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Andropause or Male Menopause: क्या आप गुज़र रहे हैं एंड्रोपाॅज या मेल मीनोपाॅज के दौर से? इन पोषक तत्वों के इन्टेक से मिलेगी राहत...

Andropause or Male Menopause: 45 से 50 वर्ष की उम्र के आसपास हार्मोनल चेंजेंस का यह दौर शुरू होता है। इस दौरान पुरुषों में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का लेवल घटने लगता है और इसका असर( कम या ज्यादा) उनकी सेक्स ड्राइव से लेकर मानसिक -शारीरिक अवस्था पर भी पड़ सकता है। मेल मीनोपाॅज उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का सामान्य असर हैं, जिससे परेशान होने की ज़रूरत नहीं है।

Andropause or Male Menopause: क्या आप गुज़र रहे हैं एंड्रोपाॅज या मेल मीनोपाॅज के दौर से? इन पोषक तत्वों के इन्टेक से मिलेगी राहत...
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By Divya Singh

Andropause or Male Menopause: जिस तरह महिलाओं में मीनोपॉज का दौर बहुत से परिवर्तन लेकर आता है उसी तरह पुरुषों में भी मीनोपाॅज होता है। 45 से 50 वर्ष की उम्र के आसपास हार्मोनल चेंजेंस का यह दौर शुरू होता है। इस दौरान पुरुषों में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का लेवल घटने लगता है और इसका असर( कम या ज्यादा) उनकी सेक्स ड्राइव से लेकर मानसिक -शारीरिक अवस्था पर भी पड़ सकता है। मेल मीनोपाॅज उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का सामान्य असर हैं, जिससे परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। डाॅक्टर की राय लेकर,हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर और खानपान में कुछ विशेष पोषक तत्व बढ़ाकर आप बेहतर महसूस कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं एंड्रोपाॅज के दौर को कैसे हैंडल किया जाए।

० क्या है एंड्रोपाॅज?

एंड्रोपाॅज यानि मेल मीनोपॉज। बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों पर नजर आने वाला एक सामान्य बदलाव। आमतौर पर 45 से 50 वर्ष के बीच पुरुषों में एंड्रोपाॅज की शुरुआत होती है। इस दौरान प्रतिवर्ष 1% की दर से सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन की गिरावट होने लगती है। टेस्टोस्टेरोन एक सेक्स हार्मोन है जो टेस्टिस(testis - वृषण) में बनता है। यह न केवल पुरुषों की कामेच्छा को बढ़ाता है बल्कि शरीर पर भी कई तरह के असर करता है। जैसे मांसपेशियों से लेकर दिमाग तक को मजबूती देना।

यह सही है कि एंड्रोपाॅज का असर हर पुरुष पर समान रूप से नहीं दिखता है। इसका असर किसी पर कम पड़ता है तो किसी पर ज्यादा। लेकिन सामान्य तौर पर इस उम्र में एंड्रोपाॅज के दौरान पुरुष उत्साह की कमी, ई डी (Erectile dysfunction - इरेक्टाइल डिस्फंक्शन), सेक्स ड्राइव (कामेच्छा की कमी), डिप्रेशन आदि का अनुभव करते हैं। लेकिन जिस तरह महिलाओं में मीनोपॉज की शुरुआत होने का आशय यह होता है कि उनके लिए प्रजनन की उम्र बीत गई है, ऐसा असर पुरुषों पर एंड्रोपाॅज का नहीं होता है और यह धीरे असर करता है।

० ये हैं एंड्रोपाॅज के लक्षण

  • उत्साह की कमी
  • कामेच्छा में कमी
  • तनाव या मायूसी
  • एनर्जी का अभाव
  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन
  • नींद की कमी
  • वजन बढ़ना
  • मांसपेशियों में कमज़ोरी
  • पुरुष स्तन वृद्धि
  • हड्डियों का कमज़ोर होना आदि

० ये हैं वे कारक जो बढ़ा सकते हैं परेशानी

अगर आपका वजन बहुत ज्यादा है, आप डायबिटीज, एचआईवी,लंग डिजीस, आर्थराइटिस, किडनी डिसीज़ के शिकार हैं या फिर खराब खानपान, ज्यादा स्मोकिंग या ड्रिंकिंग की आदत रखते हैं तो आप समय से पहले एंड्रोपाॅज के शिकार हो सकते हैं।

० कब लें डाॅक्टर की सलाह

तब जब एंड्रोपाॅज के लक्षण आप में नज़र आने लगे हैं और आप खुद को बहुत डल महसूस कर रहे हैं। ज़िन्दगी में किसी तरह का उत्साह या इच्छा नहीं बची लग रही है तो बिना संकोच के डाॅक्टर से मिलें। वे आवश्यक टेस्ट कराकर आपको सही सलाह देंगे। अपने स्तर पर आप हेल्दी लाइफ स्टाइल अपनाकर,एक्टिव रहकर, वजन घटाकर, स्मोकिंग और ड्रिंकिंग से दूरी बनाकर, कम शक्कर और ज्यादा पौष्टिक आहार लेकर समस्या को कम कर सकते हैं। और आपको किन पोषक तत्वों को लेना चाहिए ये हम आगे बता रहे हैं।

० बढ़ा दें जिंक, मैग्नीशियम, विटामिन डी और ओमेगा थ्री फैटी एसिड का इन्टेक

अगर आप भी एंड्रोपाॅज के दौर से गुजर रहे हैं तो अपने स्तर पर भी इस दौर से राहत पाने की कोशिश कर सकते हैं। चूंकि पुरुषों पर इसका असर धीरे-धीरे होता है इसलिए 45 की उम्र के बाद बहुत सजगता से अपनी डाइट में जिंक, मैग्नीशियम, विटामिन डी और ओमेगा थ्री फैटी एसिड का इन्टेक बढ़ा दें। ये चारों पोषक तत्व एंड्रोपाॅज के बाद आए बदलावों के बीच वापसी करने में आपकी मदद करेंगे। जानिए आपको इनके लिए क्या-क्या लेना चाहिए। यानि इनमें से जिसकी उपलब्धता हो, उन्हें डाइट में शामिल करें।

जिंक के लिए

जिंक के लिए नाॅनवेजिटेरियन्स अंडे, रेड मीट, सी फूड आदि ले सकते हैं, वहीं वेजिटेरियन केल, मटर, पालक, ब्रोकोली, मशरूम, दुग्ध उत्पाद, ड्राई फ्रूट्स,डार्क चॉकलेट आदि ले सकते हैं।

मैग्नीशियम

इसके लिए आप केला, पालक, बादाम,काजू, सीड्स जैसे तिल और सूरजमुखी के बीज, सोयाबीन पनीर 'टोफू', साबुत अनाज और मछली ले सकते हैं।

विटामिन डी

विटामिन डी की पूर्ति के लिए आप रोज़ाना करीब 15-20 मिनट धूप सेंके। इसके अलावा आहार में आप फैटी फिश, काॅड लिवर ऑइल, अंडे की जर्दी यानि पीला भाग, मशरूम और विटामिन डी-फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ ले सकते हैं।

ओमेगा 3 फैटी एसिड

ओमेगा 3 फैटी एसिड के लिए आप सालमन,टूना जैसी मछलियां, चिया सीड्स, अलसी और सनफ्लावर के बीज, अखरोट, काजू आदि ले सकते हैं।

Divya Singh

दिव्या सिंह। समाजशास्त्र में एमफिल करने के बाद दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी, भोपाल से पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण की। दैनिक भास्कर एवं जनसत्ता के साथ विभिन्न प्रकाशन संस्थानों में कार्य का अनुभव। देश के कई समाचार पत्रों में स्वतंत्र लेखन। कहानी और कविताएं लिखने का शौक है। विगत डेढ़ साल से NPG न्यूज में कार्यरत।

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