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40+ Women's Health: 40 पार हैं तो ज़रूर करवाएं मैमोग्राफी, एचपीवी और पैप स्मियर टेस्ट, शर्माने से नहीं, सतर्क रहने से बचेगी जान

40+ Women's Health: उम्र ढलने के साथ महिलाओं की परेशानियां बढ़ने लगती हैं। सामान्य तौर पर बैक पैन या कमर के निचले हिस्से में दर्द, सिरदर्द, कमज़ोरी, जोड़ों में दर्द आदि से हर घर की 40 पार आयु वाली महिला परेशान है।

40+ Womens Health: 40 पार हैं तो ज़रूर करवाएं मैमोग्राफी, एचपीवी और पैप स्मियर टेस्ट, शर्माने से नहीं, सतर्क रहने से बचेगी जान
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Women's Health

By Divya Singh

40+ Women's Health: उम्र ढलने के साथ महिलाओं की परेशानियां बढ़ने लगती हैं। सामान्य तौर पर बैक पैन या कमर के निचले हिस्से में दर्द, सिरदर्द, कमज़ोरी, जोड़ों में दर्द आदि से हर घर की 40 पार आयु वाली महिला परेशान है। ये समस्याएं रोज़ाना के जीवन को कठिन बनाती हैं लेकिन इनसे जान का खतरा नहीं हैं।लेकिन ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर जैसी बीमारियां आपकी जान ले सकती हैं और आपसे और आपके परिजनों के जीवन के सुखद पल छीन सकती हैं। इसलिये इन जटिल बीमारियों की जांच में झिझक या संकोच को तवज्ज़ो न दें।शुरुआत में पता लगने से जान पर संकट नहीं आता और बेहिसाब खर्च भी नहीं होता। चलिए जानते हैं कि 40 पार कर चुकी महिलाओं को कौन से टेस्ट ज़रूर करवाना चाहिए ताकि समय पर समाधान हो और जान का जोखिम न हो।

० ब्रेस्ट कैंसर

40 साल की उम्र के बाद खासकर महिलाओं को अपने ब्रेस्ट यानि दोनों स्तनों की स्वयं जांच करते रहना चाहिए। अगर छूने से असामान्य गांठ पकड़ में आती है या आपके स्तन या निपल्स के आकार में बदलाव नज़र आ रहा हो, स्तन में सूजन या दर्द रहने लगा हो, तो महिला डाॅक्टर को ज़रूर दिखाएं। उनसे आप खुलकर बात कर सकेंगी। वे आवश्यक समझेंगी तो आपको परीक्षण कराने को कहेंगी।

ब्रेस्ट कैंसर के लिए मैमोग्राफ टेस्ट

इस टेस्ट से कैंसरकारी गांठ की पहचान शुरूआती चरण में हो जाती है। तब इसका इलाज बहुत आसानी से किया जा सकता है।मैमोग्राफी में, प्रत्येक स्तन की स्क्रीनिंग होती है। एक्स रे लिए जाते हैं। जिसमें लगभग 10 मिनट का समय लगता है। जिसके विश्लेषण के आधार पर आपको रिपोर्ट मिलेगी। डाॅक्टरों के अनुसार 40 से 55 वर्ष की आयु की महिलाओं को हर साल स्तन कैंसर की जांच कराना चाहिए। वही 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हर साल के बजाय हर दो साल में जांच कराना चाहिए।

० सर्वाइकल कैंसर

ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर दो सबसे आम कैंसर हैं जिनसे सावधान रहना चाहिए। अगर आपको सेक्स के दौरान या बाद में दर्द या रक्तस्राव हो रहा हो, आपके मासिक धर्म के बाद या मीनोपाॅज के बाद भी असामान्य रक्तस्त्राव हो रहा हो,आपकी पीठ के निचले हिस्से में, आपके हिप्स की हड्डियों के बीच या आपके पेट के निचले हिस्से में दर्द बना रहने लगा हो, असामान्य वेजाइनल रिसाव हो तो आप सर्वाइकल कैंसर की जांच ज़रूर करा लें।

1. सर्वाइकल कैंसर के लिए पैप स्मीयर टेस्ट

इस परीक्षण में आपकी योनि की जांच के बाद संदेह होने पर डाॅक्टर आपकी गर्भाशय ग्रीवा से कोशिकाओं को खुरचकर एकत्र कर विस्तृत परीक्षण करा सकते हैं। जिसके बाद पता चल जाता है कि सर्वाइकल कैंसर के लक्षण पैदा हो रहे हैं या नहीं।

2. सर्वाइकल कैंसर के लिए एचपीवी टेस्ट

ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) टेस्ट से भी सर्वाइकल कैंसर का पता लगाया जा सकता है। इसमें आपकी वजाइना या एनस के आसपार पैदा हो रहे मस्सों की जांच की जाती है।

पैप स्मीयर और एचपीवी टेस्ट से आपको शुरुआती दौर में ही सर्वाइकल कैंसर की

जानकारी हो जाती है और आपका इलाज शुरू हो जाता है। जिससे जान पर संकट नहीं आता।

ये टेस्ट भी ज़रूर करवाएं

1. आपको हर साल बीपी और शुगर का चैक अप भी ज़रूर कराना चाहिए। अक्सर इसी उम्र में ये दोनों बीमारियां शरीर में घर करती हैं। अगर बीपी - शुगर मामूली तौर पर ज्यादा आए तो संयमित जीवन जीकर उन्हें काबू करने का प्रयास करें। अधिक बढ़ने पर डाॅक्टर की बताई दवाएं नियमित रूप से लें।

2. आप अगर वजन अचानक बढ़ने या घटने, भूख में बदलाव, आवाज़ में बदलाव, पाचन की समस्या, बेजान बाल और त्वचा,मौसम के बदलाव को अधिक तीव्रता से महसूस करना, नींद की कमी जैसी समस्याएं फेस कर रहे हों तो आपको थायरॉइड का टेस्ट करवाकर देखना चाहिए और बिना गैप किए डाॅक्टर की दी हुई दवाई खाना चाहिए।

3. आपको बोन डेंसिटी टेस्ट भी करवाना चाहिए। मीनोपाॅज के बाद अक्सर महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस की शिकार हो जाती हैं। जिससे हड्डियां खोखली हो कर जब-तब टूटने का डर रहता है। बोन डेंसिटी टेस्ट में कमी आने पर आपको कैल्शियम और विटामिन डी 3 सप्लीमेंट्स लेने चाहिए।

4. इन प्रमुख समस्याओं के अलावा आप जिस भी तरह की स्वास्थ्यगत परेशानी झेल रही हों, उसे अवाॅइड करने के बजाय डाॅक्टर से परामर्श ज़रूर हैं। ढलती उम्र में खुद की समस्याओं को अनदेखा बिल्कुल न करें। साथ ही खुद को ज्यादा से ज्यादा एक्टिव रखने और पौष्टिक खानपान पर भी ज़रूर ध्यान दें।

डिस्क्लेमर:- खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है।आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने डाॅक्टर की राय अवश्य ले लें। हमारा मकसद आप तक जानकारी पहुंचाना भर है।

Divya Singh

दिव्या सिंह। समाजशास्त्र में एमफिल करने के बाद दैनिक भास्कर पत्रकारिता अकादमी, भोपाल से पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण की। दैनिक भास्कर एवं जनसत्ता के साथ विभिन्न प्रकाशन संस्थानों में कार्य का अनुभव। देश के कई समाचार पत्रों में स्वतंत्र लेखन। कहानी और कविताएं लिखने का शौक है। विगत डेढ़ साल से NPG न्यूज में कार्यरत।

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