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ATR निवासखार गाँव में फ़ॉरेस्टर और ग्रामीण विवाद मामला.. भावुक हुए धर्मजीत बोले दे दूँगा इस्तीफ़ा.. वनमंत्री अकबर ने किया ऐलान “मामले की जाँच PCCF वाईल्ड लाईफ़ करेंगे.. रेंजर को निलंबित करता हूँ”

ATR निवासखार गाँव में फ़ॉरेस्टर और ग्रामीण विवाद मामला.. भावुक हुए धर्मजीत बोले दे दूँगा इस्तीफ़ा.. वनमंत्री अकबर ने किया ऐलान “मामले की जाँच PCCF वाईल्ड लाईफ़ करेंगे.. रेंजर को निलंबित करता हूँ”
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By NPG News

रायपुर,27 अगस्त 2020।टाइगर रिज़र्व अचानकमार अभ्यारण्य में आश्रित गाँव निवासखार में फ़ॉरेस्ट अमले और ग्रामीणों के बीच टकराव का मामला धर्मजीत सिंह ने उठाया। विधायक धर्मजीत सिंह स्थिति को बताते हुए बेहद भावुक हो गए, उन्होंने ग्रामीणों की दयनीय स्थिति का ज़िक्र करते हुए कहा
“वहाँ ना सासंद निधि से काम हो रहा है, ना विधायक और ना ही कोई अन्य निधि.. कैसे काम करेंगे लोग.. आप चले जाइए उन गाँवों में.. बस परिचय मत बताईएगा कि आप मंत्री हैं.. बीस रुपए का काम करते भी मिल गए तो मैं इस्तीफ़ा दे दूँगा”
दरअसल निवासखार गांव में फ़ॉरेस्टर और ग्रामीणों के बीच विवाद हुआ था, जिसके बाद ग्रामीणों पर अपराध दर्ज हुआ और उन्हें जेल भेज दिया गया था। विधायक धर्मजीत सिंह ने इस पूरी कार्यवाही को ग़लत बताते हुए कार्यवाही की माँग की।
विधायक धर्मजीत सिंह की बात के जवाब में वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा
“मैं आपकी पीड़ा को समझ रहा हूँ लेकिन वन विभाग के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि रेंजर को उठक बैठक कराया गया .. इसका वीडियो है..वन विभाग की विश्वसनीयता कहाँ रह जाएगी .. ऐसे में कैसे काम होगा ..”
लेकिन तब विधायक धर्मजीत सिंह ने इस्तीफ़े की चुनौती दे दी, और ग्रामीणो को बेबस बताते हुए बेहद भावुक हो गए। विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा
“जानकी बाई जिनकी उम्र 69 साल थी, और राम सिंह जिनकी उम्र 70 साल थी, जेल से उनके छूटने के एक हफ़्ते के भीतर उनकी मौत हो गई.. फ़ॉरेस्टर गए और माँ बहनों को बाल पकड़ कर खींचने लगे, मारपीट करने लगे.. यह क्रिया की प्रतिक्रिया थी..”
भावुक और बेहद आक्रोशित धर्मजीत सिंह ने कहा
“आप को बता दूँ वहाँ के सर्किट हाउस में शराब की पार्टी होती है, दस हज़ार रुपए में चीतल का शिकार होता है.. आपको लगता है कि ऐसे अधिकारी रहेंगे तो धर्मजीत दब जाएगा तो यह मत सोचिए। मैं अपनी जनता के लिए सड़क पर धरना दूँगा मैं इसी सदन के भीतर धरना दूँगा”
धर्मजीत सिंह के तेवरों को विधायक अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल का भी समर्थन मिल गया। तब वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने घोषणा की
“मैं रेंजर संदीप सिंह को निलंबित करने की घोषणा करता हूँ.. प्रकरण की जाँच पीसीसीएफ़ वाइल्डलाइफ़ करेंगे..और मैं व्यक्तिगत रुप से मिलकर स्थितियों को स्पष्ट कर दूँगा..”

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