15 साल से ज्यादा उम्र की पत्नी से शारीरिक संबंध बनाना रेप नहीं……पत्नी को अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने व प्रताड़ित करने का लगाया था आरोप

लखनऊ 6 अगस्त 2021। पत्नी के रेप मामले को लेकर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर पत्नी की उम्र 15 साल से अधिक है तो उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना रेप नहीं कहलायेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया है. अदालत ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि 15 साल से अधिक उम्र की पत्नी से यौन संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं माना जाएगा. नाबालिग पत्नी के साथ यौन संबंध बनाने के मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी पति की ज़मानत अर्जी मंजूर की है. इस मामले में पति पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया गया था.कोर्ट ने कहा है कि आईपीसी की धारा 375 में 2013 में संशोधन हुआ है, ऐसे में ये दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता है.ये मामला मुरादाबाद का है, जहां पर पत्नी ने अपने पति के खिलाफ दहेज, मारपीट करने और जबरन यौन संबंध बनाने को लेकर केस किया था. इसी मामले में पति द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
मुरादाबाद के खुशाबे अली की जमानत अर्जी पर जस्टिस मो असलम ने सुनवाई की। याची के खिलाफ उनकी पत्नी ने मुरादाबाद के भोजपुर थाने में दहेज उत्पीड़न, मारपीट करने और धमकी देने के अलावा अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का मुकदमा दर्ज कराया था। याची के वकील का कहना था कि मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में पीड़िता ने अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने और याची के भाइयों के दुष्कर्म करने की बात से इनकार किया है।
इससे पहले केरल हाई कोर्ट ने भी रेप मामले में एक बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट का कहना है कि पीड़िता की जांघों के बीच में कोई गलत हरकत की जाती है तो इसे भी बलात्कार के समान ही माना जाएगा। गलत हरकत सीधे तौर पर महिला के शरीर के साथ छेड़छाड़ है और यह बलात्कार के अपराध के बराबर ही है। हाई कोर्ट ने बलात्कार के अपराध के दोषी की अपील पर सुनाए गए फैसले में यह टिप्पणी की। इस मामले में निचली अदालत ने एक व्यक्ति को बलात्कार का दोषी ठहराया था क्योंकि उसने अपने पड़ोस में रहने वाली नाबालिग लड़की के शरीर के कई अंगों के साथ गलत तरीके से छेड़छाड़ करके उसका यौन उत्पीड़न किया था।
धारा 375 में हुए कई संशोधन
आईपीसी की धारा 375 में 2013 में किए गए संशोधन के बाद 15 साल की आयु से अधिक की पत्नी से यौन संबंध बनाना दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं आता। कोर्ट ने कहा कि धारा 375 में कई संशोधन किए गए हैं। कोर्ट ने याची की जमानत मंजूर करते हुए शर्तों के साथ उसे रिहा करने का आदेश दिया है।