Simsa Mata ka Chamtkari Mandir: एक रात बिताने पर भर जाती है सूनी गोद, इस मंदिर के चमत्कार के आगे विज्ञान भी फेल, जानें यहां कि खासियत
Simsa Mata ka Chamtkari Mandir:भारत का यह मंदिर है बहुत खास, अगर आप है निसंतान तो इस मंदिर की फर्श पर बिताए एक रात, घर में गूंजेगी किलकारी,ये अंधविश्वास नहीं, चमत्कार है...
Simsa Mata ka Chamtkari Mandir औलाद का सुख हर महिला भोगना चाहती हैं। माँ बनने की अनुभूति दुनियां का सबसे प्यारा एहसास होता हैं। ये सुख हर महिला की किस्मत में नहीं होता हैं, कुछ औरतें ऐसी भी होती हैं जिन्हें लाख कोशिशों के बावजूद संतान प्राप्ति नहीं हो पाती हैं। अस्पताल के कई चक्कर लगा लेने के बाद भी जब कोई सफलता नहीं मिलती हैं तो अंतिम उम्मीद ईश्वर से ही रह जाती हैं। जब भी हम उम्मीद खोने लगते हैं तो भगवान ही हमें याद आते हैं। फिर हम सोचने लगते हैं कि काश अब कोई चमत्कार हो जाए और हमारी समस्यां का समाधान मिल जाए।
सिमसा मंदिर में मिलता है औलाद सुख
देश आस्थों से जुड़ा देश हैं। यहां धर्म में लोगो का विश्वास बहुत गहरा हैं। शायद यही वजह हैं कि हमें देश के कोने कोने से तरह तरह की चमत्कारी घटनाओं की सुचना मिलती रहती हैं। देश में कई सारे मंदिर हैं और हर मंदिर की अपनी अलग कहानी हैं.।भारत में आपको कई ऐसे मंदिर मिल जाएंगे जो अपनी किसी ख़ास चीज को लेकर फेमस हैं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं
सिमसा मंदिर एक हिन्दू मंदिर है जो कि भारत के राज्य हिमाचल प्रदेश, कांगड़ा जिले के सिमसा गांव में स्थित है। यह मंदिर शारदा देवी को समर्पित है। यह मंदिर बैजनाथ नगर से 30 किलोमीटर और पालमपुर से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सिमसा मंदिर हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। सिमसा देवी का यह मंदिर अनोखा है। इस मंदिर में निःसंतान महिला मंदिर के फर्श पर सोने से महिला को संतान की प्राप्ति होती है। इस मंदिर को संतान दात्री मंदिर भी कहते हैं। यहां मां शारदा पिंडी रूप में विराजमान हैं।
हिमाचल प्रदेश का यह मंदिर 400 साल पुराना
सिमसा देवी के मंदिर मंदिर उत्तर भारत में प्रसिद्ध है विशेषकर हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में। यह मंदिर कितना पुराना है व प्राचीन है, इसका अभी तक पता नहीं चला है, लेकिन मंदिर के आस पास के गांव वालों की माने तो यह मंदिर 400 वर्ष पुराना है।
नवरात्रि मे लगती है भीड़
ऐसा कहा जाता है कि सिमसा माता स्वप्न में ही संतान के लिंग का भी संकेत देती हैं। निःसंतान महिला को स्पप्न में यदि अमरूद का फल मिलता है तो उसे लड़का होगा और यदि भिंडी मिलती है तो लड़की होगी ऐसी मान्यता है। इसके अलावा यदि महिला को सपने में कोई धातु, लकड़ी या वस्तु मिलती है तो इसका अर्थ यह है कि उसे कोई संतान नहीं होगी।
सिमसा माता के मंदिर में नवरात्रि में खास कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इस दौरान यहां सलिन्दरा या सेलिंद्रा उत्सव मनाया जाता है। सेलिन्दरा का अर्थ होता है सपने में आना। कहा जाता है कि यह उत्सव बेहद खास होता है और इस दौरान हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्यों से निःसंतान महिलाएं संतान की इच्छा लेकर इस मंदिर में माता के दर्शन के लिए आती हैं। मंदिर परिसर में सोने के बाद माता की कृपा से संतान का सुख प्राप्त होता है। इस मंदिर की मान्यता के दावे की कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई हैं, लेकिन फिर भी ये भक्तों की आस्था का सवाल हैं। वैसे भी दुनियां में कई सारी चीजें लक पर ही निर्भर करती हैं. ऐसे में क्या पता यहां आते ही महिला का भाग्य चमक जाए और उसे सच में संतान की प्राप्ति हो जाए।