Beauty at Cost of Life: ब्यूटी ट्रीटमेंट या धीमा जहर! इंजेक्शन से चमकती त्वचा या कमजोर होती जान? गोरी त्वचा का फॉर्मूला बना नई बीमारी की वजह!
Beauty at Cost of Life: अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की अचानक हुई मौत ने एक ऐसी बहस को जन्म दिया है जो अक्सर ग्लैमर और सुंदरता की चकाचौंध में दबा दिया जाता है। खूबसूरत दिखने की जद्दोजहद के पीछे एक खतरनाक एक्सपेरिमेंट छिपा होता है। शेफाली की मौत के बाद तो प्रारंभिक तथ्य सामने आ रहे हैं वे चिंता बढ़ाने वाले हैं। बताया जाता है कि उन्होने बिना डॉक्टर की निगरानी के लंबे समय तक ग्लूटाथियोन और विटामिन-C का सेवन किया, जो उनके लिए काफी घातक साबित हुआ।

Beauty at Cost of Life
Beauty at Cost of Life: अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की अचानक हुई मौत ने एक ऐसी बहस को जन्म दिया है जो अक्सर ग्लैमर और सुंदरता की चकाचौंध में दबा दिया जाता है। खूबसूरत दिखने की जद्दोजहद के पीछे एक खतरनाक एक्सपेरिमेंट छिपा होता है। शेफाली की मौत के बाद तो प्रारंभिक तथ्य सामने आ रहे हैं वे चिंता बढ़ाने वाले हैं। बताया जाता है कि उन्होने बिना डॉक्टर की निगरानी के लंबे समय तक ग्लूटाथियोन और विटामिन-C का सेवन किया, जो उनके लिए काफी घातक साबित हुआ।
भारत में सुंदरता की परिभाषा आज भी गोरे रंग, चमकदार त्वचा तक ही सीमित है। फिल्म और फैशन इंडस्ट्री में काम करने वाले कलाकारों पर यह दबाव दुगुना होता है। इस दबाव के चलते वे स्किन-व्हाइटनिंग, एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स और बायोलॉजिकल इंजेक्शनों की ओर रुख करते हैं। जो कभी-कभी उन्हें मौत की कगार तक पहुंचा देते हैं।
ग्लूटाथियोन शरीर को करता है प्रभावित-
ग्लूटाथियोन एक प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट है, जो शरीर में बनता है और कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करता है। लेकिन जब इसे इंजेक्शन या टैबलेट के रूप में लिया जाता है, तो यह शरीर के हार्मोन और अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। विशेषज्ञों बताते हैं कि ग्लूटाथियोन और विटामिन-C का बिना चिकित्सकीय सलाह के लंबे समय तक इस्तेमाल से लीवर, किडनी और इम्यून सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। हृदय संबंधी समस्याएं, हार्मोनल असंतुलन और यहां तक कि हृदयाघात की संभावना भी बढ़ जाती है।
त्वचा रोग विशेषज्ञ और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट बार-बार चेतावनी देते आए हैं कि इन दवाओं को गोरी त्वचा की जादुई दवा मानना नासमझी है। उनकी मानें तो लोग इंस्टेंट रिजल्ट की चाह में अपने शरीर को दांव पर लगा देते हैं, जबकि इसके दुष्प्रभाव धीरे-धीरे सामने आते हैं और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
हालांकि शेफाली जरीवाला की मौत की असली वजह रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगी, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार उनके शरीर में कार्डियक अरेस्ट के संकेत पाए गए हैं। यह आशंका जताई जा रही है कि बिना मेडिकल सुपरविजन के की गई दवाओं की सेल्फ डोजिंग इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की वजह बनी। भारत में फेयरनेस क्रीम, स्किन टोनिंग इंजेक्शंस और एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स का बड़ा बाजार है, जो हर साल करोड़ों का कारोबार करता है लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कारोबार हमें भीतर से तोड़ नहीं रहा?
अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की अचानक हुई मौत ने एक ऐसी बहस को जन्म दिया है जो अक्सर ग्लैमर और सुंदरता की चकाचौंध में दबा दिया जाता है। खूबसूरत दिखने की जद्दोजहद के पीछे एक खतरनाक एक्सपेरिमेंट छिपा होता है। शेफाली की मौत के बाद तो प्रारंभिक तथ्य सामने आ रहे हैं वे चिंता बढ़ाने वाले हैं। बताया जाता है कि उन्होने बिना डॉक्टर की निगरानी के लंबे समय तक ग्लूटाथियोन और विटामिन-C का सेवन किया, जो उनके लिए काफी घातक साबित हुआ।
भारत में सुंदरता की परिभाषा आज भी गोरे रंग, चमकदार त्वचा तक ही सीमित है। फिल्म और फैशन इंडस्ट्री में काम करने वाले कलाकारों पर यह दबाव दुगुना होता है। इस दबाव के चलते वे स्किन-व्हाइटनिंग, एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स और बायोलॉजिकल इंजेक्शनों की ओर रुख करते हैं। जो कभी-कभी उन्हें मौत की कगार तक पहुंचा देते हैं।
ग्लूटाथियोन शरीर को करता है प्रभावित-
ग्लूटाथियोन एक प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट है, जो शरीर में बनता है और कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करता है। लेकिन जब इसे इंजेक्शन या टैबलेट के रूप में लिया जाता है, तो यह शरीर के हार्मोन और अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। विशेषज्ञों बताते हैं कि ग्लूटाथियोन और विटामिन-C का बिना चिकित्सकीय सलाह के लंबे समय तक इस्तेमाल से लीवर, किडनी और इम्यून सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। हृदय संबंधी समस्याएं, हार्मोनल असंतुलन और यहां तक कि हृदयाघात की संभावना भी बढ़ जाती है।
त्वचा रोग विशेषज्ञ और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट बार-बार चेतावनी देते आए हैं कि इन दवाओं को गोरी त्वचा की जादुई दवा मानना नासमझी है। उनकी मानें तो लोग इंस्टेंट रिजल्ट की चाह में अपने शरीर को दांव पर लगा देते हैं, जबकि इसके दुष्प्रभाव धीरे-धीरे सामने आते हैं और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
हालांकि शेफाली जरीवाला की मौत की असली वजह रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगी, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार उनके शरीर में कार्डियक अरेस्ट के संकेत पाए गए हैं। यह आशंका जताई जा रही है कि बिना मेडिकल सुपरविजन के की गई दवाओं की सेल्फ डोजिंग इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की वजह बनी। भारत में फेयरनेस क्रीम, स्किन टोनिंग इंजेक्शंस और एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स का बड़ा बाजार है, जो हर साल करोड़ों का कारोबार करता है लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कारोबार हमें भीतर से तोड़ नहीं रहा? लोगों को ये समझना चाहिए कि असली सुंदरता स्वास्थ्य, आत्म-सम्मान और आत्म-स्वीकृति में है।