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Sita Navami 2024 : सीता नवमी आज, Sita Mata के 10 Qualities जो बदल देंगे आपका जीवन

माता सीता को श्रीराम की पत्नी और नरेश जनक की पुत्री के साथ ही एक आदर्श, श्रेष्ठ और महान महिला के रूप में भी जाना जाता है.

Sita Navami 2024 : सीता नवमी आज,  Sita Mata के 10 Qualities जो बदल देंगे आपका जीवन
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By Meenu

Sita Navami 2024 : पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को माता सीता की जयंती मनाई जाती है. इस दिन को सीता नवमी कहा जाता है, जोकि इस वर्ष गुरुवार 16 मई 2024 को है.

सीता नवमी के अवसर पर भगवान राम और माता सीता की पूजा होती है और विशेष आयोजन भी किए जाते हैं.

सीता नवमी के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं. विवाहिताएं पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती है. माता सीता को श्रीराम की पत्नी और नरेश जनक की पुत्री के साथ ही एक आदर्श, श्रेष्ठ और महान महिला के रूप में भी जाना जाता है. आइये जानते हैं माता सीता के किन गुणों ने उन्हें बनाया श्रेष्ठ.

माता सीता के 10 गुण (Sita Mata 10 Qualities)



पतिव्रता: सीता माता ने पतिव्रता धर्म का पालन करते हुए भगवान राम के प्रति आत्मा समर्पित कर दिया.

प्रेम और समर्पण की भावना: माता सीता में भगवान राम के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना थी, जोकि हर दांपत्य जीवन की नींव है.

त्याग और सहनशीलता: वनवास स्वीकारना और कुटिया में लव-कुश का जन्म होना ये सभी ऐसी घटनाएं हैं जो सीता माता के जीवन में त्याग और सहनशीलता का उदाहरण दिया है.

गृहणी और कामकाजी: आज के आधुनिक समय में महिलाएं घर और बाहर दोनों काम संभालती है. लेकिन माता सीता में ये गुण त्रेयायुग से ही थे. वो गृहणी के रूप में घर का कार्य संभाली थी और साथ ही रामजी के काम में भी सहायता करती थी.

पवित्रता: आदर्श पत्नी के रूप में माता सीता पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है, जोकि उनका सबसे खास गुण है.

धर्मनिष्ठा: माता सीता धर्म के प्रति पूर्ण समर्पित और निष्ठावान रहीं, जिस कारण उन्होंने आदर्श महिला के रूप में स्थान बनाया.

सौम्यता और सादगी: सौम्य व्यवहार और सादगी ही माता सीता की सुंदरता और श्रृंगार थे, जोकि उन्हें प्रिय बनाता है.

क्षमा और उदारता: रावण द्वारा अपहरण और अपमान किए जाने के बाद भी माता सीता ने उसे क्षमा करते हुए उसके प्रति उदारता दिखाई, जोकि एक महान महिला के गुण हैं.

पतिपरायणता: पतिपरायणता करते हुए माता सीता ने अपना पूरा जीवन बिता दिया.

साहस: माता सीता ने अपना पूरा जीवन एक साहसी महिला के रूप में बिताया. उनका यही गुण उन्हें सभी परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम बनाता है.

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