आंगन में मिला अरबों का खजाना… घर में शख्स खुदवा रहा था कुआं, तभी मिला 7.5 अरब रुपये का नीलम… पल भर में बदल गई किस्मत
नईदिल्ली 28 जुलाई 2021. दुनिया का सबसे बड़ा नीलम आपको आंगन में यूं ही पड़ा मिल जाए तो! वो नीलम जिसकी बाजार में कीमत 700 करोड़ से भी ज्यादा हो. आपके होश पक्का उड़ जाएंगे. ऐसा ही कुछ श्रीलंका में एक परिवार के साथ हुआ. घर के पीछे कुएं की खुदाई करते हुए श्रीलंकाई व्यक्ति के हाथ यह खजाना लगा. श्रीलंका की अथॉरिटीज ने दावा किया है कि उनके यहां एक परिवार के घर के कुएं की खुदाई में दुनिया का सबसे बड़ा नीलम का बेशकीमती पत्थर मिला है. इस नीलम की कीमत 10 करोड़ डॉलर करीब 700 करोड़ रुपए बताई जा रही है.
25 लाख कैरेट के इस पत्थर के मालिक डॉ. गमागे ने कहा कि कुआं खोद रहे मजदूर ने उन्हें बताया कि जमीन के नीचे शायद बेशकीमती पत्थर है. इस जानकारी के बाद वे मौके पर पहुंच गए और इस पत्थर को सफलता पूर्वक बाहर निकाल लिया गया.सुरक्षा कारणों से आपना पूरा नाम और पता न बताने वाले इस नीलम के मालिक डॉ. गमागे खुद भी बेशकीमती पत्थरों के कारोबारी हैं. घर के कुएं से ये पत्थर निकलने के बाद उन्होंने अथॉरिटीज को इस बारे में जानकारी दी.
उनका कहना है कि इस पत्थर को साफ करने और इससे गंदगी हटाने में एक साल का वक्त लगेगा. इसके बाद ही इसका विश्लेषण करके इसका पंजीकरण हो पाएगा. उन्होंने कहा कि पत्थर की सफाई के दौरान उससे नीलम के कुछ टुकड़े अलग होकर गिरे थे. जिनके विश्लेषण पर पता चला कि वो बेहद उच्च श्रेणी के बेशकीमती पत्थर हैं.एनजीजेए के प्रतिनिधि ने बताया कि “यह एक विशेष नीलम है, जो शायद दुनिया में सबसे बड़ा है. ये नीलम 100 सेमी लंबा, 72 सेमी चौड़ा और 50 सेमी ऊंचा है.” बता दें श्रीलंका विश्व में नीलम पत्थर और अन्य कीमती नगीनों का बड़ा निर्यातक देश है.एनजीजेए ने ये भी स्पष्ट किया है कि इस पत्थर के मालिक डॉ. गमामगे हैं, क्योंकि ये उनकी संपत्ति से निकला है.
रत्नपुरा को श्रीलंका के रत्नों की राजधानी कहा जाता है. यहां काफी ज्यादा मात्रा में रत्न पाए जाते हैं. श्रीलंका दुनियाभर में पन्ना, नीलम और अन्य बेशकीमती रत्नों के निर्यातक के तौर पर जाना जाता है. पिछले साल रत्नों के निर्यात से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की थी. प्रिंस विलियम्स की पत्नी केट मिडिलटन ने अपनी शादी के वक्त श्रीलंका का नीलम ही पहना था. विशेषज्ञों का कहना है कि इतना बड़ा नीलम पहले नहीं देखा गया है और माना जा रहा है कि करीब 40 करोड़ साल पहले यह बना होगा.