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गुरुपद संभव राम ने युवा और महिला सम्मेलन में कहा…बदले हालात में हमें साधु और सैनिक, दोनों गुणों से युक्त होना चाहिए, इस खबर को पढ़िये और उन्होंने क्या आर्शीवचन दिया

गुरुपद संभव राम ने युवा और महिला सम्मेलन में कहा…बदले हालात में हमें साधु और सैनिक, दोनों गुणों से युक्त होना चाहिए, इस खबर को पढ़िये और उन्होंने क्या आर्शीवचन दिया
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By NPG News

0 आजकल लड़कियाँ अधिक पढ़-लिख ले रही हैं और लड़के लफंटूस जैसे घूम रहे हैं जिससे शादी-विवाह में भी परेशानी आ रही है…ऐसी परिस्थिति में अपने इष्ट को याद करके निर्णय लें

पड़ाव, वाराणसी, 26 जुलाई 2021। गुरु पूर्णिमा के अगले दिन सायं आयोजित युवा और महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए औघड़ गुरुपद बाबा संभव राम जी ने कहा बदले हालात में हमें साधु और सैनिक दोनों काम करना होगा। बाबा ने इस बात पर चिंता जताई कि धनलिप्सा में परिवारों में झगड़े बढ़ रहे हैं…इस वजह से फेमिली कोर्ट में लोगों की भीड़ बढ़ रही है। लोगों में मनुष्यता खतम होती जा रही।


बाबा संभव राम जी ने कहा…साधुताई की बातें अपने जीवन को सजाने-सँवारने लिए हैं, लेकिन अभी जो समय-काल चल रहा है उसमें हमें अपनी सुरक्षा के लिए भी विचार करना होगा। हमें अपनी सुरक्षा के पूर्ण इंतजाम करने पड़ेंगे। क्योंकि लोगों की महत्वाकांक्षाएँ, आकांक्षाएँ चरम सीमा पर जा रही हैं। एक-दूसरे को देखकर उनके मन में भी उस चीज को प्राप्त करने की लालसा उत्पन्न हो रही है, तो वह कहीं भी, कुछ भी वारदात करने को तैयार हो जाते हैं। कोई आपको मारने आयेगा या कोई सांड ही मारने के लिए दौड़ायेगा तो आप उस समय साधुता नहीं दिखायेंगे, आप उस पर प्रहार करेंगे, मारेंगे और अपने-आप को बचायेंगे। इसीलिए हमारे समूह में कहा गया है कि हमें साधु और सैनिक दोनों का कार्य करना पड़ेगा। जब हमारे राष्ट्र-समाज पर विपत्ति आती है तो उस समय हमें सैनिक का भी कार्य करना होता है। जिस तरह वह सैनिक अपने सीमाओं पर देश की रक्षा में हजारों लोगों को मारता भी है और जब वापस आता है तो उसको हम फूल-मालाओं से सुसज्जित करते हैं, स्वागत करते हैं, उसकी वीरता के कसीदे पढ़ते हैं और जो उसने देश-समाज की रक्षा किया है, उसके लिए हम उसके आभारी रहते हैं। वैसे ही अपराधी प्रवृत्ति जो आजकल हो गयी है और सबमें व्याप्त हो गई है, उससे अपने को सुरक्षित रखने के लिए भी हमें उसी तरह के कार्य करने होंगे। क्योंकि हमारे समाज में हमारे ही लोगों की मानसिकता बहुत ही विकृत हो गई है। कोई ऐसे हमारे अगुआ लोग नहीं हैं, जिनके चरित्र से, जिनके कार्यों से हमलोग प्रेरणा ले सकते हैं। हैं भी तो कहीं कोने में कचड़े के डिब्बा जैसे होंगे। हमको अपने विवेक-बुद्धि से काम लेना होगा, समय-काल-परिस्थिति पर विचार करना होगा। नहीं तो हमारे अगुआ लोगों ने तो हमें अनेक तरह से बाँट रखा है- अनेक जातियों में, उप-जातियों में, उप उप-जातियों में, क्षेत्र में, भाषा में, सब चीज में इतना बाँट दिया है कि समाज एकदम से विघटित हो गया है। उनसे प्रेरणा लेकर प्रभावित जरूर हो जाता है आदमी। मैं तो अपने लोगों से कहता भी हूँ कि घबराओ मत, हमलोगों को पागलों के बीच में रहना है, उसके अधीन रहना है तो दिमाग से तैयार रहना होगा। इन परिस्थितियों में, हमको बहुत संभल कर चलना होगा। आज ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिलेगा जिसकी कोई गलती न खोज ली जाय। जो गलतियाँ करते हैं, उनका कुछ नहीं होता है। यह वह समय-काल है जिसको कलयुग भी कहा जाता है। हमारे परिवारों में लड़ाई-झगड़ा के चलते आजकल फेमिली-कोर्ट में बहुत भीड़ होती है। उसमें भी धन की मांग होती है, मनुष्य नहीं देखा जाता। किसी एक के पास संस्कार न हो तो पूरा परिवार प्रताड़ित हो जाता है। धन-संपत्ति जरुरी है परिवार चलने के लिए, लेकिन उसको लेकर आज हम अनेक तरह के युद्ध लड़ रहे हैं और अपना सुख-चैन समाप्त करके एक दिन इस संसार से चले जाते हैं। आजकल लड़कियाँ अधिक पढ़-लिख ले रही हैं और लड़के लफंटूस जैसे घूम रहे हैं तो शादी-विवाह में भी परेशानी आ रही है। ऐसी परिस्थिति में अपने इष्ट को याद करके निर्णय लें। जहाँ भी हो उस स्थान को पुष्पित पल्लवित करें। शुद्ध खान-पान रखें। अपने घरों की छत पर गमलों में भी कुछ-न-कुछ उगा ही सकते हैं।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करने वालों में गोष्ठी अध्यक्ष श्रीमती उषा सिंह, श्रीमती प्रीतिमा, श्रीमती अनीता श्रीमती सूरज बरनवाल, श्री सर्वेश्वरी समूह के संयुक्त मंत्री श्री अरविन्द जी, प्रचार मंत्री श्री पारस नाथ यादव जी, कोषाध्यक्ष श्री शशि गुप्ता जी, आज तक दिल्ली के पत्रकार श्री मयंक सिंह श्री देवव्रत नाथ शाहदेव श्री उमानाथ शाहदेव, श्री धर्मेन्द्र गौतम तथा श्री नीरज जी थे। कुमार नचिकेता ने भजन प्रस्तुत किया और मंगलाचरण कुमारी गुंजन ने किया। गोष्ठी का सञ्चालन श्रीमती सुष्मिता ने किया और धन्यवाद-ज्ञापन श्री सर्वेश्वरी समूह के मंत्री डॉ० एस०पी० सिंह जी ने किया।

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