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Apollo Kidney Scam: अपोलो किडनी रैकेट के खुलासे ने मचाया देश में हंगामा?

Apollo Kidney Scam: इंद्रप्रस्थ मेडिकल कॉर्प (IMCL.NS) के प्रबंधन में भारत की राजधानी दिल्ली से संचालित दो अपोलो अस्पतालों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. आरोप है कि वह दुनियाभर के अमीर मरीजों को किडनी उपलब्ध कराता है...

Apollo Kidney Scam: अपोलो किडनी रैकेट के खुलासे ने मचाया देश में हंगामा?
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Apollo Kidney Scam 

By Manish Dubey

Apollo Kidney Scam: इंद्रप्रस्थ मेडिकल कॉर्प (IMCL.NS) के प्रबंधन में भारत की राजधानी दिल्ली से संचालित दो अपोलो अस्पतालों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. आरोप है कि वह दुनियाभर के अमीर मरीजों को किडनी उपलब्ध कराता है. यानी वह अंतर्राष्ट्रीय किडनी रैकेट में शामिल है. अखबार की इस रिपोर्ट ने भारत में तहलका मचा दिया है.

ब्रिटेन के अखबार द टेलीग्राफ की रिपोर्ट में शनिवार को बात का खुलासा है. अखबार के अनुसार अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप (एपीएलएच.एनएस) म्यांमार के गरीब ग्रामीण युवकों से किडनी खरीदकर दुनिया के जरूरतमंद अमीरों को दिल्ली अस्पताल में प्रत्यर्पित करता है.

अखबार ने कहा कि उसे पहली बार 'कैश-फॉर-किडनी' रैकेट के बारे में इंद्रप्रस्थ अपोलो में एक मामले के माध्यम से पता चला, जो दिल्ली में अपोलो अस्पताल समूह का प्रमुख अस्पताल है. इंद्रप्रस्थ मेडिकल नोएडा में अपोलो अस्पताल भी संचालित करता है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का हिस्सा है.

द टेलीग्राफ का दावा है कि उसके एक रिपोर्टर को म्यांमार के एक बिचौलिए ने साक्ष्य के साथ किडनी और मानव अंगों के अवैध रूप से खरीदे जाने की जानकारी दी. जबकि फर्जी डाक्यूमेंट्स और फोटो के जरिए यह दिखाने की कोशिश की जाती है कि अंगदान करने वाला मरीज का रिश्तेदार है.

हालांकि, इंद्रप्रस्थ मेडिकल की तरफ से आए एक बयान में कहा गया है कि, 'हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आईएमसीएल के खिलाफ लगाए गए आरोप बिल्कुल झूठे, गलत जानकारी वाले और भ्रामक हैं.' वहीं विदेशी समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए जवाब में अपोलो ग्रुप ने भी इंद्रप्रस्थ मेडिकल के बयान से सहमति जताई है.

इधर दूसरी तऱफ सीएनबीसी-टीवी 18 ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि दिल्ली सरकार इन लगे आरोपों की जांच शुरू करेगी. जिसपर रॉयटर्स की तरफ से लिखा गया है कि, रॉयटर्स सीएनबीसी की रिपोर्ट को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं कर सका. रॉयटर्स आगे लिखता है, दिल्ली सरकार के मीडिया समन्वयक, प्रीतम पाल सिंह ने रॉयटर्स को बताया कि वह फिलहाल ऐसी किसी भी जांच से अनभिज्ञ हैं, जबकि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने टिप्पणी के लिए रॉयटर्स के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया.'

IMCL ने एक अलग बयान में कहा, 'कॉर्पोरेट प्रशासन नीति के हिस्से के रूप में, आईएमसीएल ने प्रत्यारोपण प्रक्रिया के सभी पहलुओं की जांच करने के लिए मामले की जांच शुरू की है.' कंपनी ने कहा कि आईएमसीएल न तो असंबद्ध दाताओं की तलाश करती है और न ही उसके प्रतिनिधियों को किडनी रोगियों के लिए असंबंधित दाताओं को खोजने के लिए अधिकृत या निर्देश दिया गया है.'

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