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पूर्व महिला विधायक को उम्रकैद, 2013 के सुमारिक हत्याकांड में सुनाई गई सजा….

पूर्व महिला विधायक को उम्रकैद, 2013 के सुमारिक हत्याकांड में सुनाई गई सजा….
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By NPG News

नईदिल्ली 26 जनवरी 2021. बिहार के गया जिले की एक अदालत ने आरजेडी की पूर्व विधायक कुंती देवी को आठ साल पुराने हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संगम सिंह ने 26 फरवरी 2013 को जेडीयू के कार्यकर्ता सुमिरक यादव की हत्या का दोषी ठहराते हुए पूर्व विधायक को सोमवार को उम्रकैद और 50,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी।

बता दें, जदयू नेता सुमारिक यादव की 26 फरवरी 2013 को लाठी, डंडा व लोहे की रॉड से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। कुंती देवी को अदालत ने 19 जनवरी को दोषी करार दिया था। साथ ही उन्हें उसी दिन न्यायिक हिरासत में भी ले लिया गया था। जब कुंती देवी को सजा सुनाई जा रही थी तब वह कोर्ट रूम में मौजूद नहीं थीं। वह बीमार होने के कारण अदालत में पेश नहीं हो पाई थीं। उन्हें सात साल पुराने हत्या के मामले में अब जाकर दोषी पाया गया। इस मामले ने बिहार की सियासत में हंगामा खड़ा कर दिया था।

असल में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता सुमारिक यादव की हत्या राजनीतिक रंजिश की वजह से कराई गई थी। यह हत्याकांड साल 2013 में हुआ था। उस दौरान इस खबर ने काफी सुर्खियां भी बटोरी थी। इस मामले में मृतक के भाई विजय यादव की तहरीर और बयान के आधार पर गया के नीमचक बथानी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सुमारिक यादव जनता दल यूनाइटेड के प्रखंड अध्यक्ष थे। उनकी हत्या का आरोप पूर्व विधायक कुंती देवी पर लगा था।

न्यायालय ने 19 जनवरी को कुंती देवी को दोषी करार दिया। उसी दिन उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया था। बीते शनिवार को कुंती देवी को सजा सुनाए जाने को लेकर कोर्ट परिसर में काफी गहमागहमी बनी हुई थी। बताते चलें कि कुंती देवी के पति पूर्व राजद विधायक राजेंद्र यादव हत्या के एक दूसरे मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। इसके अलावा उनके बेटे अजय यादव अतरी से राजद विधायक हैं। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में अजय ने जदयू की मनोरमा देवी को हराया था। बचाव पक्ष की ओर से मात्र एक गवाह ने गवाही दी थी। अदालत ने 23 जनवरी को सजा के मुद्दे पर फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की है। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक मसूद मंजर, सूचक की ओर से अमरेंद्र नारायण सिन्हा व मुकेश चन्द्र सिन्हा और बचाव पक्ष की ओर से शकील अहमद व अरूण कुमार ने कोर्ट में अपना-अपना पक्ष रखे।

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