।
कब्ज नहीं होता है- खीरे में मौजूद फाइबर और पानी की अधिक मात्रा हमारे शरीर में रेगुलर बाउल मूवमेंट में मदद कर सकता है। कॉन्स्टिपेशन के लिए डिहाइड्रेशन भी एक प्रमुख फैक्टर होता है। खीरा शरीर को हाइड्रेट रखकर हमें कॉन्स्टिपेशन से बचाता है।
खीरा इन लोगों के लिए घातक
साइनोसाइटिस की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए खीरा अच्छा नहीं समझा जाता। इसके पीछे वजह है कि खीरा ठंडा होता है और इससे साइनोसाइटिस से पीड़ित लोगों की तकलीफ़ बढ़ सकती है।
प्रेगनेंट महिलाओं को अधिक खीरे खाने से इनडाइजेशन या अपच की समस्या हो सकती है। साथ ही खीरे में मौजूद पानी की अधिक मात्रा की वजह से प्रेगनेंट महिलाओं को बार-बार यूरिनेशन भी हो सकता है।
कुछ लोगों को खीरे से एलर्जी होती है जिससे सूजन और इचिंग की तकलीफ हो सकती है।
खीरे में कुकुरबिटैकिन्स और टेट्रासाइकिल ट्रिटरपेनॉयड्स नाम के टॉक्सिक कंपाउंड भी होते हैं। इससे कभी-कभी खीरे में कड़वा टेस्ट आता है। अगर ये टॉक्सिक कंपाउंड काफी अधिक मात्रा में शरीर में चला जाए तो गंभीर नुकसान हो सकता है।
खीरे में पोटैशियम की अधिक मात्रा से पेट में दर्द और किडनी की समस्या हो सकती है।