Begin typing your search above and press return to search.

कोरोना से रॉ के पूर्व जासूस की मौत, दो बार जासूसी करने गए थे पाकिस्तान…

कोरोना से रॉ के पूर्व जासूस की मौत, दो बार जासूसी करने गए थे पाकिस्तान…
X
By NPG News

लखनऊ 26 अप्रैल 2021. सोमवार को लखनऊ में पूर्व रॉ एजेंट मनोज रंजन दीक्षित (56 साल) का निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित थे. उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. आर्थिक तंगी से जूझ रहे मनोज रंजन ने सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए मदद मांगी थी. लेकिन CMO ऑफिस से रेफरल लेटर बनने में काफी देर हो गई.

जानकारी के मुताबिक, रॉ के पूर्व जासूस मनोज रंजन कोरोना की चपेट में आ गए थे. मनोज रंजन की तबीयत बिगड़ गई. उन्हें न तो अस्पताल मिले और ना ही किसी अस्पताल में बेड. सरकारी सिस्टम के जाल में उलझकर रॉ के इस पूर्व जासूस ने लखनऊ में दम तोड़ दिया. मनोज रंजन की उपचार के अभाव में आज यानी 26 अप्रैल को तड़के 4 बजे भोर में मौत हो गई.

बताया जाता है कि मनोज रंजन को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) का पत्र नहीं मिला. मनोज रंजन के परिजनों ने उनकी हालत का उल्लेख करते हुए लखनऊ के सीएमओ से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की गुहार भी लगाई थी लेकिन सिस्टम का मायाजाल ऐसा कि सीएमओ साहब का पत्र मिलते-मिलते 18 घंटे का समय गुजर गया.

मनोज रंजन के लिए एक-एक सेकंड भारी हो रहे थे, ऐसे में 18 घंटे का इंतजार. रॉ में बतौर जासूस सेवाकाल में देश की सेवा करने वाले मनोज रंजन आखिरकार सिस्टम से हार गए और दम तोड़ दिया. यूपी के कई अस्पतालों में अब भी सीएमओ रेफरल लागू है. यह हाल तब है, जब सीएम योगी आदित्यनाथ खुद कह चुके हैं कि अस्पताल किसी भी मरीज को भर्ती करने से इनकार नहीं कर सकते. सीएम ने निर्देश दे रखा है कि सरकारी अस्पताल में जगह न हो तो मरीजों को निजी चिकित्सालयों में भर्ती कराया जाए. इसका खर्च सरकार वहन करेगी.

मनोज रंजन दीक्षित पाकिस्तान में भारत के लिए जासूसी के आरोप में 1992 में गिरफ्तार हुए थे. उसके बाद वहां की शीर्ष अदालत के निर्देश पर वर्ष 2005 में उनको वाघा अटारी बॉर्डर पर रिहा किया गया था. लॉकडाउन में उनकी निजी नौकरी छूट गई और मुफिलिसी के शिकार हो गए.

पाकिस्तान से छूटने के बाद 2007 में उनकी शादी हुई.कुछ समय बाद उन्हें पता चला कि पत्नी को कैंसर है. वह अपनी पत्नी का इलाज कराने के लिए लखनऊ आए थे. 2013 में उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई. इसके बाद से ही वह लखनऊ में रह रहे थे. गोमतीनगर विस्तार में वे स्टोर कीपर का काम कर रहे थे.

Next Story