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रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी: दशहरा-दीपावली-छठ पर आराम से जा सकेंगे घर….गले महीने से 100 नई ट्रेन चलाने की तैयारी में रेलवे

रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी: दशहरा-दीपावली-छठ पर आराम से जा सकेंगे घर….गले महीने से 100 नई ट्रेन चलाने की तैयारी में रेलवे
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By NPG News

नईदिल्ली 24 सितम्बर 2020। रेलवे की योजना है कि अगले महीने से ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाए। रेलवे ने ये तैयारी इसलिए की है, क्योंकि अक्टूबर और नवंबर के बीच यात्रियों की संख्या काफी बढ़ जाती है। यात्रियों की संख्या में हुई इस बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए ही अगले दो महीनों में करीब 100 नई ट्रेनें चलाई जाने की योजना बनाई जा रही है।

अक्टूबर और नवंबर की संभावित यात्री संख्या को देखते हुए व्यस्ततम रूटों पर लगभग 100 और नई ट्रेन चलाई जा सकती है। इनमें अधिकांश गैर वातानुकूलित श्रेणी (सभी दर्जे) की होगी, जो त्योहारी सीजन में आम आदमी की यात्रा में मददगार होंगी।

रेलवे अभी स्पेशल श्रेणी की ट्रेनों के साथ 40 क्लोन ट्रेन चला रही है। अधिकांश क्लोन ट्रेन वातानुकूलित श्रेणी की है, जिसमें किराया ज्यादा होने की वजह से आम यात्री सफर नहीं कर पाता है। हालांकि इससे मूल ट्रेन पर दबाव कम हुआ है, लेकिन शयनयान और सामान्य श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों की दिक्कतें अभी बनी हुई है।

अक्टूबर-नवंबर में जब दुर्गा पूजा से लेकर दशहरा, दिवाली और छठ के बड़े त्यौहार आते हैं उस समय यात्रियों की आवाजाही बढ़ेगी। रेलवे ने इस स्थिति के मद्देनजर अगले माह से लगभग 100 ट्रेन और चलाने की तैयारी कर रखी है। इनमें आधी से ज्यादा बिहार और बंगाल को जोड़ने वाली होंगी। यह सभी ट्रेनें भी विशेष श्रेणी वाली होंगी जो सभी आरक्षित कोच वाली होगी। जनरल कोच में भी सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए आरक्षण किया जाएगा।

रेलवे बोर्ड के सूत्रों के अनुसार, हर जोन से संभावित जरूरत के बारे में जानकारी ली गई है और जरूरत पड़ने पर ट्रेनों की संख्या और बढ़ाई जा सकती है। हालांकि सरकार लोगों से यही अपील कर रही है कि वह जरूरी होने पर ही यात्रा करें और कम से कम आवाजाही करें ताकि कोरोना संक्रमण फैलने को नियंत्रित किया जा सके।

रेलवे ने जिन 100 ट्रेनों को चलाने की योजना बनाई है, उसमें आधी से अधिक ट्रेनें बिहार और बंगाल को जोड़ेंगी। हालांकि, ट्रेन के जनरल कोच में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। ये सभी ट्रेनें आरक्षित कोच वाली होंगी। हर जोन से संभावित मांग की जानकारी लेने के बाद ये ट्रेनें चलाई जा रही हैं और जरूरत पड़ने पर ट्रेनों की संख्या और बढ़ाई जा सकती है।

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