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Tulsi Vivah Prasad : इस प्रसाद के बिना अधूरा है तुलसी विवाह, जानिए इसके लाभ और बनाने का तरीका

Tulsi Vivah Prasad : भगवान विष्णु को जैसे पंचामृत का प्रसाद प्रिय है वैसे ही तुलसी विवाह में भी पंंचामृत का प्रसाद अनिवार्य होता है, जानते हैं इसे कैसे बनाया जाता है

Tulsi Vivah Prasad  : इस प्रसाद के बिना अधूरा है तुलसी विवाह, जानिए इसके लाभ और बनाने का तरीका
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By Shanti Suman

Tulsi Vivah Prasad : हिंदू पंचांग के अनुसार तुलसी विवाह के दिन लोग तुलसी जी का पूजा करते हुए उन्हें लाल चुनरी चढ़ाते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप शालीग्राम का देवी तुलसी से विवाह (Tulsi Vivah) होने की परंपरा है। इस खास दिन पर पूजा के बाद पंचामृत (Panchamrit or panchamrut) का भोग जरूर लगाकर इसे प्रसाद के तौर पर ग्रहण किया जाता है। बता दें कि इस पंचामृत में 5 चीजों को शामिल करना धार्मिक के साथ सेहत के लिए भी जरूरी होती हैं।इन चीजों की धार्मिक मान्यता के लिहाज से तो विशेष महत्व है ही, साथ ही इसमें शामिल की जाने वाली पांचों चीजें सेहत के लिए भी अच्छी होती हैं. हांलाकि, इसमें तुलसी पत्ता शामिल करने से पहले पंडित या विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. जानिए, प्रसाद बनाने का तरीका.

तुलसी विवाह पर क्या प्रसाद चढ़ाएं?

तुलसी विवाह के दिन आपको तुलसी के पौधे से एक भी पत्ता नहीं तोड़नी है। तुलसी को कभी भी लाल रंग का सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए। तुलसी को गुलाब का फूल अर्पित न करें। तुलसी पर तिल और केले का प्रसाद भी आप अर्पित कर सकते हैं।

पंचामृत प्रसाद सामग्री- बनाने की विधि

सामग्री- - आधा कप गाय का दूध- आधा कप गाय का दही- 1 चम्मच गाय का घी- 1 चम्मच शहद- 1 चम्मच चीनी या बूरा- 1 चम्मच घी- 1 तुलसी पत्ता- ड्राई फ्रूट्स- चाँदी के कटोरी

पंचामृत प्रसाद (Panchamrit Prasad) बनाने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में दही लें और उसे अच्छे से फेंट लें. इसके बाद इसमें दूध डालें. अब इसमें शहद, बूरा और देसी घी मिला दें. आप चाहें तो इसमें गुलाब जल और बारीक कटे ड्राई फ्रूट्स भी डाल सकते हैं. तैयार हो चुके पंचामृत प्रसाद में तुलसी का एक पत्ता डाल दें और सबसे पहले इसे पूजा में शामिल कर इससे पहले भगवान जी को भोग लगाएं और पूजा के समापन के बाद प्रसाद के रूप में खुद भी ग्रहण करें और बाकि लोगों को भी बांटें.तुलसी विवाह के दिन पंचामृत प्रसाद (Panchamrit Prasad) बनाने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में दही लेकर उसे अच्छे से फेंट लें। इसके बाद इसमें दूध डालकर इसमें शहद, बूरा और देसी घी मिला दें। अपनी इच्छानुसार इसमें गुलाब जल और बारीक कटे ड्राई फ्रूट्स भी डाल सकते हैं। अंत में इस तैयार हो चुके पंचामृत प्रसाद में तुलसी का एक पत्ता भी डाल दें। उल्लेखनीय है कि सबसे पहले इसे पूजा में शामिल कर इससे पहले भगवान जी को भोग लगाकर पूजा के समापन के बाद प्रसाद के रूप में दूसरों को बाँट कर खुद भी ग्रहण करें।

गौरतलब है कि भोग प्रसाद बनाने के लिए शुद्धता का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है। इसके लिए बर्तन एवं किचन की सफाई का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।

पंचामृत से भगवान को स्नान कराते समय इस मंत्र का करें जप

पयोदधिघृतं चैव मधु च शर्करायुतं।

पंचामृतं मयानीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम ॥

तुलसी विवाह में क्या क्या सामग्री होती है?

पूजा चौकी, शालीग्राम जी, तुलसी का पौधा, गन्ना, मूली, कलश, नारियल, कपूर

आंवला, बेर, मौसमी फल, शकरकंद, सिंघाड़ा, सीताफल, गंगाजल, अमरूद

दीपक, धूप, फूल, चंदन, रोली, मौली, सिंदूर, लाल चुनरी, हल्दी, वस्त्र

सुहाग सामान- बिंदी, चूड़ी, मेहंदी, साड़ी, बिछिया आदि

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