बलौदाबाजार। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत आज कलेक्टर रजत बंसल ने बलौदाबाजार में एक 80 वर्षीय टीबी मरीज को गोद लेकर उसे आवश्यक पोषण सहायता का फूड बास्केट मरीज के घर जाकर प्रदान किया साथ ही उनके स्वास्थ्य संबंधी हालचाल लिया। इस मौके पर मरीज के सुपुत्र रवि ने बंसल को बताया की उनके पिता का जिला अस्पताल से टीबी का उपचार चल रहा है। सरकार की इस पहल से उनको निश्चित रूप से लाभ होगा तथा पोषक आहार पर होने वाले व्यय की बचत होगी। गौरतलब है कि इस समय पूरे देश में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान चल रहा है जिसके तहत देश भर से वर्ष 2025 तक टीबी रोग का उन्मूलन करना है। जबकि छत्तीसगढ़ प्रदेश हेतु राज्य शासन ने वर्ष 2023 का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस बारे में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर ने बताया की टीबी रोग के मरीज को पोषक आहार की आवश्यकता होती है। इस कारण प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान द्वारा एक अभिनव पहल करते हुए देश के कारपोरेट वर्ग,जन प्रतिनिधि,अधिकारी, कर्मचारी,समाज सेवक, व्यापारी वर्ग आदि को निक्क्षय मित्र बनकर उनके द्वारा मरीज को गोद लेकर इलाज के दौरान आवश्यक पोषक आहार दिए जाने की व्यवस्था की गई है। जिससे मरीज की हालात और भी अच्छी हो जाती है।जिला क्षय अधिकारी डॉ राजेश कुमार अवस्थी ने बताया की प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत के तहत निक्क्षय मित्र के माध्यम से मरीजों को उपचार के दौरान पोषक सहायता दी जा रही है। समाज से टीबी के उन्मूलन हेतु हर वर्ग का योगदान महत्वपूर्ण है। समाज का कोई भी व्यक्ति जो निक्क्षय मित्र बनना चाहे वह आगे आ कर मरीज को गोद ले सकते है। इसके लिए जिला क्षय कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।गौरतलब है की टीबी एक संक्रामक रोग है जो हवा के माध्यम से फैलता है। यदि किसी को लंबे समय से खाँसी, शाम को हल्का बुखार,भूख न लगना, वजन में कमी,छाती में दर्द जैसी समस्या है तो तुरंत अपनी जांच करवानी चाहिए। टीबी की जाँच और उपचार पूरी तरह से निःशुल्क है। इसमें मरीज 6 माह का डॉट्स उपचार का कोर्स कर पूरी तरह से ठीक हो सकता है। लापरवाही करने पर जान भी जा सकती है।
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