Mahakal Bhang Shringar: श्री महाकालेश्वर मंदिर में घटी अनोखी घटना: टूटकर गिरा बाबा महाकाल का भांग का मुखौटा, जानिए ज्योतिषाचार्य ने इस पर क्या कहा
Tuta Baba Mahakal Ka Bhang Ka Mukhauta: उज्जैन: मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित 12 ज्योतिर्लिंग में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में एक अनोखी घटना घटी। दरअसल, पंडित और पुजारी बाबा महाकाल की भांग श्रृंगार कर आरती की तौयारी कर रहे थे। तभी भांग का मुखौटा टूटकर नीचे गिर गया। ज्योतिषाचार्य इसे प्राकृतिक आपदा मान रहे हैं।

Tuta Baba Mahakal Ka Bhang Ka Mukhauta: उज्जैन: मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित 12 ज्योतिर्लिंग में से एक श्री महाकालेश्वर मंदिर में एक अनोखी घटना घटी। दरअसल, पुजारी बाबा महाकाल की भांग श्रृंगार कर आरती की तौयारी कर रहे थे। तभी भांग का मुखौटा टूटकर नीचे गिर गया। ज्योतिषाचार्य इसे प्राकृतिक आपदा मान रहे हैं।
ज्योतिषाचार्य, पंडित और पुजारी ने कही ये बात
श्री महाकालेश्व मंदिर में 18 अगस्त को पुजारी बाबा महाकाल की भांग श्रृंगार कर आरती की तौयारी कर रहे थे। तभी भांग का मुखौटा टूटकर नीचे गिर गया। इस घटना में मुखौटे से नाक, होंठ और आंख बाहर निकल आए। जिसके बाद पुजारी ने बाबा महाकाल की फिर से श्रृंगार किया और आरती की। ज्योतिषाचार्य इसे प्राकृतिक आपदा मान रहे हैं। वहीं पुजारी बाबा महाकाल की ओर से भांग को त्यागने की बात कह रहे हैं।
प्राकृतिक घटना का संकेत: ज्योतिषाचार्य
जानकारी के मुताबिक,18 अगस्त को रात 8 बजे बाबा महाकाल का भांग श्रृंगार कर आरती की तैयारी कर रहे थे। तभी बाबा महाकाल का अचानक मुखौटा गिरकर टूट गया। जिसके बाद पुजारियों ने दोबारा बाबा महाकाल का श्रृंगार किया और आरती की। इस मामले में ज्योतिषाचार्य ने इसे प्राकृतिक घटना का संकेत बताया है।
ज्योतिषाचार्य और वैज्ञानिक दृष्टि
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, देवता जिस सामग्री को पसंद करते हैं उन्हें स्वीकार कर लेते हैं। वहीं जिस सामग्री को वह पसंद नहीं करते उसे त्याग देते हैं। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, वैज्ञानिक मानते हैं कि पत्थरों में आंतरिक आद्रता और आंतरिक उष्णता रहती है। इसलिए जब उसमें जब भांग लगायई जाती है तो वह गिर जाती है।
देश का एक लौता शिवलिंग
बता दें कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में स्थित बाबा महाकाल देश का एक लौता ऐसा शिवलिंग है जिसका भांग सेश्रृंगार किया जाता है। मान्यता है कि बाबा महाकाल को भांग का भोग और श्रृंगार अति प्रीय है। इसलिए वहां के पुजारी बाबा महाकाल का भांग श्रृंगार करते हैं।
