Vat Purnima puja vidhi: आज है वट पूर्णिमा व्रत 2025, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त, करें ये उपाय और वैवाहिक जीवन में आएगी सुख-शांति!
सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। पूजा-पाठ, स्नान-दान के लिए पूर्णिमा को सबसे खास माना गया है। बात करें ज्येष्ठ पूर्णिमा की तो इसे लेकर लोगों के बीच असमंजस की स्थिति है कि पूर्णिमा कब है तो आइए जानते हैं। पूर्णिमा तिथि का आरंभ मंगलवार को सुबह 11 बजकर 35 मिनट से 11 जून को दोपहर 1 बजकर 13 मिनट तक है।

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। पूजा-पाठ, स्नान-दान के लिए पूर्णिमा को सबसे खास माना गया है। बात करें ज्येष्ठ पूर्णिमा की तो इसे लेकर लोगों के बीच असमंजस की स्थिति है कि पूर्णिमा कब है तो आइए जानते हैं। पूर्णिमा तिथि का आरंभ मंगलवार को सुबह 11 बजकर 35 मिनट से 11 जून को दोपहर 1 बजकर 13 मिनट तक है।
कब है मुहूर्त-
पूर्णिमा तिथि में जो लोग चंद्रमा की पूजा करते है ऐसे लोग 10 जून को पूर्णिमा का व्रत रखेंगे। यदि पूर्णिमा के दिन आप भगवान सत्यनारायण की पूजा करते है तो 11 जून को व्रत रखें। 11 जून को स्नान, दान, भगवान सत्यनारायण की पूजा करने का शुभ मुहूर्त है। पूर्णिमा पर स्नान और दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त का समय शुभ माना जाता है सुबह 4 बजकर 2 मिनॉ से लेकर 4 बजकर 42 मिनट तक का समय स्नान के लिए शुभ है। भगवान सत्यनारायण की पूजा और वट पूर्णिमा की पूजा का समय सुबह 8 बजकर 52 मिनट से दोपहर 2 बजकर 5 मिनट तक है।
व्रत से मिलते हैं ये लाभ-
वट पूर्णिमा व्रत को सुहागिन महिलाएं करती हैं। मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से पति को लंबी आयु का वरदान मिलता है। वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है जिससे घर में सुख-शांति बनी रहती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर बरगद पेड़ की पूजा करने का भी विधान है।
जानिए पूजन विधि-
वट पूर्णिमा के दिन बरगद के पेड़ की पूजा करें। देसी घी का दीपक जलाएं और आरती करें। पेंड़ पर कच्चा धागा बांधे और 7 बार परिक्रमा लगाएं। इस उपाय को करने से व्रत सफल होता है वैवाहिक जीवन में खुशियां आती है। इस दिन गरीबों को दान करने का भी विशेष महत्व है दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं।